नयन मोंगिया
नयन मोंगिया
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | नयन रामलाल मोंगिया | ||
जन्म | 19 दिसंबर, 1969 | ||
जन्म भूमि | बड़ोदा, गुजरात | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दाहिए हाथ से | ||
टीम | भारत | ||
भूमिका | विकेट कीपर व बल्लेबाज | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | प्रथम श्रेणी |
मुक़ाबले | 44 | 140 | |
बनाये गये रन | 1442 | 1272 | |
बल्लेबाज़ी औसत | 24.03 | 20.19 | |
100/50 | 1/6 | 0/2 | |
सर्वोच्च स्कोर | 152 | 69 | |
फेंकी गई गेंदें | |||
विकेट | |||
गेंदबाज़ी औसत | |||
पारी में 5 विकेट | |||
मुक़ाबले में 10 विकेट | |||
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | |||
कैच/स्टम्पिंग | 99/8 | 110/45 |
नयन रामलाल मोंगिया (अंग्रेज़ी: Nayan Ramlal Mongia, जज्म- 19 दिसंबर, 1969, बड़ोदा, गुजरात) पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। वह दाहिने हाथ के बल्लेबाज और विकेट कीपर थे। 90 के दशक में नयन मोंगिया को कई बार सलामी बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर भेजा गया। उन्होंने अपने खेले 44 टेस्ट मैचों में से 15 में पारी की शुरूआत की। उन्होंने ओपनर के तौर पर 27.29 की औसत से 655 रन बनाये। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 अक्टूबर, 1996 को खेले गए एकमात्र टेस्ट में नयन मोंगिया ने पारी की शुरुआत करते हुए 366 गेंदों का सामना करते हुए 152 रनों की मैराथन पारी खेली थी, जिसकी बदौलत भारत यह मैच 7 विकेट से जीतने में कामयाब रहा था। एक ही टेस्ट में 8 कैच लेने वाले वो एकमात्र कीपर हैं।
परिचय
गुजरात के बड़ोदा में 19 दिसंबर 1969 को जन्में पूर्व भारतीय क्रिकेटर नयन मोंगिया बेहतरीन विकेट कीपर में से एक रहे चुके हैं। उनका पूरा नाम 'नयन रामलाल मोंगिया' है जिन्होंने अपने पूरे करियर में 44 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें 1442 रन बनाने के अलावा उनका सर्वाधिक स्कोर 152 रहा है। अपने टेस्ट करियर में नयन मोंगिया ने एक शतक और 6 अर्धशतक जमाए हैं। उन्होंने 140 वन-डे मैच खेले हैं, जिनमें 1272 रन बनाए हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 69 रहा है। वन-डे में केवल दो अर्धशतक जमाए हैं।[1]
नयन मोंगिया हिंदुस्तान के नैचुरल कीपर कहे जाते रहे है। एक ही टेस्ट में 8 कैच लेने वाले वो एकमात्र कीपर हैं जो लंबे समय तक इंडियन स्पिन पर मुस्तैदी से कीपिंग करते रहे। एक समय पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज़ में टूटी उंगली के साथ कीपिंग करने वाले मोंगिया ने ज़्यादातर समय बैट्समैन के तौर पर निराश ही किया। उनके पूरे करियर में सिर्फ 152 रन की एक पारी है, जिसे उनकी बेस्ट पारी के तौर पर देखा जा सकता है। मगर मोंगिया का रणजी में बल्लेबाजी रिकॉर्ड काफी अच्छा है। वो 5 मैचों में 555 रन बनाकर नेशनल टीम में आए थे।
कॅरियर
- साल 1989 में सौराष्ट्र के खिलाफ मोंगिया ने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू मैच खेला था। जहां उन्होंने एक कैच लेने के अलावा आठवें नं पर बल्लेबाजी करते हुए बिना कोई रन बनाकर आउट हो गए थे।
- 1994 में 18 जनवरी-22 जनवरी तक लखनऊ में खेले गए भारत और श्रीलंका के टेस्ट मैच में नयन मोंगिया ने करियर का डेब्यू मैच खेला था तो वहीं 15 फरवरी 1994 को राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ वन-डे मैच में डेब्यू किया था।
