गंगाधर अधिकारी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- प्रमुख कम्युनिस्ट नेता गंगाधर अधिकारी का जन्म 1898 ई. में महाराष्ट्र के 'कोलाबा ज़िले' में हुआ था।
- वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जर्मनी भी गए, किन्तु वहाँ कम्युनिस्ट साहित्य और कार्यकर्ताओं के सम्पर्क से साम्यवादी बन गए।
- उन्होंने वहाँ साम्राज्य विरोधी लीग की गतिविधियों में भी भाग लिया।
- 1928 में जब अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आन्दोलन का साहित्य लेकर गंगाधर अधिकारी भारत आए, तो कुछ समय के बाद 1929 में गिरफ्तार कर लिए गए।
- ‘मेरठ षड्यंत्र केस’ के भी वे एक मुख्य अभियुक्त थे।
- 4 वर्ष के बाद जेल से छूटने पर पार्टी का संगठन करने लगे थे कि, 1934 में उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया। इस बार वे बीजापुर जेल से भागकर भूमिगत हो गए और 1938 में प्रकट हुए।
- 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ होते ही वे पुन: भूमिगत हो गए थे। परन्तु 1942 में जब सरकार ने कम्युनिस्ट पार्टी से उसके युद्ध प्रयत्नों में सहयोग और ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ का विरोध करने पर उस पार्टी से प्रतिबन्ध हटा लिया तो, गंगाधर अधिकारी फिर से बाहर आकर श्रमिकों में काम करने लगे।
- एक समय था, जब वे मुम्बई में मज़दूरों के साथ निवास करते हुए 25 रुपये मासिक पर अपना काम चलाते थे।
- वे कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय समिति के सदस्य भी थे।
- 1981 में उनका देहान्त हो गया था।
- उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के दस्तावेज़ कई खण्डों में सम्पादित किये हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 211।
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