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− | *इब्राहीम ख़ाँ गार्दी | + | *'''इब्राहीम ख़ाँ गार्दी''' एक भाड़े का सैनिक था, जिसे ब्रिटिश सेनाधिकारी ब्रसी ने स्वयं प्रशिक्षित किया था। |
− | *1757 ई. में उसने | + | *अपनी योग्यता के बल पर इब्राहीम ख़ाँ शीघ्र ही ब्रिटिश तोपख़ाने का प्रधान हो गया। |
− | *उसने 1760 ई. में | + | *1757 ई. में उसने निज़ाम की नौकरी कर ली थी, परन्तु अगले ही साल वह [[पेशवा]] की सेवा में [[महाराष्ट्र]] चला गया। |
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06:31, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण
- इब्राहीम ख़ाँ गार्दी एक भाड़े का सैनिक था, जिसे ब्रिटिश सेनाधिकारी ब्रसी ने स्वयं प्रशिक्षित किया था।
- अपनी योग्यता के बल पर इब्राहीम ख़ाँ शीघ्र ही ब्रिटिश तोपख़ाने का प्रधान हो गया।
- 1757 ई. में उसने निज़ाम की नौकरी कर ली थी, परन्तु अगले ही साल वह पेशवा की सेवा में महाराष्ट्र चला गया।
- उसने 1760 ई. में उदगिर की लड़ाई में निज़ाम की फ़ौजों के ख़िलाफ़ मराठों को विजय बनाने में भारी योगदान किया था।
- गार्दी पानीपत की तासरी लड़ाई में 9000 सिपाहियों तथा 40 तोपों के साथ मराठों की ओर से लड़ा।
- यद्यपि शुरू में उसने शत्रु की फ़ौजों को पछाड़ दिया, तथापि अन्त में इस युद्ध में मराठों की पराजय हुई।
- विजयी अफ़ग़ानों द्वारा गार्दी बन्दी बना लिया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
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