"ब्रेल लिपि" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
==ब्रेल लिपि की विशेषता==
 
==ब्रेल लिपि की विशेषता==
 
इसमें प्रत्येक आयताकार सेल में 6 बिन्दु यानि डॉट्स होते हैं, जो थोड़े-थोड़े उभरे होते हैं। यह दो पंक्तियों में बनी होती हैं। इस आकार में अलग-अलग 64 अक्षरों को बनाया जा सकता है। सेल की बांई पंक्ति में उपर से नीचे 1,2,3 बने होते हैं। इसी तरह दांईं ओर 4,5,6 बनी होती हैं। एक डॉट की औसतन ऊंचाई 0.02 इंच होती है। इसको पढ़ने की विशेष तकनीक होती है। ब्रेल लिपि को पढ़ने के लिए अंधे बच्चों में इतना ज्ञान होना आवश्यक है कि वो अपनी उंगली को विभिन्न दिशाओं में सेल पर घुमा सकें। वैसे विश्व भर में इसको पढ़ने का कोई मानक तरीका निश्चित नहीं हैं। ब्रेल लिपि को स्लेट पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा इसे ब्रेल टाइपराइटर पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है। आधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को 8 डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब 64 की बजाय 256 अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल पद्धति को वर्णमाला के वर्णों को कूट रूप में निरूपित करने वाली सबसे प्रथम प्रचलित प्रणाली कह सकते हैं, किन्तु ब्रेल लिपि नेत्रहीनों के पढ़ने और लिख सकने के उपाय का प्रथम प्रयास अध्याय नहीं है। इससे पहले भी 17वीं शताब्दी में इटली के जेसूट फ्रांसिस्को लाना ने नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने को लेकर काफी कोशिशें की थीं।
 
इसमें प्रत्येक आयताकार सेल में 6 बिन्दु यानि डॉट्स होते हैं, जो थोड़े-थोड़े उभरे होते हैं। यह दो पंक्तियों में बनी होती हैं। इस आकार में अलग-अलग 64 अक्षरों को बनाया जा सकता है। सेल की बांई पंक्ति में उपर से नीचे 1,2,3 बने होते हैं। इसी तरह दांईं ओर 4,5,6 बनी होती हैं। एक डॉट की औसतन ऊंचाई 0.02 इंच होती है। इसको पढ़ने की विशेष तकनीक होती है। ब्रेल लिपि को पढ़ने के लिए अंधे बच्चों में इतना ज्ञान होना आवश्यक है कि वो अपनी उंगली को विभिन्न दिशाओं में सेल पर घुमा सकें। वैसे विश्व भर में इसको पढ़ने का कोई मानक तरीका निश्चित नहीं हैं। ब्रेल लिपि को स्लेट पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा इसे ब्रेल टाइपराइटर पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है। आधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को 8 डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब 64 की बजाय 256 अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल पद्धति को वर्णमाला के वर्णों को कूट रूप में निरूपित करने वाली सबसे प्रथम प्रचलित प्रणाली कह सकते हैं, किन्तु ब्रेल लिपि नेत्रहीनों के पढ़ने और लिख सकने के उपाय का प्रथम प्रयास अध्याय नहीं है। इससे पहले भी 17वीं शताब्दी में इटली के जेसूट फ्रांसिस्को लाना ने नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने को लेकर काफी कोशिशें की थीं।
=== अक्षर एवं संख्याएं ===
+
==अक्षर एवं संख्याएं==
 
<gallery perrow="6">
 
<gallery perrow="6">
 
File:Braille-A1.png|A, 1
 
File:Braille-A1.png|A, 1
पंक्ति 30: पंक्ति 30:
 
File:Braille-Y.png|Y, 25
 
File:Braille-Y.png|Y, 25
 
File:Braille-Z.png|Z, 26
 
File:Braille-Z.png|Z, 26
 +
</gallery>
 +
==अन्य चिह्न==
 +
<gallery>
 +
File:Braille CapitalSign.png|आगे कैपीटल अक्षर है
 +
File:Braille NumberSign.png|आगे संख्या है
 +
File:Braille Apostrophe.png|अपॉस्ट्रॉफी
 +
File:Braille Period.png|पूर्ण विराम
 +
File:Braille Comma.png|कॉमा
 +
File:Braille Semicolon.png|सेमीकॉलन
 +
File:Braille ExclamationPoint.png|विस्मयादिबोधक चिह्न
 +
File:Braille QuoteOpen.png|उद्धरण चिह्न, प्रश्नसूचक चिह्न आरंभ
 +
File:Braille QuoteClose.png|उद्धरण चिह्न बंद
 +
File:Braille Bracket.png|ब्रैकिट (पैरेन्थेसिज़)
 +
File:Braille Hyphen.png|हाइफन
 
