कर्नल फ़ोर्ड

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कर्नल फ़ोर्ड ईस्ट इंडिया कम्पनी की बंगाल सेना का एक अफ़सर था। इसे रॉबर्ट क्लाइव ने 1759 ई. में दक्षिण भारत में फ़्राँसीसियों पर प्रहार करने के लिए भेजा था। वह सफलता के साथ समुद्र तट पर बढ़ता गया और मसुलीपत्तनम पर क़ब्ज़ा कर लिया। इस प्रकार से उत्तरी सरकार पर से फ़्राँसीसियों का नियंत्रण समाप्त हो गया और वह अंग्रेज़ों के अधिकार में आ गया। बाद को इसी साल उसने बिदर्रा के युद्ध में डचों को पराजित किया, जिनका मुख्यालय चिनुसरा (बंगाल) में था। इस पराजय के बाद बंगाल से डचों का भी सफ़ाया हो गया। कर्नल फ़ोर्ड की मृत्यु दर्दनाक ढंग से हुई थी। 1769 ई. में लंदन स्थित कोर्ट ऑफ़ डाइरेक्टर्स ने वैसिटार्ट और स्क्रैफ़्टन के साथ उसे कम्पनी की हर शाखा की जाँच करने का अधिकार देकर भारत भेजा। किन्तु जिस जहाज़ से कर्नल फ़ोर्ड और उसके दोनों साथी यात्रा कर रहे थे, उत्तमाशा अंतरीप (केप आफ़ गुडहोप) से रवाना होने के बाद उसकी कोई ख़बर नहीं मिली। शायद वह दुर्घटना ग्रस्त होकर समुद्र में डूब गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 260।

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