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− | इस आत्मा को शस्त्रादि नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और [[वायु देव|वायु]] नहीं सुखा सकता ।।23।। | + | इस [[आत्मा]] को शस्त्रादि नहीं काट सकते, इसको [[आग]] नहीं जला सकती, इसको [[जल]] नहीं गला सकता और [[वायु देव|वायु]] नहीं सुखा सकता ।।23।। |
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06:44, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-23/ Gita Chapter-2 Verse-23
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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