कर्नल फ़ेरे

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  • कर्नल फ़ेरे बड़ौदा के मल्हार राव के दरबार में ब्रिटिश रेजिडेंट था।
  • उसने गायकवाड़ के विरुद्ध कुशासन के कई आरोप लगाए थे।
  • एक कमीशन द्वारा इन आरोपों की जाँच किये जाने पर मल्हार राव को फ़ेरे के निर्देशन में प्रशासन में सुधार करने के लिए अठारह महीने का समय दिया गया।
  • यह समय प्रशासन में किसी भी प्रकार के सुधार के बिना ही बीत गया।
  • 1875 ई. में अंग्रेज़ कर्नल फ़ेरे ने मल्हार राव पर आरोप लगाया कि उसने मुझे ज़हर देकर मारने की कोशिश की है।
  • मल्हार राव पर मुक़दमा चलाया गया और अंत में उसे गद्दी से उतार दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 259।

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