"अश्व नदी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:पौराणिक स्थान (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:पौराणिक स्थान]]
__INDEX__
__INDEX__

15:25, 30 जुलाई 2011 का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

महाभारत में अश्व नामक नदी का उल्लेख चर्मण्वती की सहायक नदी के रूप में है। नवजात शिशु कर्ण को कुंती ने जिस मंजूषा में रखकर अश्व नदी में प्रवाहित कर दिया था वह अश्व से चंबल, यमुना और फिर गंगा में बहती हुईं चंपापुरी (ज़िला भागलपुर-बिहार) जा पहुंची थी-

'मंजूषा त्वश्वनद्या: साययौं चर्मण्वतीं नदीम् चर्मण्वत्याश्च यमुनां ततो गंगां जगाम है। गंगाया: सूतविषयं यम्पामनुययै पुरीम्।'[1]

अश्व नदी का नाम शायद इसके तट पर किए जाने वाले अश्वमेध यज्ञों के कारण हुआ था। अश्वमेधनगर इसी नदी के किनारे बसा हुआ था, इसका उल्लेख महाभारत सभा पर्व 29 में है। यह नदी वर्तमान कालिंदी हो सकती है जो कन्नौज के पास गंगा में मिलती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख