"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर

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==महाभारत सामान्य ज्ञान==
{{Navbox
{| class="bharattable-green" width="100%"
|name=औपनिवेशिक काल
|-
|title =[[:Category:औपनिवेशिक काल|औपनिवेशिक (उपनिवेश) काल]] (1760-1947 ई.)
| valign="top"|
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{[[शकुंतला]] के पोषक [[पिता]] का नाम क्या था?
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+[[कण्व ऋषि|कण्व]]
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-[[भृगु]]
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-[[कर्दम ऋषि|कर्दम]]
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-[[गौतम ऋषि|गौतम]]
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||देवी [[शकुंतला]] के धर्मपिता के रूप में महर्षि [[कण्व ऋषि|कण्व]] की अत्यन्त प्रसिद्धि है। महाकवि [[कालिदास]] ने अपने '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में महर्षि के तपोवन, उनके आश्रम-प्रदेश तथा उनका जो धर्माचारपरायण उज्ज्वल एवं उदात्त चरित प्रस्तुत किया है, वह अन्यत्र उपलब्ध नहीं होता। उनके मुख से एक भारतीय कथा के लिये [[विवाह]] के समय जो शिक्षा निकली है, वह उत्तम गृहिणी का आदर्श बन गयी। [[वेद]] में ये बातें तो वर्णित नहीं हैं, पर इनके उत्तम ज्ञान, तपस्या, मन्त्रज्ञान, अध्यात्मशक्ति आदि का आभास प्राप्त होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कण्व ऋषि|कण्व]]
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{निम्नलिखित में से कौन [[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]] के बड़े पुत्र थे?
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|state=<includeonly>uncollapsed</includeonly>
-[[अधिरथ]]
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+[[कच देवयानी|कच]]
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-[[अचल]]
|group1 =व्यक्तित्व
-[[भूरिश्रवा]]
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||देवगुरु [[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]] पीत वर्ण के हैं। उनके सिर पर स्वर्णमुकुट तथा गले में सुन्दर माला है। वे पीत [[वस्त्र]] धारण करते हैं तथा [[कमल]] के आसन पर विराजमान है। उनके चार हाथों में क्रमश: दण्ड, [[रुद्राक्ष]] की माला, पात्र और वरदमुद्रा सुशोभित है। देवगुरु बृहस्पति की एक पत्नी का नाम शुभा और दूसरी का [[तारा (बृहस्पति की पत्नी)|तारा]] है। शुभा से सात कन्याएँ और तारा से सात पुत्र तथा एक कन्या उत्पन्न हुई। बृहस्पति की तीसरी पत्नी ममता से [[कच देवयानी|कच]] तथा [[भारद्वाज]] नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]]
