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*अपने भाई रफ़ीउद्दाराजात की भाँति यह भी सैयद बन्धुओं के हाथ की कठपुतली ही बना रहा। | *अपने भाई रफ़ीउद्दाराजात की भाँति यह भी सैयद बन्धुओं के हाथ की कठपुतली ही बना रहा। | ||
*अल्प काल के समय में ही सैयद बन्धुओं ने इसे भी गद्दी से उतार दिया। | *अल्प काल के समय में ही सैयद बन्धुओं ने इसे भी गद्दी से उतार दिया। | ||
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08:02, 17 मई 2014 का अवतरण
- रफ़ीउद्दौला ने 6 जून से 17 सितम्बर, 1719 ई. तक ही शासन किया था।
- रफ़ीउद्दाराजात की मृत्यु के बाद सैय्यद बन्धुओं ने रफ़ीउद्दौला को दिल्ली में मुग़ल वंश की गद्दी पर बैठाया।
- यह ग्यारहवाँ मुग़ल बादशाह था।
- गद्दी पर बैठने के बाद इसने 'शाहजहाँ शानी', 'शाहजहाँ द्वितीय' की उपाधियाँ धारण की थीं।
- यह दूसरा सबसे कम समय तक शासन करने वाला मुग़ल सम्राट था।
- अपने भाई रफ़ीउद्दाराजात की भाँति यह भी सैयद बन्धुओं के हाथ की कठपुतली ही बना रहा।
- अल्प काल के समय में ही सैयद बन्धुओं ने इसे भी गद्दी से उतार दिया।
- जिस प्रकार रफ़ीउद्दाराजात की मृत्यु क्षय रोग के कारण हुई, उसी प्रकार इसकी मृत्यु भी पेचिश रोग के कारण हुयी।
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