"सुशील कुमार पहलवान": अवतरणों में अंतर
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*[http://olympics.navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3385847.cms बचपन से ही कुश्ती के दीवाने थे सुशील] | *[http://olympics.navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3385847.cms बचपन से ही कुश्ती के दीवाने थे सुशील] | ||
*[http://in.jagran.yahoo.com/news/sports/general/7_9_4763653.html सुशील ने दे दी गुरु दक्षिणा: सतपाल] | *[http://in.jagran.yahoo.com/news/sports/general/7_9_4763653.html सुशील ने दे दी गुरु दक्षिणा: सतपाल] | ||
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*[http://hindi.webdunia.com/sports/olympic/olynews/0808/24/1080824062_1.htm पेट काटकर भी सुशील को दूध पिलाया ] | *[http://hindi.webdunia.com/sports/olympic/olynews/0808/24/1080824062_1.htm पेट काटकर भी सुशील को दूध पिलाया ] | ||
*[http://in.jagran.yahoo.com/news/sports/general/7_9_4751649/| सुशील ने अदा किया दूध का कर्ज] | *[http://in.jagran.yahoo.com/news/sports/general/7_9_4751649/| सुशील ने अदा किया दूध का कर्ज] |
13:09, 25 अगस्त 2011 का अवतरण
सुशील कुमार पहलवान
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पूरा नाम | सुशील कुमार पहलवान |
जन्म | 26 मई, 1983 |
जन्म भूमि | नजफगढ़, दिल्ली |
खेल-क्षेत्र | कुश्ती |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | दिल्ली विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार, राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सुशील कुमार विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले पहलवान हैं। |
अद्यतन | 18:04, 2 अक्टूबर 2010 (IST)
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- सुशील कुमार एक कुश्ती पहलवान है, जिनका जन्म 26 मई, 1983 को नजफगढ़ इलाके एक गाँव दापरोला में हुआ था।
- 'बीजिंग ओलिंपिक' खेलों में देश के लिए 'कांस्य पदक' जीतकर सुशील कुमार 'नज़फगढ़ के नए सुल्तान' बन गए हैं। दिल्ली के नज़फगढ़ से भारतीय क्रिकेट को वीरेंद्र सहवाग जैसा नायाब हीरा मिला लेकिन अब दिल्ली के सुदूर पश्चिम में बसा यह स्थान पहलवान सुशील कुमार के कारण जाना जाता है।
- सुशील कुमार के लिए दिल्ली सरकार ने 50 लाख के इनाम की घोषणा की, रेलवे ने 55 लाख और हरियाणा सरकार ने 25 लाख के इनाम की घोषणा की है।
परिवार
एम.टी.एन.एल. में साधारण नौकरी करने वाले सुशील के पिता 'दीवान सिंह' और मां 'कमला' अपने बेटे की इस महान उपलब्धि पर बहुत ही प्रसन्न हैं। दीवानसिंह जी नजफगढ़ के गाँव बापड़ौला से प्रत्येक दिन चार किलो दूध लेकर साइकिल से, तीस किलोमीटर से भी दूर 'छत्रसाल स्टेडियम' पर पहलवानी कर रहे अपने पुत्र सुशील कुमार को इस उम्मीद के साथ पहुँचाते थे कि उनका यह चिराग किसी दिन उनका नाम रोशन करेगा। 'बीजिंग ओलिम्पिक' में 56 साल बाद कुश्ती में 'कांस्य पदक' जीतकर सुशील ने उस दूध का हक अदा कर दिया। सुशील तीन भाइयों के परिवार में सबसे बड़े हैं। वह बचपन से ही कुश्ती के दीवाने थे और प्रारम्भ से ही उनका लक्ष्य ओलिंपिक में मेडल जीतना था।
शिक्षा
सुशील कुमार ने 'दिल्ली विश्वविद्यालय' से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन वह बचपन से ही 'महाबली सतपाल' से जुड़ गए थे। महाबली सतपाल ने उनके कौशल को निखारने में अहम भूमिका निभाई है। सुशील, सतपाल पहलवान के शिष्य हैं।
विश्व कुश्ती चैम्पियन
सुशील कुमार विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले पहलवान हैं। बीजिंग ओलम्पिक्स में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले सुशील कुमार ने 12 सितंबर, 2010 को मॉस्को में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में फ़्रीस्टाइल में 66 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास बनाया। विश्व कुश्ती में भारत ने रजत व कांस्य पदक पूर्व वर्षों में यद्यपि जीता है, स्वर्ण पदक जीतने वाले वह भारत के पहले पहलवान है। सुशील से पूर्व भारत के रमेश कुमार ने सितंबर 2009 में डेनमार्क में हर्निंग में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक तथा विशंभर सिंह ने 1967 में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील कुमार को उनकी इस उपलब्धि के लिए 10 लाख रुपये का पुरस्कार रेलवे ने दिया है। मॉस्को में स्वर्ण पदक हासिल करने के लिये सुशील कुमार ने रूस के एलन गोगाएव को फ़ाइनल में पराजित किया। इससे पूर्व सेमीफ़ाइनल में अजरबैजान के पहलवान को तथा उससे पहले के मुक़ाबलों में यूनान, जर्मनी व मंगोलिया के पहलवानों को सुशील कुमार ने पराजित किया था।

Sushil Kumar
उपलब्धियाँ
- रेलवे के कर्मचारी सुशील ने 2006 में 'दोहा एशियाई खेलों' में 'कांस्य पदक' जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था।
- दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रोज़ाना सुबह पांच बजे से कुश्ती के दांवपेच सीखने वाले अर्जुन पुरस्कार विजेता सुशील ने अगले ही साल मई 2007 में 'सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप' में 'रजत पदक' जीता।
- कनाडा में आयोजित 'राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता' में 'स्वर्ण पदक' हासिल किया।
- भारत की पारंपरिक गुरु-शिष्य परंपरा की बानगी पेश करते हुए ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने अपना पदक गुरु महाबली सतपाल को समर्पित कर दिया जिनकी कामना अब अपने शिष्य को 'लंदन ओलंपिक' में स्वर्ण पदक जीतते देखने की है।
- अजरबेजान में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में सुशील हालाँकि आठवें स्थान पर पिछड़ गए थे, लेकिन उन्होंने यहीं से 'बीजिंग ओलिम्पिक खेलों' के लिए क्वालिफाई कर लिया था।
- ओलिम्पिक खेलों के लिए पटियाला के 'राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान' में विदेशी कोच से ट्रेनिंग लेने वाले सुशील ने इस साल कोरिया में आयोजित 'सीनियर एशिया कुश्ती चैम्पियनशिप' में काँस्य पदक जीता था।
पुरस्कार
- सुशील कुमार अर्जुन पुरस्कार के अलावा वर्ष 2008-2009 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (संयुक्त) से सम्मानित किये जा चुके हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- बचपन से ही कुश्ती के दीवाने थे सुशील
- सुशील ने दे दी गुरु दक्षिणा: सतपाल
- क्या कोई सुन रहा है इनकी आवाज़?
- पेट काटकर भी सुशील को दूध पिलाया
- सुशील ने अदा किया दूध का कर्ज
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