|list1 =[[अकबर ख़ाँ]] '''·''' [[अकबर हैदरी]] '''·''' [[अज़ीमुल्लाह ख़ाँ]] '''·''' [[अजीमुद्दौला]] '''·''' [[अनवरुद्दीन]] '''·''' [[आलमशाह द्वितीय]] '''·''' [[डूप्ले]] '''·''' [[दलीप सिंह]] '''·''' [[दौलतराव शिन्दे]] '''·''' [[बख़्त ख़ाँ]] '''·''' [[बाई अमन]] '''·''' [[महादजी शिन्दे]] '''·''' [[रणजीत सिंह]] '''·''' [[ला बोर्दने]] '''·''' [[शाह शुजा दुर्रानी]] '''·''' [[शेरअली]] '''·''' [[सिराजुद्दौला]] '''·''' [[मारकुइस डि बुसी]] '''·''' [[मार्टीमेर डुरंड]] '''·''' [[काउंत डी एक]] '''·''' [[गंगागोविंद सिंह]] '''·''' [[सर डेविड आक्टरलोनी]] '''·''' [[सर चार्ल्स मैटकाफ]] '''·''' [[सर सैम्युअल आकमटी]] '''·''' [[आदम जाम]] '''·''' [[गोडर्ड कर्नल]] '''·''' [[उमदुतुल उमरा]] '''·''' [[सर जॉन कीन]] '''·''' [[गंगाधर राव]] '''·''' [[चेतसिंह]] '''·''' [[आसफ़उद्दौला]] '''·''' [[महारानी एलिजाबेथ प्रथम]] '''·''' [[विलियम विलसन हन्टर]] '''·''' [[लालमोहन घोष]] '''·''' [[हबीबुल्ला ख़ाँ अमीर|हबीबुल्ला ख़ाँ]] '''·''' [[राम सिंह]] '''·''' [[बालक सिंह]] '''·''' [[आग़ा ख़ाँ]] '''·''' [[श्रीराम वाजपेयी]] '''·'''  [[एलिजा इम्पी]] '''·''' [[जोसेफ़ बैपटिस्टा]] '''·''' [[विलियम नॉट]] '''·''' [[विलियम फ़्रेज़र]] '''·''' [[ज़िन्दाँ रानी]] '''·''' [[नंदकुमार]] '''·''' [[मिर्ज़ा इस्माइल]] '''·''' [[तुकोजी राव होल्कर द्वितीय]] '''·''' [[शिताबराय]] '''·''' [[ए. ओ. ह्यूम|ह्यूम, ए. ओ.]] '''·''' [[अमीचन्द]] '''·''' [[मेजर विनसेण्ट आयर]] '''·''' [[अलेक्जण्डर बर्न्स]] '''·''' [[जेम्स आउटरम]] '''·''' [[अयूब ख़ाँ (जनरल)]] '''·''' [[अयूब ख़ाँ (शेरअली पुत्र)]] '''·''' [[चंदा साहब]] '''·''' [[इब्राहीम ख़ाँ गार्दी]] '''·''' [[मंसूर अली ख़ाँ]] '''·''' [[लालसिंह]] '''·''' [[टीपू सुल्तान]] '''·''' [[अब्दुर्रहमान]] '''·''' [[अमर सिंह थापा]] '''·''' [[जगत सेठ]] '''·''' [[यशवंत राव होल्कर]] '''·''' [[मीर क़ासिम]] '''·''' [[मीर ज़ाफ़र]] '''·''' [[मैक्स मूलर]] '''·''' [[अजीम उल्लाह ख़ाँ]] '''·''' [[डंकन जोनाथन]] '''·''' [[एडवर्ड सप्तम]] '''·''' [[मुन्नी बेगम]] '''·''' [[तुकोजी राव होल्कर तृतीय]] '''·''' [[शेरसिंह (छत्तरसिंह पुत्र)]] '''·''' [[फ़ैजुल्ला ख़ाँ]] '''·''' [[जगत नारायण मुल्ला]] '''·''' [[सर हारकोर्ट बटलर]] '''·''' [[रेवरेण्ड हेनरी मार्टिन]] '''·''' [[अली मर्दान रुहेला]] '''·''' [[मीरन]] '''·''' [[एलिस विलियम]] '''·''' [[एलफ़िन्स्टन जॉन बैरन]] '''·''' [[एलफ़िन्स्टन माउण्ट स्टुअर्ट]] '''·''' [[इण्डियन नेशनल कान्फ़्रेंस]] '''·''' [[कर्नल फ़ेरे]] '''·''' [[कर्नल फ़ोर्ड]] '''·''' [[दुर्लभराय]] '''·''' [[चार्ल्स जेम्स फ़ाक्स]] '''·''' [[सआदत अली]] '''·''' [[स्वराज पार्टी]] '''·''' [[तेजा सिंह]] '''·''' [[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ.ह्यूम]] '''·''' [[बन्धुल]] '''·''' [[विलियम होजेज़]] '''·''' [[बुकानन, फ़्राँसिस|बुकानन]] '''·''' [[जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन]] '''·''' [[जॉन गिलक्राइस्ट]] '''·''' [[सर रॉबर्ट बारकर]] '''·''' [[रिचर्ड बेबर]] '''·''' [[हेनरी लुई विवियन देरोजियो]] '''·''' [[बेंजामिन डिसरायली]] '''·''' [[सर चार्ल्स जेम्स नेपियर]] '''·''' [[अलेक्ज़ेण्डर डफ़]] '''·''' [[जनरल अलार]] '''·''' [[लेडी हैरियट जार्जियाना]] '''·''' [[ब्रिगेडियर जनरल जॉन निकोल्सन]] '''·''' [[जनरल सर आर्थर पावर पामर]] '''·''' [[डेविड आक्टरलोनी]] '''·''' [[फ़ोर्थ]] '''·''' [[जनरल पेरों]] '''·''' [[जेम्स फ़ोर्बेस]] '''·''' [[सर फ़िलिप फ़्राँसिस]] '''·''' [[बैमफ़ील्ड फ़ुलर]] '''·''' [[विलियम फ़ुलार्टन]] '''·''' [[शेरसिंह (रणजीत सिंह पुत्र)]] '''·''' [[हरि सिंह नलवा]] '''·''' [[हिंगोली]] '''·''' [[सीरिल रैडक्लिफ़]] '''·''' [[गाज़ीउद्दीन इमामुलमुल्क]] '''·''' [[ब्रिगेडियर नील जेम्स]] '''·''' [[विक्टर जैकोमाण्ट]]
 
