अब्दुलनवी

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औरंगजेब की ओर से मथुरा का फ़ौजदार अब्दुलनवी नामक एक कट्टर मुसलमान था। वह सन् 1660 से सन् 1669 तक मथुरा का फ़ौजदार रहा था। उसने ब्रज के हिन्दुओं को ज़बर्दस्ती मुसलमान बनाने का प्रयत्न किया था और उनके मंदिर−देवालयों को नष्ट करने की चेष्टा की थी। उससे ब्रज के हिन्दुओं ने विद्रोह कर दिया था ।

ब्रज में विद्रोह

औरंगजेब के दमन के कारण अनेक स्थानों के हिन्दुओं ने विरोध किया, किंतु उसकी भंयकर लपट ब्रज में दिखलाई दी थी। महावन के निकट की ग्रामीण जनता से सन् 1669 में गोकुल सिंह जाट के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। औरंगजेब के अत्याचारों के विरुद्ध हिन्दुओं का वह प्रथम संगठित संघर्ष था। मथुरा का फ़ौजदार अब्दुलनबी एक बड़ी सेना लेकर विद्रोहियों को दंड देने के लिए गया। महावन परगना के सिहोरा गाँव में उसकी विद्रोहियों से मुठभेड़ हुई जिसमें अब्दुलनवी मारा गया और मु्ग़ल सेना बुरी तरह हार गई। उसके बाद विद्रोहियों ने सादाबाद के समृद्धिशाली इलाके को लूटा और फिर आगरा तक लूटमार करते रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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