हिन्दाल

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हिन्दाल मुग़ल बादशाह हुमायूँ (1350-1535 ई.) के तीन छोटे भाइयों में से एक था। हुमायूँ हमेशा ही हिन्दाल के साथ उदारता का व्यवहार करता था, किंतु वह अक्सर अहसान फरामोश बन जाता था। जब कभी भी हुमायूँ को हिन्दाल की मदद की आवश्यकता हुई, उसने हुमायूँ की कोई मदद नहीं की।

  • जब हुमायूँ बंगाल में युद्ध कर रहा था, तब हिन्दाल पर संचार मार्ग खुला रखने का भार डाला गया, परंतु हिन्दाल ने अपना दायित्व पूरा नहीं किया।
  • वर्ष 1539 ई. में चौसा की लड़ाई में हुमायूँ की हार में हिन्दाल का भी योगदान था।
  • चौसा के युद्ध में पराजय के बाद भी हुमायूँ ने हिन्दाल को क्षमा कर दिया था, लेकिन जब हुमायूँ स्वयं मुसीबतों में घिर गया, तब हिन्दाल ने उसकी कोई मदद नहीं की।
  • हिन्दाल अपने से बड़े भाई कामरान से मिल गया और उसने हुमायूँ की सहायता करने से साफ इंकार कर दिया।
  • कुछ समय बाद ही हिन्दाल का कामरान से भी झगड़ा हो गया और वह फिर से हुमायूँ से आ मिला।
  • हुमायूँ द्वारा दिल्ली सल्तनत फिर से प्राप्त करने के पूर्व ही एक अफ़ग़ान ने हिन्दाल को रात के समय मार डाला।


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