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*रिचर्ड बेबर ने 24 मई, 1764 ई. को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें 1770 ई. के भयावह अकाल के पूर्व बंगाल में व्याप्त शोचनीय स्थिति का ब्यौरा दिया गया था। | |||
*रिपोर्ट में उसने लिखा था कि कम्पनी ने जबसे दीवानी के अधिकार प्राप्त किये हैं, लोगों की हालत पहले से भी ज़्यादा ख़राब हो गई है। | |||
*उसने रिपोर्ट में यह भी लिखा कि जो बंगाल निरंकुश और स्वेच्छाचारी शासन में भी फल-फूल रहा था, वह अब विनाश के कगार पर है। | |||
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10:54, 22 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
रिचर्ड बेबर अठारहवीं शताब्दी के छठे दशक में ईस्ट इंडिया कम्पनी का बंगाल स्थित कम्पनी का एक अधिकारी था।
- रिचर्ड बेबर ने 24 मई, 1764 ई. को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें 1770 ई. के भयावह अकाल के पूर्व बंगाल में व्याप्त शोचनीय स्थिति का ब्यौरा दिया गया था।
- रिपोर्ट में उसने लिखा था कि कम्पनी ने जबसे दीवानी के अधिकार प्राप्त किये हैं, लोगों की हालत पहले से भी ज़्यादा ख़राब हो गई है।
- उसने रिपोर्ट में यह भी लिखा कि जो बंगाल निरंकुश और स्वेच्छाचारी शासन में भी फल-फूल रहा था, वह अब विनाश के कगार पर है।
- रिचर्ड बेबर की रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और उसकी व्यावहारिक उपेक्षा कर दी गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 293 |