इन्दौर

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इन्दौर
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विवरण इन्दौर शहर, मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। इसे मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
राज्य मध्यप्रदेश
ज़िला इन्दौर ज़िला
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 22.42°, पूर्व- 75.54°
प्रसिद्धि इन्दौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूँगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है।
कैसे पहुँचें बस, रेल, हवाई जहाज़ आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
रेलवे स्टेशन इन्दौर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा इन्दौर बस अड्डा
यातायात बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा
क्या देखें इन्दौर पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह
क्या खायें नमकीन, पोहा, जलेबी, चाट, कचौड़ी, समौसे
एस.टी.डी. कोड 0731
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र, देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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इन्दौर शहर, पश्चिमी मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह क्षिप्रा नदी की सहायक सरस्वती एवं ख़ान धाराओं पर स्थित है। स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर का शहर इन्दौर हाल के दिनो में शिक्षा के केन्द्र के रूप में उभरा है। इसे मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। इन्दौर मालवा का सबसे बड़ा शहर है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार यह बहुत पुराना नगर नहीं है। 1715 के आसपास यह क्षेत्र ओंकारेश्वर से उज्जैन के मध्य यात्रा का एक खुशनुमा पड़ाव हुआ था। आज यह महानगर में तब्दील होता एक शहर है, जो मुम्बई का स्वरूप लेता जा रहा है। इसके नगर नियोजन की योजना सन् 1918 में सर पेट्रिकगेडेस ने बनाई, लेकिन इसकी विकास यात्रा 1818 में नगर-पालिका, 1878 में रेलवे, 1906 में बिजली और 1907 में टेलीफ़ोन के साथ शुरू हो गयी।[1]

इतिहास

1715 में स्थानीय ज़मींदारों ने इन्दौर को नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर व्यापार केन्द्र के रूप में बसाया था। पहले इन्दौर का नाम इन्दुर था लेकिन 1741 ई. में बने इंद्रेश्वर मंदिर के कारण यहाँ का नाम इन्दौर पड़ा। यह मराठा होल्कर की पूर्व इन्दौर रियासत की राजधानी बन गया।

  • मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध शहर इन्दौर को अठारहवीं सदी के मध्य में मल्हारराव होल्कर द्वारा स्थापित किया गया था।
  • होल्कर ने दूसरे पेशवा बाजीराव प्रथम की ओर से अनेक लड़ाइयाँ जीती थीं। 1733 में बाजीराव पेशवा ने इन्दौर को मल्हारराव होल्कर को पुरस्कार के रूप में दिया था।
  • उसने मालवा के दक्षिण-पश्चिम भाग को क़ब्ज़े में करके इन्दौर को अपनी राजधानी बनाया।
  • उसकी मृत्यु के पश्चात् दो अयोग्य शासक गद्दी पर बैठे, किंतु तीसरी शासिका अहिल्या बाई (1765-1795 ई.) ने शासन कार्य बड़ी सफलता के साथ निष्पादित किया।
  • जनवरी 1818 में इन्दौर ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया। यह ब्रिटिश मध्य भारत संस्था का मुख्यालय एवं मध्य भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (1948-56) था।
  • इन्दौर में होल्कर नरेशों के प्रासाद उल्लेखनीय हैं।

इंद्रपुर या इंदौर

इन्दौर होल्कर-नरेशों की भूतपूर्व रियासत तथा उसकी राजधानी है। इस नगर को अहिल्याबाई ने 18वीं सदी में बसाया था। इसका नाम यहां स्थित इंद्रेश्वर के प्राचीन मंदिर के कारण इंद्रपुर या इंदौर हुआ था। इंदौर के होलकर नरेशों ने विशेषतः जसवंतराव होल्कर ने अंग्रेजों के भारत में अपने साम्राज्य की जड़ें जमाने के समय उनका काफी विरोध किया था किंतु इन्होंने पार्श्ववर्ती राजपूत नरेशों के राज्य में काफी लूटमार मचाई थी। जिसके कारण उनकी सहानुभूति इन्हें ना मिल सकी। इंदौर में होलकर नरेशों के प्राचीन प्रासाद उल्लेखनीय हैं।[2]