|list1style=
{[[हरिद्वार]] में 2 मील दूर, [[गंगा नदी]] और नीलधारा के संगम पर स्थित [[तीर्थ]] का नाम क्या है?
|group2 =युद्ध
|type="()"}
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-[[अनूपक]]
|list2 =[[गोरखा युद्ध]] '''·''' [[बक्सर का युद्ध]] '''·''' [[बर्मी युद्ध]] '''·''' [[सिपाही क्रांति 1857]] '''·''' [[पोर्टो नोवो युद्ध]] '''·''' [[दीग की लड़ाई]] '''·''' [[असाई की लड़ाई]] '''·''' [[आष्टी की लड़ाई]] '''·''' [[कर्नाटक युद्ध प्रथम]] '''·''' [[आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध]] '''·''' [[आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध प्रथम]] '''·''' [[वाडीवाश का युद्ध]] '''·''' [[आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध द्वितीय]] '''·''' [[आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध तृतीय]] '''·''' [[दोनाबू का युद्ध]] '''·''' [[ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध]] '''·''' [[आंग्ल-मराठा युद्ध]] '''·''' [[आम्बूर की लड़ाई]] '''·''' [[आंग्ल-मराठा युद्ध प्रथम]] '''·''' [[आंग्ल-मराठा युद्ध द्वितीय]] '''·'''  [[आंग्ल-मराठा युद्ध तृतीय]] '''·''' [[अलीवाल की लड़ाई]] '''·''' [[प्लासी युद्ध]] '''·''' [[बेदारा की लड़ाई]] '''·''' [[फ़िरोज़शाह का युद्ध]] '''·''' [[मियानी का युद्ध]] '''·''' [[आंग्ल-बर्मा युद्ध प्रथम]] '''·''' [[आंग्ल-बर्मा युद्ध द्वितीय]] '''·''' [[आंग्ल-बर्मा युद्ध तृतीय]] '''·''' [[आंग्ल-बर्मा युद्ध]] '''·'''
-[[काम्यकवन]]
|group3=सन्धियाँ
-[[बैराट]]
|group3style=
+[[कनखल]]
|list3=[[अलीनगर की संधि]] '''·''' [[इलाहाबाद की सन्धि]] '''·''' [[बसई की सन्धि]] '''·''' [[सालबाई की सन्धि]] '''·''' [[सुर्जी अर्जुनगाँव की सन्धि]] '''·''' [[गंडमक की संधि]] '''·''' [[सुगौली सन्धि]] '''·''' [[बड़गाँव समझौता]] '''·''' [[सूरत की सन्धि]] '''·''' [[देवगाँव की संधि]] '''·''' [[शिमला सम्मेलन]] '''·''' [[पूना समझौता]] '''·''' [[त्रिपक्षीय सन्धि]]
||[[कनखल]] [[हरिद्वार]] के निकट अति प्राचीन स्थान है। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[दक्ष]] प्रजापति ने अपनी राजधानी कनखल में ही वह [[यज्ञ]] किया था, जिसमें अपने पति भगवान [[शिव]] का अपमान सहन न करने के कारण दक्षकन्या [[सती]] जलकर भस्म हो गई थी। कनखल में दक्ष का मंदिर तथा यज्ञ स्थान आज भी बने हैं। [[मेघदूत]] में [[कालिदास]] ने कनखल का उल्लेख मेध की अलका-यात्रा के प्रसंग में किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनखल]]
|list3style=
 
|group4=विद्रोह तथा आंदोलन
{[[द्रोणाचार्य]] की पत्नी का नाम क्या था?
|group4style=
|type="()"}
|list4=[[तेलंगाना किसान आन्दोलन]] '''·''' [[श्वेत विद्रोह]] '''·''' [[व्यक्तिगत सत्याग्रह]] '''·''' [[वरसाड आन्दोलन]] '''·''' [[ताना भगत आन्दोलन]] '''·''' [[आत्मसम्मान आन्दोलन]] '''·''' [[पारसी सुधार आन्दोलन]] '''·''' [[भोमर का भील आन्दोलन]] '''·''' [[यंग बंगाल आन्दोलन]] '''·''' [[गुरुवायूर सत्याग्रह]] '''·''' [[वायकोम सत्याग्रह]] '''·''' [[बिजोलिया किसान आन्दोलन]] '''·''' [[होमरूल लीग आन्दोलन]] '''·''' [[दक्कन विद्रोह]] '''·''' [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] '''·''' [[नौसेना विद्रोह]] '''·''' [[चम्पारन सत्याग्रह]] '''·''' [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन]] '''·''' [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन (प्रथम चरण)]] '''·''' [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन (द्वितीय चरण)]] '''·''' [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन (तृतीय चरण)]] '''·''' [[किसान आन्दोलन]] '''·''' [[एका आन्दोलन]] '''·''' [[नील आन्दोलन]] '''·''' [[पाबना विद्रोह]] '''·''' [[श्रमिक आन्दोलन]] '''·''' [[ग़दर आन्दोलन]] '''·''' [[अलीगढ़ आन्दोलन]] '''·''' [[देवबन्द स्कूल]] '''·''' [[सिक्ख सुधार आन्दोलन]]
-[[दमयंती]]
|list4style=
-[[रेणुका]]
|group5=अन्य
+कृपि
|group5style=
-[[देवयानी]]
|list5 =[[बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू]] '''·''' [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] '''·''' [[मालगुज़ारी]] '''·''' [[स्थाई बन्दोबस्त]] '''·''' [[सीमा आयोग]] '''·''' [[गोलमेज़ सम्मेलन‎‎]] '''·''' [[अनुशीलन समिति]] '''·''' [[अव्यवस्थित प्रांत]] '''·''' [[अवध की बेगमें]] '''·''' [[सत्यशोधक समाज]] '''·''' [[डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] '''·''' [[नेहरू समिति]] '''·''' [[गोलमेज़ सम्मेलन तृतीय]] '''·''' [[हिन्दू महासभा]] '''·''' [[जस्टिस पार्टी]] '''·''' [[इस्तमरारी बन्दोबस्त]] '''·''' [[वर्धा शिक्षा आयोग]] '''·''' [[थीवा]] '''·''' [[माउन्टबेटन योजना]] '''·''' [[अदालत]] '''·''' [[सदर निजामत अदालत]] '''·''' [[सदर दीवानी अदालत]]  '''·''' [[कामागाटामारू प्रकरण]]  '''·''' [[मुजफ़्फ़रपुर बमकांड]] '''·''' [[भारतीय क़ानून कमीशन]] '''·''' [[क्रिप्स प्रस्ताव]] '''·''' [[मांटेग्यू घोषणा]] '''·''' [[सार्जेण्ट योजना]] '''·''' [[गोलमेज़ सम्मेलन द्वितीय]] '''·''' [[बंग भंग]] '''·''' [[सेंट्रल असेम्बली बमकांड]] '''·''' [[गोलमेज़ सम्मेलन प्रथम|प्रथम गोलमेज़ सम्मेलन]] '''·''' [[शिशु हत्या उन्मूलन]] '''·''' [[अवध काश्तकारी क़ानून]] '''·''' [[उत्तर प्रदेश किसान सभा]] '''·''' [[अवध किसान सभा]] '''·''' [[नेहरू रिपोर्ट]] '''·''' [[हन्टर समिति]] '''·''' [[इण्डियन एसोसिएशन]] '''·''' [[वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट]] '''·''' [[वुड घोषणा पत्र]] '''·''' [[नरेन्द्र मण्डल]] '''·''' [[पिट एक्ट]] '''·''' [[राजस्थान सेवा संघ]] '''·''' [[हार्टोग समिति]] '''·''' [[बंगाल विभाजन]] '''·''' [[नेटाल भारतीय कांग्रेस]] '''·''' [[अगस्त प्रस्ताव]] '''·''' [[सैडलर आयोग]] '''·''' [[काकोरी काण्ड]] '''·''' [[साम्प्रदायिक निर्णय]] '''·''' [[कैबिनेट मिशन]] '''·''' [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] '''·''' [[द्वैध शासन पद्धति]] '''·''' [[वेवेल योजना]] '''·''' [[रॉलेट एक्ट]] '''·''' [[जिन्ना के चौदह सूत्र]] '''·''' [[हन्टर शिक्षा आयोग]] '''·''' [[द्वैध शासन (बंगाल)]] '''·''' [[क्रिप्स मिशन]] '''·''' [[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] '''·''' [[आधुनिक भारत का इतिहास]] '''·''' [[भारतीय ज़मींदारी प्रथा]] '''·''' [[साइमन कमीशन]] '''·''' [[महालवाड़ी व्यवस्था]] '''·''' [[रेवरेण्ड अलेक्ज़ेण्डर डफ़]] '''·''' [[इम्पीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिल]] '''·''' [[फ़ोर्ट सेण्ट डेविड]] '''·''' [[फ़ारवर्ड ब्लॉक]] '''·''' [[बंगाल की दीवानी]] '''·''' [[बटलर समिति रिपोर्ट]] '''·''' [[इण्डियन कौंसिल एक्ट]]  '''·''' [[भारत सरकार अधिनियम- 1858|भारत सरकार अधिनियम (1858)]] '''·''' [[भारतीय परिषद अधिनियम- 1861|भारतीय परिषद अधिनियम (1861)]] '''·''' [[भारतीय परिषद अधिनियम- 1892|भारतीय परिषद अधिनियम (1892)]] '''·''' [[भारत सरकार अधिनियम- 1919|भारत सरकार अधिनियम (1919)]] '''·''' [[कॉर्नवॉलिस कोड]] '''·''' [[श्रमिक संघ]] '''·''' [[ईस्ट इण्डिया कॉलेज हैलीबरी]] '''·''' [[बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल]] '''·''' [[इल्बर्ट बिल]] '''·''' [[पामर एण्ड कम्पनी काण्ड]] '''·''' [[उत्तर पश्चिमी सीमा प्रदेश]] '''·''' [[कांसीजोड़ा कांड]] '''·''' [[कामलंका]] '''·''' [[कर्मरंग]] '''·''' [[दस्तक]]  '''·''' [[10 मई 1857]] '''·''' [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की मुख्य घटनाएँ]]
||[[द्रोणाचार्य]] [[भारद्वाज|भारद्वाज मुनि]] के पुत्र थे। ये संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर थे। द्रोण अपने [[पिता]] भारद्वाज मुनि के आश्रम में ही रहते हुये चारों [[वेद|वेदों]] तथा [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्रों]] के ज्ञान में पारंगत हो गये थे। द्रोण का जन्म [[उत्तरांचल]] की राजधानी [[देहरादून]] में बताया जाता है, जिसे 'देहराद्रोण' (मिट्टी का सकोरा) भी कहते थे। द्रोणाचार्य का [[विवाह]] [[कृपाचार्य]] की बहिन 'कृपि' के साथ हुआ था, जिससे इन्हें पुत्ररत्न के रूप में [[अश्वत्थामा]] नामक एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्रोणाचार्य]]
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|group6=
{[[श्रीकृष्ण]] के [[रुक्मणी]] से उत्पन्न पुत्र का नाम क्या था?
|group6style=
|type="()"}
|list6=
-[[भूरिश्रवा]]
|list6style=
+[[प्रद्युम्न]]
|group7=
-[[उग्रसेन राजा|उग्रसेन]]
|group7style=
-[[जन्मेजय]]
|list7=
||[[श्रीकृष्ण]] की कई रानियाँ थीं। इनमें से कई रानियों को तो उनके माता-पिता ने [[विवाह]] में प्रदान किया था और शेष को कृष्ण विजय में प्राप्त कर लाये थे। सतांन-पुराणों से ज्ञात होता है कि कृष्ण के संतानों की संख्या बड़ी थी। [[रुक्मणी]] से दस पुत्र और एक कन्या थी। इनमें सबसे बड़ा [[प्रद्युम्न]] था। [[भागवत]] आदि [[पुराण|पुराणों]] में कृष्ण के गृहस्थ-जीवन तथा उनकी दैनिक चर्या का हाल विस्तार से मिलता है। प्रद्युम्न के पुत्र [[अनिरुद्ध]] का विवाह 'शोणितपुर' के राजा [[बाणासुर]] की पुत्री [[ऊषा]] के साथ हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीकृष्ण]]
|list7style=
 
|group8=
{निम्नलिखित में से कौन [[श्रीकृष्ण]] के [[नाना]] थे?
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|type="()"}
|list8=
-[[चित्ररथ]]
|list8style=
-[[शशबिन्दु]]
|group9=
-[[कंस]]
|group9style=
+[[देवक]]
|list9=
 
|list9style=
{महर्षि [[भृगु]] की पत्नी का नाम क्या था?
|group10=
|type="()"}
|group10style=
+पुलोमा
|list10 =
-[[अनुसूया]]
|list10style=
-[[दिति]]
|group11=
-[[अरुन्धती]]
|group11style=
 
|list11=
{वभ्रुवाहन किसका पुत्र था?
|list11style=
|type="()"}
|group12=
-[[भीम]]
|group12style=
-[[युधिष्ठिर]]
|list12=
+[[अर्जुन]]
|list12style=
-[[नकुल]]
|group13=
||[[अर्जुन]] सबसे अच्छे तीरंदाज थे। वे माता [[कुंती]] के पुत्र थे। गुरु [[द्रोणाचार्य]] के वे सर्वश्रेष्ठ और प्रिय शिष्य थे। अपनी वीरता का उन्होंने अनेक अवसरों पर परिचय दिया था। [[द्रौपदी]] को स्वयंवर में जीतने वाले भी वही थे। अर्जुन की कई रानियाँ थीं, जिनमें द्रौपदी से उन्हें 'श्रुतकर्मा', [[सुभद्रा]] से '[[अभिमन्यु]]' और [[उलूपी]] से '[[इरावत]]' तथा [[चित्रांगदा]] से 'वभ्रुवाहन' नामक पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अर्जुन]]
|group13style=
 
|list13=
{[[सरस्वती नदी|सरस्वती]] और [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के बीच का भाग क्या कहलाता था?
