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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रंग]]'''</div> | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रंग]]'''</div> | ||
<div id="rollnone"> [[चित्र:Colour.jpg|right|100px|रंग बिरंगी पेन्सिल |link=रंग बिरंगी पेन्सिल]] </div> | <div id="rollnone"> [[चित्र:Colour.jpg|right|100px|रंग बिरंगी पेन्सिल |link=रंग बिरंगी पेन्सिल]] </div> | ||
*रंगो का हमारे जीवन में बहुत | *रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। | ||
*मूल रूप से [[इंद्रधनुष]] के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग [[लाल रंग|लाल]], [[नारंगी रंग|नारंगी]], [[पीला रंग|पीला]], [[हरा रंग|हरा]], [[आसमानी रंग|आसमानी]], [[नीला रंग|नीला]] तथा [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] हैं। | *मूल रूप से [[इंद्रधनुष]] के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग [[लाल रंग|लाल]], [[नारंगी रंग|नारंगी]], [[पीला रंग|पीला]], [[हरा रंग|हरा]], [[आसमानी रंग|आसमानी]], [[नीला रंग|नीला]] तथा [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] हैं। | ||
*रंगो की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्त्रोत [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] का प्रकाश है। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है जिसे सूक्ष्म रूप [[अंग्रेज़ी भाषा]] में '''VIBGYOR''' और [[हिन्दी]] में '''बैं जा नी ह पी ना ला''' कहा जाता है। | *रंगो की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्त्रोत [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] का प्रकाश है। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है जिसे सूक्ष्म रूप [[अंग्रेज़ी भाषा]] में '''VIBGYOR''' और [[हिन्दी]] में '''बैं जा नी ह पी ना ला''' कहा जाता है। |
10:56, 13 मार्च 2011 का अवतरण
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