औद्योगिक शहर

इन्दौर पश्चिमी मध्य प्रदेश का मुख्य संग्रहण एवं वितरण केन्द्र होने के अलावा वाणिज्यिक एवं औद्योगिक केन्द्र भी है। यहाँ लगभग 6000 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं। इसके आसपास के क्षेत्रों में 800 से अधिक उद्योग हैं। इन्दौर व्यवसायिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश का प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडी है। यहाँ किसान अपने उत्पादन को बेचने और औद्योगिक वर्ग से मिलने आते हैं। यहाँ के आसपास की ज़मीन कृषि-उत्पादन के लिये उत्तम है। इन्दौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूँगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। इन्दौर अपने नमकीनों तथा मसालेदार भोजन के लिए भी जाना जाता है।

यहाँ के प्रमुख उद्योग में कपड़ा, टाइल सीमेंट, रसायन, तंबू, फ़र्नीचर एवं खेल के सामान का उद्योग अनाज मिल तथा धातुकर्म शामिल हैं। यहाँ ऑटो एवं साइकिल और अभियांत्रिकी कार्यशालाएँ भी हैं। पुराने उद्योगों में चर्मशोधक शालाएँ, तेल की मिलें, मिट्टी के बर्तन, लाख की चूड़ियों के साथ-साथ हथकरघा बुनाई छपाई एवं रंगाई तथा निवाड़ निर्माण शामिल हैं। लट्ठा एवं नैनकला यहाँ उत्पादित सूती कपड़े की क़िस्में हैं।

शिक्षण संस्थान

इन्दौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, सन् 1964 ई. में इन्दौर विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित है। अन्य शैक्षणिक संस्थानों में होल्कर विज्ञान, एस. जी. एस. इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक अध्ययन संस्थान (आइ. आइ. पी. एस.), महात्मा गाँधी मेमोरियम मेडिकल कॉलेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, चोइथराम हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर, ग्रामीण महिलाओं के लिए बहाई वोकेशन इंस्टिट्यूट तथा अटॉमिकसेंटर फ़ॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। इन्दौर में देश के सबसे पुराने कला विद्यालयों में से एक विष्णु देवलिकर कला विद्यालय है।

प्रसिद्ध चित्रकार एन. एस. बेंद्रे एवं एम. एफ. हुसैन इसी विद्यालय की देन हैं। इन्दौर उस्ताद अमीर ख़ान द्वारा स्थापित संगीत के इन्दौर घराने के लिए भी प्रसिद्ध है। इन्दौर की साक्षरता दर काफ़ी ऊँची है। इन्दौर में कई आयुर्वेदिक व एलोपैथिक अस्पताल एवं प्रशिक्षण संस्थान हैं। इन्दौर कस्तूरबा ग्राम आश्रम का मुख्यालय भी है। शहर में एशिया का पहला एवं विश्व का तीसरा लेज़र किरण परमाणु ऊर्जा केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। इन्दौर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का मुख्यालय भी है।

रहन सहन

इंदौर के लोगों का रहन सहन बहुत उत्तम है। यहाँ हर मौसम सामान्य होता है। सर्दी, गर्मी और बरसात सभी मौसम सामान्य रहते हैं। यहाँ न तो अधिक ठंड पड़ती है, न अधिक बरसात होती है और न ज़्यादा गर्मी पड़ती है। इसलिये यहाँ का मौसम रहने के लिए अनुकूल है।

खानपान

इंदौर खाने खिलाने के लिये प्रसिद्ध हैं, यहाँ सराफा, छप्पन आदि स्थान है जहाँ लोग स्वादिष्ट व्यंजन की तलाश में जाते हैं। सराफा में जोशी वाले का दही वडा, गाजर का हलवा, भुट्टे आदि विख्यात है। इंदौर की नमकीन काफ़ी प्रसिद्ध है, यहाँ की नमकीन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों और गाँवों में जाती है। नमकीन में सेव, मिक्चर आदि प्रसिद्ध हैं।

परिवहन

वायु मार्ग

इन्दौर में एक हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

यहाँ रेलवे स्‍टेशन भी है। यह रेलवे स्‍टेशन देश के अन्‍य शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ मुंबई और दिल्ली से सीधी ट्रेन सेवा है।

