गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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♦ यहाँ आप | ♦ यहाँ आप भारत के दर्शन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। <br /> | ||
♦ | ♦ दर्शन वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों की विवेचना करता है। | ||
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<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>दर्शन मुखपृष्ठ</h2></div> | <div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>दर्शन मुखपृष्ठ</h2></div> | ||
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♦ | ♦ लोकायत दर्शन या चार्वाक दर्शन हमारे देश में नास्तिक विचारधारा माना जाता रहा है। <br /> | ||
♦ | ♦ दर्शन यथार्थता की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय है। | ||
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10:03, 12 दिसम्बर 2010 का अवतरण
![]() सूचना साँचा लगाने का समय → 09:47, 10 दिसंबर 2010 (IST) |
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