|list13style=
|type="()"}
|group14=
-[[आर्यावर्त]]
|group14style=
+[[ब्रह्मावर्त]]
|list14=
-[[पंचनद (महाभारत)|पंचनद]] क्षेत्र
|list14style=
-[[अच्युतस्थल]]
|group15=
||[[वैदिक काल|वैदिक]] तथा परवर्ती काल में [[ब्रह्मावर्त]] [[पंजाब]] का वह भाग था, जो [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] और [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के मध्य में स्थित था। मेकडानेल्ड के अनुसार- दृषद्वती वर्तमान '[[घग्घर नदी|घग्घर]]' या 'घागरा' है। प्राचीन काल में यह [[यमुना नदी|यमुना]] और सरस्वती नदियों के बीच में बहती थी। [[कालिदास]] ने [[मेघदूत]] में [[महाभारत]] की युद्धस्थली [[कुरुक्षेत्र]] को 'ब्रह्मावर्त' में माना है। अगले पद्य 51 में कालिदास ने ब्रह्मावर्त में सरस्वती नदी का वर्णन किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्रह्मावर्त]]
|group15style=
 
|list15 =
{निम्नलिखित में से [[द्रोणाचार्य]] के [[पिता]] कौन थे?
|list15style=
|type="()"}
|group16=
-[[अंगिरा]]
|group16style=
-[[अगस्त्य]]
|list16=
+[[भारद्वाज]]
|list16style=
-[[कश्यप]]
|group17=
||[[द्रोणाचार्य]] [[भारद्वाज|भारद्वाज मुनि]] के पुत्र थे। ये संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर थे। महर्षि भारद्वाज का वीर्य किसी 'द्रोणी' (यज्ञकलश अथवा [[पर्वत]] की गुफ़ा) में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे 'द्रोण' कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने [[गंगा]] में [[स्नान]] करती घृताची को देखा। आसक्त होने के कारण जो वीर्य स्खलन हुआ, उसे उन्होंने 'द्रोण' (यज्ञकलश) में रख दिया। उससे उत्पन्न ही बालक द्रोण कहलाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्रोणाचार्य]]
|group17style=
 
|list17=
{[[हरिवंश पुराण]] में तीन पर्व हैं। इन पर्वों में कुल कितने अध्याय हैं?
|list17style=
|type="()"}
|group18=
-321
|group18style=
-311
|list18=
351
|list18style=
+318
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||सम्पूर्ण [[महाभारत]] 18 पर्वों में विभक्त है। कई पर्व बहुत बड़े हैं और कई पर्व बहुत छोटे। अध्यायों में भी श्लोकों की संख्या अनियत है। किन्हीं अध्यायों में 50 से भी कम [[श्लोक]] हैं और किन्हीं-किन्हीं में संख्या 200 से भी अधिक है। लक्षश्लोकात्मक महाभारत की सम्पूर्ति के लिए इन 18 पर्वों के पश्चात 'खिलपर्व' के रूप में '[[हरिवंश पुराण]]' की योजना की गयी है। हरिवंश पुराण में 3 पर्व हैं- 'हरिवंश पर्व', 'विष्णु पर्व' और 'भविष्य पर्व'। इन तीनों पर्वों में कुल मिलाकर 318 अध्याय और 12,000 श्लोक हैं। महाभारत का पूरक तो यह है ही, स्वतन्त्र रूप से भी इसका विशिष्ट महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]]
|group19style=
 
|list19=
{[[दुर्योधन]] कितनी अक्षौहिणी सेना का स्वामी था?
|list19style=
|type="()"}
|group20=
+11 अक्षौहिणी
|group20style=
-10 अक्षौहिणी
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-9 अक्षौहिणी
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-7 अक्षौहिणी
|below=
||धर्मराज [[युधिष्ठिर]] 7 अक्षौहिणी सेना के स्वामी होकर [[कौरव|कौरवों]] के साथ युद्ध करने को तैयार हुए थे। पहले भगवान [[श्रीकृष्ण]] परम क्रोधी [[दुर्योधन]] के पास दूत बनकर गये। उन्होंने 11 अक्षौहिणी सेना के स्वामी दुर्योधन से कहा, "राजन! तुम युधिष्ठिर को आधा राज्य दे दो या उन्हें 5 गाँव देकर ही संतुष्ट हो जाओ; नहीं तो उनके साथ युद्ध करो।' कृष्ण की बात सुनकर दुर्योधन ने कहा, 'मैं उन्हें सुई की नोंक के बराबर भी भूमि नहीं दूँगा; हाँ, उनसे युद्ध अवश्य करूँगा।' ऐसा कहकर वह भगवान कृष्ण को बंदी बनाने के लिये उद्यत हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]]
|belowstyle=
 
}}<noinclude>[[Category:इतिहास के साँचे]]</noinclude>
{[[कुरुक्षेत्र]] में किस स्थान पर [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश दिया?
|type="()"}
-[[इझुला]]
+ज्योतीसर
-[[करुष]]
-[[अपरसेक]]
||[[कुरुक्षेत्र]] [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा [[अम्बाला]], [[यमुनानगर ज़िला|यमुना नगर]], [[करनाल]] और [[कैथल]] से घिरा हुवा है। माना जाता है कि यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर 'ज्योतीसर' नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला 'बासमती चावल' के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका [[ऋग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुरुक्षेत्र]]
 
{निम्नलिखित में किस स्थान को '[[ब्रह्मा]] की यज्ञीय वेदी' कहा जाता है?
|type="()"}
-[[आदित्य तीर्थ]]
-[[अश्वतीर्थ]]
+[[कुरुक्षेत्र]]
-[[इन्द्रप्रस्थ]]
||ब्राह्मण-काल में अत्यन्त पुनीत नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] [[कुरुक्षेत्र]] से होकर ही बहती थी, जहाँ यह मरुभूमि में अन्तर्हित हो गयी थी उसे 'विनशन' कहा जाता था और वहाँ भी एक [[तीर्थ स्थान]] था। आरम्भिक रूप में कुरुक्षेत्र '[[ब्रह्मा]] की यज्ञिय वेदी' कहा जाता था। आगे चलकर इसे 'समन्तपञ्चक' कहा गया। जबकि [[परशुराम]] ने अपने [[पिता]] की हत्या के प्रतिशोध में [[क्षत्रिय|क्षत्रियों]] के [[रक्त]] से पाँच कुण्ड बना डाले, जो [[पितर|पितरों]] के आशीर्वचनों से कालान्तर में पाँच पवित्र जलाशयों में परिवर्तित हो गये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुरुक्षेत्र]]
 
{[[शिखंडी]] किसके शिष्य थे?
|type="()"}
-[[गौतम ऋषि|गौतम]]
-[[आंगिरस]]
-[[वसिष्ठ]]
+[[द्रोणाचार्य]]
||राजा [[द्रुपद]] की पटरानी के कोई पुत्र नहीं था। [[कौरव|कौरवों]] के वध के लिए पुत्र-प्राप्ति के हेतु द्रुपद ने घोर तपस्या की और [[शिव]] ने उन्हें भी दर्शन देकर कहा कि वे कन्या को प्राप्त करेंगे, जो बाद में पुत्र में परिणत हो जायेगी। अत: जब 'शिखंडिनी' का जन्म हुआ, तब उसका लालन-पालन पुत्रवत किया गया। हिरण्यवर्मा को जब यह विदित हुआ कि [[शिखंडी]] पुरुष है, युद्ध-विद्या में [[द्रोणाचार्य]] का शिष्य है, तब उसने शिखंडी का निरीक्षण-परीक्षण कर द्रुपद के प्रति पुन: मित्रता का हाथ बढ़ाया तथा अपनी कन्या को मिथ्या वाचन के लिए डांटकर राजा द्रुपद के घर से ससम्मान प्रस्थान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिखंडी]]
</quiz>
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__NOTOC__

07:28, 26 मई 2017 के समय का अवतरण