गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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* यहाँ हम भारत के दर्शन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। | * यहाँ हम भारत के दर्शन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। | ||
* दर्शन वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों की विवेचना करता है। | * दर्शन वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों की विवेचना करता है। | ||
[[चित्र:Darshan-Kosh.jpg|link=:श्रेणी:दर्शन कोश|दर्शन श्रेणी के सभी लेख]] | [[चित्र:Darshan-Kosh.jpg|link=:श्रेणी:दर्शन कोश|दर्शन श्रेणी के सभी लेख]] | ||
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* लोकायत दर्शन या चार्वाक दर्शन हमारे देश में नास्तिक विचारधारा माना जाता रहा है। | * लोकायत दर्शन या चार्वाक दर्शन हमारे देश में नास्तिक विचारधारा माना जाता रहा है। | ||
* दर्शन यथार्थता की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय है। | * दर्शन यथार्थता की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय है। | ||
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10:14, 21 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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