"दिगम्बर जैन मन्दिर": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "Category:जैन धर्म कोश" to "Category:जैन धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
|||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Digamber-Jain-Temple.jpg|thumb|दिगम्बर जैन मन्दिर, [[दिल्ली]]]] | |||
'''दिगम्बर जैन मन्दिर''' [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] के [[चाँदनी चौक]] में स्थित है। यह मन्दिर [[जैन धर्म]] के मतावलंबियों की आस्था का बहुत ही प्रमुख केंद्र है। यह मन्दिर 23वें [[जैन]] [[तीर्थंकर]] भगवान [[पार्श्वनाथ तीर्थंकर|पार्श्वनाथ]] को समर्पित है। इस मन्दिर की यह विशेषता है कि इसमें कोई भी पुजारी या [[पुरोहित]] नहीं है। यहाँ दर्शन करने आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु स्वयं ही [[पूजा]] करता है। दिगम्बर जैन मन्दिर में चारों ओर मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। | '''दिगम्बर जैन मन्दिर''' [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] के [[चाँदनी चौक]] में स्थित है। यह मन्दिर [[जैन धर्म]] के मतावलंबियों की आस्था का बहुत ही प्रमुख केंद्र है। यह मन्दिर 23वें [[जैन]] [[तीर्थंकर]] भगवान [[पार्श्वनाथ तीर्थंकर|पार्श्वनाथ]] को समर्पित है। इस मन्दिर की यह विशेषता है कि इसमें कोई भी पुजारी या [[पुरोहित]] नहीं है। यहाँ दर्शन करने आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु स्वयं ही [[पूजा]] करता है। दिगम्बर जैन मन्दिर में चारों ओर मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। | ||
==स्थापना== | ==स्थापना== | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 14: | ||
{{जैन धर्म2}} | {{जैन धर्म2}} | ||
{{जैन धर्म}} | {{जैन धर्म}} | ||
{{दिल्ली}} | |||
[[Category:जैन धर्म कोश]] | [[Category:जैन धर्म]] | ||
[[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | |||
[[Category:जैन धार्मिक स्थल]] | [[Category:जैन धार्मिक स्थल]] | ||
[[Category:जैन मन्दिर]] | [[Category:जैन मन्दिर]] | ||
[[Category:दिल्ली]][[Category:दिल्ली के पर्यटन स्थल]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
13:41, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

दिगम्बर जैन मन्दिर भारत की राजधानी दिल्ली के चाँदनी चौक में स्थित है। यह मन्दिर जैन धर्म के मतावलंबियों की आस्था का बहुत ही प्रमुख केंद्र है। यह मन्दिर 23वें जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। इस मन्दिर की यह विशेषता है कि इसमें कोई भी पुजारी या पुरोहित नहीं है। यहाँ दर्शन करने आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु स्वयं ही पूजा करता है। दिगम्बर जैन मन्दिर में चारों ओर मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं।
स्थापना
जैन धर्म को मानने वालों के दिल्ली स्थित 170 मन्दिरों में से एक इस मन्दिर में श्रद्घालुओं की संख्या सबसे अधिक रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने वाले इस मन्दिर का निर्माण तत्कालीन मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के फ़ौजी अफ़सर ने करवाया था। शुरुआत में इसे 'खेती के कूचे का मन्दिर' और 'लश्करी का मन्दिर' आदि नामों से जाना जाता था। कुछ लोग उर्दू बाज़ार में होने के कारण इसे 'उर्दू मन्दिर' कहकर भी सम्बोधित करते थे।[1]
इतिहास
1656 ई. से पहले इस मन्दिर के स्थान पर मुग़ल सैनिकों की छावनी हुआ करती थी। यह माना जाता है कि सेना का एक अधिकारी जो जैन धर्म का मानने वाला था, उसने दर्शन के लिए यहाँ पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा की स्थापना करवाई थी। सेना के दूसरे जैन अधिकारियों और सैनिकों को जब इसका पता चला तो वे भी श्रद्घावश दर्शन के लिए यहाँ पर आने लगे। धीरे-धीरे छोटे से मन्दिर के रूप में यह जगह विकसित हुई और फिर बाद में 1935 ई. में नवीनीकरण के द्वारा इस मन्दिर को भव्य रूप प्रदान किया गया। इस नवीनीकरण में मन्दिर में लाल दीवारों का निर्माण हुआ।
पूजन पद्धति
बगैर पुजारी वाले इस मन्दिर में पूजा करने का अपना एक विधान है। यहाँ श्रद्घालु स्वयं पूजा करते हैं। इतना अवश्य है कि पूजा की सामग्री आदि मामलों में उन्हें सहयोग के लिए एक व्यक्ति यहाँ उपस्थित रहता है, जिसे 'व्यास' कहा जाता है। आठ वेदियों वाले इस मन्दिर में सबसे प्राचीन वेदी पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा स्थापित की गई है। एक दूसरी वेदी पर एक ओर 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की यक्षिणी पद्मावती की प्रतिमा विराजमान है। मन्दिर में चारों दिशा की ओर मुंह किए चार मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इन मूर्तियों की स्थापना बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं के दर्शन के लिए की गई थी।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 दिगम्बर जैन मन्दिर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 मार्च, 2012।
संबंधित लेख