</gallery>
 
</gallery>
 
==ब्रेल यूनिकोड==
 
==ब्रेल यूनिकोड==

08:36, 5 जनवरी 2018 का अवतरण

ब्रेल लिपि (अंग्रेज़ी: Braille scripts) एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। यह अलग-अलग अक्षरों, संख्याओं और विराम चिन्हों को दर्शाते हैं। ब्रेल के नेत्रहीन होने पर उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डे्रन में भर्ती करवा दिया। उस स्कूल में "वेलन्टीन होउ" द्वारा बनाई गई लिपि से पढ़ाई होती थी, पर यह लिपि अधूरी थी। इस विद्यालय में एक बार फ्रांस की सेना के एक अधिकारी कैप्टन चार्ल्स बार्बियर एक प्रशिक्षण के लिये आए और उन्होंने सैनिकों द्वारा अँधेरे में पढ़ी जाने वाली "नाइट राइटिंग" या "सोनोग्राफी" लिपि के बारे में व्याख्यान दिया। यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभारकर बनाई जाती थी और इसमें 12 बिंदुओं को 6-6 की दो पंक्तियों को रखा जाता था, पर इसमें विराम चिह्न, संख्‍या, गणितीय चिह्न आदि नहीं होते थे। ब्रेल को वहीम से यह विचार आया। लुई ने इसी लिपि पर आधारित किन्तु 12 के स्थान पर 6 बिंदुओं के उपयोग से 64 अक्षर और चिह्न वाली लिपि बनायी। उसमें न केवल विराम चिह्न बल्कि गणितीय चिह्न और संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। यही लिपि आज सर्वमान्य है। लुई ने जब यह लिपि बनाई तब वे मात्र 15 वर्ष के थे। सन् 1824 में पूर्ण हुई यह लिपि दुनिया के लगभग सभी देशों में उपयोग में लाई जाती है।

ब्रेल लिपि की विशेषता

इसमें प्रत्येक आयताकार सेल में 6 बिन्दु यानि डॉट्स होते हैं, जो थोड़े-थोड़े उभरे होते हैं। यह दो पंक्तियों में बनी होती हैं। इस आकार में अलग-अलग 64 अक्षरों को बनाया जा सकता है। सेल की बांई पंक्ति में उपर से नीचे 1,2,3 बने होते हैं। इसी तरह दांईं ओर 4,5,6 बनी होती हैं। एक डॉट की औसतन ऊंचाई 0.02 इंच होती है। इसको पढ़ने की विशेष तकनीक होती है। ब्रेल लिपि को पढ़ने के लिए अंधे बच्चों में इतना ज्ञान होना आवश्यक है कि वो अपनी उंगली को विभिन्न दिशाओं में सेल पर घुमा सकें। वैसे विश्व भर में इसको पढ़ने का कोई मानक तरीका निश्चित नहीं हैं। ब्रेल लिपि को स्लेट पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा इसे ब्रेल टाइपराइटर पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है। आधुनिक ब्रेल स्क्रिप्ट को 8 डॉट्स के सेल में विकसित कर दिया गया है, ताकि अंधे लोगों को अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके। आठ डॉट्स वाले ब्रेल लिपि सेल में अब 64 की बजाय 256 अक्षर, संख्या और विराम चिह्नें के पढ़ सकने की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेल पद्धति को वर्णमाला के वर्णों को कूट रूप में निरूपित करने वाली सबसे प्रथम प्रचलित प्रणाली कह सकते हैं, किन्तु ब्रेल लिपि नेत्रहीनों के पढ़ने और लिख सकने के उपाय का प्रथम प्रयास अध्याय नहीं है। इससे पहले भी 17वीं शताब्दी में इटली के जेसूट फ्रांसिस्को लाना ने नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने को लेकर काफी कोशिशें की थीं।

अक्षर एवं संख्याएं

अन्य चिह्न

ब्रेल यूनिकोड

यूनिकोड मानक में ब्रेल को सितम्बर 1999 में शामिल किया गया। ब्रेल पैटर्नों के यूनिकोड U+2800 से लेकर U+28FF तक हैं। भारती ब्रेल इसमें से प्रथम 64 (U+2800 से लेकर U+283F) का ही उपयोग करती है।

ब्रेल पैटर्न
  0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 A B C D E F
U+280x
U+281x
U+282x
U+283x
U+284x
U+285x
U+286x
U+287x
U+288x
U+289x
U+28Ax
U+28Bx
U+28Cx
U+28Dx
U+28Ex
U+28Fx


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख