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हमीदा बानो बेगम

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हमीदा बानो बेगम (1527-1604) भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध मुग़ल बादशाह हुमायूँ की पत्नी थी। वह तीसरे मुग़ल बादशाह अकबर की माँ थी। हमीदा बानो बेगम ने ही नई दिल्ली के 'दीनापनाह' अर्थात पुराने क़िले के निकट 'हुमायूँ के मक़बरे' का निर्माण करवाया था।

  • 26 जून, 1539 ई. को 'चौसा के युद्ध' में शेरशाह से परास्त होने के उपरान्त हुमायूँ सिंध चला गया था, जहाँ उसने लगभग 15 वर्ष तक घुमक्कड़ों जैसा निर्वासित जीवन व्यतीत किया।
  • निर्वासन के समय में ही हुमायूँ ने अपने छोटे भाई हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु, फ़ारस के निवासी शिया मीर बाबा दोस्त उर्फ ‘मीर अली अकबरजामी’ की पुत्री हमीदा बेगम से 29 अगस्त, 1541 ई. को निकाह कर लिया।
  • हमीदा बानो 'शिया' थी, जबकि उसका पती हुमायूँ 'सुन्नी' मुस्लिम था।
  • आगे के दिनों में हमीदा बानो के गर्भ से ही भारतीय इतिहास में अपनी कभी न मिटने वाली छाप छोड़ने वाले प्रसिद्ध बादशाह अकबर का जन्म हुआ।
  • 'हुमायूँ के मक़बरे' का निर्माण हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार 1562 ई. में हुमायूँ की मृत्यु के आठ वर्ष उपरांत आरंभ हुआ था।
  • कई बार हमीदा बानो बेगम से हुमायूँ की पहली पत्नी 'हाजी बेगम' का भ्रम भी होता है, हालांकि 16वीं शताब्दी में लिखे ब्यौरेवार 'आइना-ए-अकबरी' के अनुसार एक अन्य 'हाजी बेगम' भी थीं, जो हुमायूँ की ममेरी बहन थी और बाद में उसकी बेगम बनी; उसको मक़बरे का दायित्व सौंपा गया था।
  • हुमायूँ का मक़बरा नई दिल्ली के 'दीनापनाह' अर्थात पुराने क़िले के निकट संत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास मथुरा मार्ग के निकट यमुना नदी के किनारे स्थित है।


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