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[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के राजाओं के समकालीन दक्षिण में बहमनी सुल्तानों का आधिपत्य था, जिन्होंने 14वीं से 16वीं शती तक शासन किया। अहमदशाह बहमनी सल्तनत का नवाँ सुल्तान था जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान [[फ़िरोज शाह बहमनी|फ़िरोज]] की हत्या करके तख़्त पर बैठ था। उसने 1435 ई. तक राज्य किया।
 
[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के राजाओं के समकालीन दक्षिण में बहमनी सुल्तानों का आधिपत्य था, जिन्होंने 14वीं से 16वीं शती तक शासन किया। अहमदशाह बहमनी सल्तनत का नवाँ सुल्तान था जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान [[फ़िरोज शाह बहमनी|फ़िरोज]] की हत्या करके तख़्त पर बैठ था। उसने 1435 ई. तक राज्य किया।
 
;<u>शासन</u>
 
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अहमदशाह बहमनी ने विजयनगर राज्य से लम्बी लड़ाई लड़ी। उस राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया। उसने [[वारंगल आन्ध्र प्रदेश|वारंगल]] के [[हिन्दू]] राज्य को भी जीत लिया और [[मालवा]] तथा [[गुजरात]] के सुल्तानों तथा [[कोंकण]] के हिन्दू राजाओं से युद्ध किये। वह अपनी राजधानी [[गुलबर्गा]] से [[बीदर]] ले गया और अपने नाम पर उसका नामकरण [[अहमदनगर]] किया।
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अहमदशाह बहमनी ने विजयनगर राज्य से लम्बी लड़ाई लड़ी। उस राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया। उसने [[वारंगल]] के [[हिन्दू]] राज्य को भी जीत लिया और [[मालवा]] तथा [[गुजरात]] के सुल्तानों तथा [[कोंकण]] के हिन्दू राजाओं से युद्ध किये। वह अपनी राजधानी [[गुलबर्गा]] से [[बीदर]] ले गया और अपने नाम पर उसका नामकरण [[अहमदनगर]] किया।
  
 
;<u>बीदर दुर्ग</u>
 
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09:00, 3 मई 2011 का अवतरण

विजयनगर के राजाओं के समकालीन दक्षिण में बहमनी सुल्तानों का आधिपत्य था, जिन्होंने 14वीं से 16वीं शती तक शासन किया। अहमदशाह बहमनी सल्तनत का नवाँ सुल्तान था जो 1422 ई. में अपने भाई, आठवें सुल्तान फ़िरोज की हत्या करके तख़्त पर बैठ था। उसने 1435 ई. तक राज्य किया।

शासन

अहमदशाह बहमनी ने विजयनगर राज्य से लम्बी लड़ाई लड़ी। उस राज्य को बुरी तरह नष्ट किया और हज़ारों स्त्री-पुरुषों और बच्चों का क़त्ल कर दिया। उसने वारंगल के हिन्दू राज्य को भी जीत लिया और मालवा तथा गुजरात के सुल्तानों तथा कोंकण के हिन्दू राजाओं से युद्ध किये। वह अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर ले गया और अपने नाम पर उसका नामकरण अहमदनगर किया।

बीदर दुर्ग

अहमदशाह बहमनी द्वारा 1432 ई. में निर्मित प्रसिद्ध बीदर दुर्ग के रंगमहल के तीन कमरों में किसी समय सुन्दर पुष्पलताओं के चित्र थे, किन्तु अब वे नष्ट हो चुके हैं।

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