सड़क मार्ग

इन्दौर सड़क मार्ग द्वारा उज्जैन (55 किलोमीटर) तथा भोपाल (186 किलोमीटर) से जुड़ा हुआ है। यहाँ का सड़क परिवहन तंत्र बहुत विकसित है। अन्य सुविधाओं के अलावा इन्दौर के पास अभी 50 टाटा स्टार बसें हैं, जिनमें उपग्रहों से संचालित जी.पी.एस. के अलावा कम्प्यूटरीकृत टिकट मशीनें भी हैं। बस स्थानकों पर इलेक्टॉनिक सूचना पट लगे हैं जिन पर यह देखा जा सकता है कि कौन सी बस कहाँ है, और कितनी देर में अमुक स्थान तक पहुँचेगी। ये बसें समय पर आती हैं। विभिन्न मार्गों के हिसाब से अलग-अलग रंगों की बसे उपलब्ध हैं। बसों के कर्मचारियों को जनता के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये, इस बारे में भी एक प्रबंधन संस्था कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रही है।

पर्यटन

मध्‍य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इन्दौर एक प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। यह एक ऐतिहासिक शहर है। मध्‍यकाल में यह होल्‍कर राजवंश की राजधानी हुआ करता था। यहाँ अभी भी इस वंश से संबंधित भवनों को देखा जा सकता है। टाउन हॉल, केंद्रीय संग्रहालय तथा अन्‍नपूर्णा मंदिर यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। इस शहर में अनेक महल हैं जिसमें रजवाड़ा का ख़ास स्‍थान है। यहाँ दो विश्वविद्यालय हैं। इन्दौर शहर के संस्थापक ज़मींदार परिवार है जो आज भी बङा रावला जूनी इन्दौर में निवास करता है।

पर्यटक स्थलों में होल्करों द्वारा निर्मित लाल बाग़ महल, काँच मन्दिर जिसमें काँच का अद्भुतकला कौशल है, ख़ान नदी के तट पर कृष्णपुरा छतरी, सातमंज़िला भव्य होल्कर रजवाड़ा महल जिसका केवल अग्रभाग बचा है, बड़ा गणपति जिसमें गणेश की 7.62 मीटर ऊँची मूर्ति है। महात्मा गाँधी सभाकक्ष (1904 में स्थापित एवं मूल रूप से किंग एडवर्ड हॉलके रूप में विख्यात) अपने भव्य घंटाघर के साथ संग्रहालय, जिसमें परमार मूर्तिकला का शानदार संग्रह है। शहर का सबसे पुराना नेहरु उद्यान, जिसमें अब एक तरणताल, पुस्तकालय एवं बच्चों के लिए मनोरंजन केन्द्र है। बाहुबली की 6.4 मीटर ऊँची मूर्ति वाला गोमतगिरि तथा एक ख़ूबसूरत झरना पातालपानी शामिल है।

रोचक तथ्य
  • 1971 में वेस्टईंडीज क्रिकेट टीम के ख़िलाफ़ जीत की खुशी में क़रीब 30 फ़ीट ऊँचे क्रिकेट बैट के स्मारक की स्थापना की गई थी। जिस पर उस विजयी टीम के सभी क्रिकेटरों के नाम और हस्ताक्षर अंकित हैं।
  • विश्व की सब से बड़ी (40 फीट ऊँची) गणेश जी की मूर्ति यहीं है। इनका चोला बदलने में 15 दिन लगते हैं, जिसे साल में 4 बार ही बदला जाता है।
  • अभिनेता सलमान खान, जॉनी वॉकर, विजेंद्र घाटगे (गायक), आमिर खान, किशोर कुमार इस शहर से सम्बन्धित है।
  • इन्दौर शहर महान् गायिका लता मंगेशकर और क्रिकेट खिलाड़ी राहुल द्रविड़ का जन्म स्थान है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इन्दौर शहर की जनसंख्या 15,97,441 है व इन्दौर ज़िले की कुल जनसंख्या 25,85321 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. तिवारी, डॉ. स्वाति। इंदौर का पानी (हिन्दी) इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)। अभिगमन तिथि: 9 जनवरी, 2011
  2. पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 74

बाहरी कडियाँ

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