"वैष्णव नारायणास्त्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
  
  
 
+
{{प्रचार}}
 +
{{लेख प्रगति
 +
|आधार=
 +
|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1
 +
|माध्यमिक=
 +
|पूर्णता=
 +
|शोध=
 +
}}
 +
==संबंधित लेख==
 
{{अस्त्र शस्त्र}}
 
{{अस्त्र शस्त्र}}
[[Category:पौराणिक_कोश]]
+
{{महाभारत}}
 
[[Category:महाभारत]]
 
[[Category:महाभारत]]
 +
[[Category:अस्त्र शस्त्र]]
 +
[[Category:पौराणिक आयुध]]
 +
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:02, 19 अप्रैल 2011 का अवतरण

वैष्णव—नारायणास्त्र

यह भी पाशुपत के समान विकराल अस्त्र है। इस नारायण-अस्त्र का कोई प्रतिकार ही नहीं है। यह बाण चलाने पर अखिल विश्व में कोई शक्ति इसका मुक़ाबला नहीं कर सकती। इसका केवल एक ही प्रतिकार है और वह यह है कि शत्रु अस्त्र छोड़कर नम्रतापूर्वक अपने को अर्पित कर दे। कहीं भी हो, यह बाण वहाँ जाकर ही भेद करता है। इस बाण के सामने झुक जाने पर यह अपना प्रभाव नहीं करता।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख