"अफ़्रीदी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''अफ़्रीदी''' सीमा प्रान्त का एक लड़ाकू क़बीला है, जो [[...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{औपनिवेशिक काल}}
+
{{जातियाँ और जन जातियाँ}}
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:मध्य काल]]
+
[[Category:जातियाँ और जन जातियाँ]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:मध्य काल]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

08:43, 26 जुलाई 2013 का अवतरण

अफ़्रीदी सीमा प्रान्त का एक लड़ाकू क़बीला है, जो ख़ैबर क्षेत्र में निवास करता है। ये लोग भारतीय प्रशासन के लिए बराबर सिरदर्द बने रहे हैं। औरंगज़ेब और अंग्रेज़ों ने भी बड़ी मुश्किल से इन लोगों पर नियंत्रण स्थापित किया था।

  • अफ़्रीदी लोगों ने 1667 ई. में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के विरुद्ध विद्रोह कर दिया था।
  • औरंगज़ेब को एक लम्बे संघर्ष के बाद ही इनका दमन करने में सफलता प्राप्त हुई थी।
  • 1893 ई. के बाद जब अफ़ग़ानिस्तान और भारत की सीमा 'डुरंड रेखा' तय की गई, तो अफ़्रीदी क्षेत्र भारत की ब्रिटिश सरकार के अधीन आ गया।
  • ब्रिटिश शासकों को इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए अनेक फ़ौजी अभियान चलाने पड़े।
  • अंग्रेज़ों को अफ़्रीदी सरदारों को अपनी ओर मिलाने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता तक भी देनी पड़ी थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 11 |


संबंधित लेख