- साल 1994 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच वन-डे मैच में एक बेहद ही चौकानें वाला वाक्या घटा, जब मनोज प्रभाकर और नयन मोंगिया ने खेले जा रहे मैच को बीच में ही छोड़ने का फैसला कर लिया था। उस मैच के दौरान हुआ यूं था कि भारत को जीत के लिए 54 गेंद पर 63 रनों की जरूरत थी। उस वक्त मैदान पर मनोज प्रभाकर 102 रन बनाकर मैदान पर बल्लेबाजी कर रहे थे तो वहीं दूसरे छोर पर नयन मोंगिया 21 गेंदों पर 4 रन बनाकर खेल रहे थे। मैच के दौरान मनोज प्रभाकर को छोड़कर बांकी के सभी बल्लेबाज बेहद ही खराब शॉट खेलकर आउट हो गए थे। जिससे प्रभाकर इतने खफा हुए कि उन्होंने नयन मोंगिया के साथ मिलकर आगे खेलने से मना कर दिया। इस फैसले के बाद दोनों खिलाड़ियों पर क्रिकेट बोर्ड में आगे के मैचों के लिए दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस मैच में घटे बेहद ही शर्मनाक घटना के कारण आईसीसी ने मैच को फीक्सिंग के घेरे में रखकर जांच की थी।
- 1996 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिल्ली में टेस्ट मैच होने थे। जिसके लिए भारत ने रणनीति के तहत तीन स्पिनर्स को खिलाया। जिसमें पहली बार नयन मोंगिया से ओपनिंग कराया गया। ओपनिंग करते हुए मोंगिया ने कमाल की बल्लेबाजी की और 152 रन बनाकर टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। नयन मोंगिया अपनी इस पारी को टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी मानते हैं।
- नयन मोंगिया के नाम टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा कैच लपकने का एक अनोखा रिकार्ड है। साल 1996 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच डर्बन में खेले गए मैच में मोंगिया ने आठ कैच लपके थे। साथ ही साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कोलकाता में खेले गए टेस्ट मैच में एक बार फिर मोंगिया ने 8 कैच लिए। रोचक बात ये रही कि दोनों बार दूर्भाग्यवश भारत को हार का सामना करना पड़ा था। वन-डे करियर में नयन मोंगिया ने तीन बार एक मैच में पांच कैच लपकने का कारनामा किया।
संन्यास
सब कुछ अच्छा था, मगर एक मैच ने नयन मोंगिया के करियर और साख दोनों को शक के दायरे में ला दिया। कानपुर में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच चल रहा था। पहले मोंगिया ने एक सुनिश्चित रन आउट छोड़ा फिर मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर ऐसे बल्लेबाजी की कि लगा दोनों हारने के लिए ही खेल रहे हैं। नयन मोंगिया ने 21 गेंदो पर नॉटआउट रहते हुए 4 रन बनाए।[2]
2011 में बीसीसीआई के सचिव जयवंत लेले ने अपनी किताब ‘I was there’ में लिखा, "सचिन और द्रविड़ को पूरा विश्वास था कि नयन मोंगिया फिक्सिंग में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे"। मगर लेले ने अपनी किताब में ये भी कहा कि "कोई भी भारतीय फिक्सिंग में शामिल नहीं था"। सच्चाई चाहे जो भी हो मगर मोंगिया फिक्सिंग के इस प्रकरण से निकल नहीं पाए। 2004 तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नयन मोंगिया से जुड़ी रोचक बातें (हिंदी) archivehindi.cricketnmore.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसंबर, 2020।
- ↑ बेहतरीन विकेटकीपर या फिक्सिंग का खलनायक? (हिंदी) thelallantop.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसंबर, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
- मध्यक्रम के 6 बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट में ओपनर के तौर पर मौका मिलने पर शतक बनाया
- मैच जिससे मोंगिया पर उठे सवाल