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फ़िरोज़ गाँधी (जन्म- [[12 सितम्बर]], [[1912]] ई., [[मुम्बई]]; मृत्यु- [[8 सितम्बर]], [[1960]] ई., [[दिल्ली]])  स्वतंत्रता सेनानी और [[लोकसभा]] के प्रभावशाली सदस्य थे। फ़िरोज़ गाँधी [[भारत]] की  प्रथम महिला [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गाँधी]] के पति थे।
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
स्वतंत्रता सेनानी फ़िरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर, 1912 ई. को मुम्बई के एक अस्पताल में पारसी परिवार में हुआ था। [[1915]] ई. में वे अपनी माँ के साथ [[इलाहाबाद]] में कार्यरत एक सम्बन्धी महिला के पास आ गए। इस प्रकार उनकी आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई। इलाहाबाद उन दिनों स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का केन्द्र था। युवक फ़िरोज़ गाँधी इसके प्रभाव में आए और नेहरू परिवार से भी उनका सम्पर्क हुआ। उन्होंने [[1928]] ई. में [[साइमन कमीशन]] के बहिष्कार में भाग लिया तथा [[1930]]-[[1932]] के आन्दोलन में जेल की सज़ा भोगी। फ़िरोज़ गाँधी [[1935]] में  आगे के अध्ययन के लिए लंदन गए और उन्होंने ‘स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स’ से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।  
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स्वतंत्रता सेनानी फ़िरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर, 1912 ई. को मुम्बई के एक अस्पताल में पारसी परिवार में हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम जहाँगीर एवं [[माता]] का नाम रतिमाई था। [[1915]] ई. में वे अपनी माँ के साथ [[इलाहाबाद]] में कार्यरत एक सम्बन्धी महिला के पास आ गए। इस प्रकार उनकी आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई। इलाहाबाद उन दिनों स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का केन्द्र था। युवक फ़िरोज़ गाँधी इसके प्रभाव में आए और नेहरू परिवार से भी उनका सम्पर्क हुआ। उन्होंने [[1928]] ई. में [[साइमन कमीशन]] के बहिष्कार में भाग लिया तथा [[1930]]-[[1932]] के आन्दोलन में जेल की सज़ा भोगी। फ़िरोज़ गाँधी [[1935]] में  आगे के अध्ययन के लिए लंदन गए और उन्होंने ‘स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स’ से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।  
 
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फ़िरोज़ गाँधी ने क्षय रोग से पीड़ित अपनी पत्नी इंदिरा गाँधी की माँ [[कमला नेहरू]] की [[भारत]] और [[जर्मनी]] के चिकित्सालयों में बड़ी सेवा की। उसी समय उनका और इंदिरा का सम्पर्क हुआ और [[मार्च]], [[1942]] ई. में इलाहाबाद में दोनों का [[विवाह]] हो गया।
 
फ़िरोज़ गाँधी ने क्षय रोग से पीड़ित अपनी पत्नी इंदिरा गाँधी की माँ [[कमला नेहरू]] की [[भारत]] और [[जर्मनी]] के चिकित्सालयों में बड़ी सेवा की। उसी समय उनका और इंदिरा का सम्पर्क हुआ और [[मार्च]], [[1942]] ई. में इलाहाबाद में दोनों का [[विवाह]] हो गया।

06:16, 25 मई 2011 का अवतरण

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फ़िरोज़ गाँधी (जन्म- 12 सितम्बर, 1912 ई., मुम्बई; मृत्यु- 8 सितम्बर, 1960 ई., दिल्ली) स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य थे। फ़िरोज़ गाँधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के पति थे।

जीवन परिचय

स्वतंत्रता सेनानी फ़िरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर, 1912 ई. को मुम्बई के एक अस्पताल में पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जहाँगीर एवं माता का नाम रतिमाई था। 1915 ई. में वे अपनी माँ के साथ इलाहाबाद में कार्यरत एक सम्बन्धी महिला के पास आ गए। इस प्रकार उनकी आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई। इलाहाबाद उन दिनों स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का केन्द्र था। युवक फ़िरोज़ गाँधी इसके प्रभाव में आए और नेहरू परिवार से भी उनका सम्पर्क हुआ। उन्होंने 1928 ई. में साइमन कमीशन के बहिष्कार में भाग लिया तथा 1930-1932 के आन्दोलन में जेल की सज़ा भोगी। फ़िरोज़ गाँधी 1935 में आगे के अध्ययन के लिए लंदन गए और उन्होंने ‘स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स’ से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

विवाह

फ़िरोज़ गाँधी ने क्षय रोग से पीड़ित अपनी पत्नी इंदिरा गाँधी की माँ कमला नेहरू की भारत और जर्मनी के चिकित्सालयों में बड़ी सेवा की। उसी समय उनका और इंदिरा का सम्पर्क हुआ और मार्च, 1942 ई. में इलाहाबाद में दोनों का विवाह हो गया।

राजनीति सफ़र

अगस्त, 1942 में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में फ़िरोज़ गांधी कुछ समय तक भूमिगत रहने के बाद गिरफ़्तार कर लिए गए। रिहा होने के बाद 1946 में उन्होंने लखनऊ के दैनिक पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ के प्रबन्ध निदेशक का पद सम्भाला। 1952 के प्रथम आम चुनाव में वे लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद उन्होंने लखनऊ छोड़ दिया। कुछ वर्ष वे और इंदिरा, नेहरू जी के साथ रहे। इंदिरा जी का अधिकांश समय प्रधानमंत्री पिता की देख-रेख में बीतता था। 1956 में फ़िरोज़ गांधी ने प्रधानमंत्री निवास में रहना छोड़ दिया और वे सांसद के साधारण मकान में अकेले ही रहने लगे।

1957 में वे पुन: लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस बार उन्होंने संसद में भ्रष्टाचार के कई मामले उठाए। इन्हीं के कारण वित्त मंत्री टी. टी. कृष्णमाचारी को अपने पद से हटना पड़ा। वे नेहरू परिवार से अपने सम्बन्धों की परवाह किए बिना प्रधानमंत्री की कई नीतियों, विशेषत: औद्योगिक नीतियों की कटु आलोचना करते थे। वे बड़े लोकप्रिय सांसद थे, पर निजी जीवन में अन्तिम वर्षों में बहुत एकाकी हो गए थे। उनके दोनों पुत्र राजीव गाँधी और संजय गाँधी भी अपनी माँ के साथ प्रधानमंत्री निवास में ही रहते थे।

मृत्यु

फ़िरोज़ गाँधी को 1960 में दिल का दौरा पड़ा। इंदिरा जी उस समय महिला सम्मेलन में भाग लेने के लिए केरल गई थीं। सूचना मिलते ही वे तुरन्त दिल्ली आई और 8 सितम्बर, 1960 ई. को फ़िरोज़ गाँधी का देहान्त हो गया।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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