"विक्टर जैकोमाण्ट": अवतरणों में अंतर
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'''विक्टर जैकोमाण्ट''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Victor Jacquemont'', जन्म: 1801 | '''विक्टर जैकोमाण्ट''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Victor Jacquemont'', जन्म: 1801; मृत्यु: 1832) एक फ्रेंच वनस्पतिशास्त्री था, जो लगभग 1830 ई. में [[पंजाब]] में [[रणजीत सिंह ]] के दरबार में आया था। | ||
*उसने 'भारत से पत्र' नामक एक पुस्तक में 'शेर-ए-पंजाब' कहे जाने वाले महाराजा रणजीत सिंह के सम्बंध में अपने विचार लिखे हैं। | |||
*विक्टर जैकोमाण्ट पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की जिज्ञासु वृत्ति से बहुत प्रभावित हुआ था और उन्हें एक असाधारण व्यक्ति मानता था। | |||
*जैकोमाण्ट के लिखे ग्रंथों में [[हिमालय]] क्षेत्र के पेड़-पौधों तथा उस काल के [[भारत]] की सामाजिक अवस्था के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है।<ref> पुस्तक- भारतीय इतिहास कोश |लेखक- सच्चिदानन्द भट्टाचार्य | पृष्ट संख्या- 167 | प्रकाशन- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ </ref> | |||
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09:40, 21 मार्च 2017 का अवतरण

विक्टर जैकोमाण्ट (अंग्रेज़ी: Victor Jacquemont, जन्म: 1801; मृत्यु: 1832) एक फ्रेंच वनस्पतिशास्त्री था, जो लगभग 1830 ई. में पंजाब में रणजीत सिंह के दरबार में आया था।
- उसने 'भारत से पत्र' नामक एक पुस्तक में 'शेर-ए-पंजाब' कहे जाने वाले महाराजा रणजीत सिंह के सम्बंध में अपने विचार लिखे हैं।
- विक्टर जैकोमाण्ट पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की जिज्ञासु वृत्ति से बहुत प्रभावित हुआ था और उन्हें एक असाधारण व्यक्ति मानता था।
- जैकोमाण्ट के लिखे ग्रंथों में हिमालय क्षेत्र के पेड़-पौधों तथा उस काल के भारत की सामाजिक अवस्था के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- भारतीय इतिहास कोश |लेखक- सच्चिदानन्द भट्टाचार्य | पृष्ट संख्या- 167 | प्रकाशन- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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