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गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[चंद्रशेखर वेंकट रामन]]'''</div> | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[चंद्रशेखर वेंकट रामन]]'''</div> | ||
[[चित्र:C.V Raman.jpg|right|100px|चंद्रशेखर वेंकट रामन|link=चंद्रशेखर वेंकट रामन]] | [[चित्र:C.V Raman.jpg|right|100px|चंद्रशेखर वेंकट रामन|link=चंद्रशेखर वेंकट रामन]] | ||
* चंद्रशेखर वेंकट रामन का जन्म तिरुचिरापल्ली शहर में [[7 नवम्बर]] [[1888]] को हुआ | * चंद्रशेखर वेंकट रामन पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने वैज्ञानिक संसार में [[भारत]] को ख्याति दिलाई। | ||
* चंद्रशेखर वेंकट रामन का जन्म तिरुचिरापल्ली शहर में [[7 नवम्बर]] [[1888]] को हुआ था। इनके पिता '''चंद्रशेखर अय्यर और माँ पार्वती अम्माल''' थीं। | |||
* वेंकटरामन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की 'एम॰ आर॰ सी॰ लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी' के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक थे। | * वेंकटरामन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' की 'एम॰ आर॰ सी॰ लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी' के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक थे। | ||
* 'रामन प्रभाव | * '''रामन प्रभाव की खोज [[28 फ़रवरी]], [[1928]]''' को हुई थी। इस महान खोज की याद में 28 फ़रवरी का दिन हम '''राष्ट्रीय विज्ञान दिवस''' के रूप में मनाते हैं। | ||
* डॉ.रामन का देश-विदेश की प्रख्यात वैज्ञानिक संस्थाओं ने सम्मान किया। | * इस महान खोज 'रामन प्रभाव' के लिये '''[[1930]] में श्री रामन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार''' प्रदान किया गया और रामन [[भौतिक विज्ञान]] में [[नोबेल पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले [[एशिया]] के पहले व्यक्ति बने। | ||
* सोवियत रूस ने उन्हें 1958 में 'लेनिन पुरस्कार' प्रदान किया। | * डॉ.रामन का देश-विदेश की प्रख्यात वैज्ञानिक संस्थाओं ने सम्मान किया। भारत सरकार ने '[[भारत रत्न]]' की सर्वोच्च उपाधि देकर सम्मानित किया। | ||
* 21 नवम्बर 1970 को 82 वर्ष की आयु में वैज्ञानिक डॉ. रामन की मृत्यु हुई। '''[[चंद्रशेखर वेंकट रामन|.... और पढ़ें]]''' | * सोवियत रूस ने उन्हें [[1958]] में 'लेनिन पुरस्कार' प्रदान किया। | ||
* [[21 नवम्बर]], [[1970]] को 82 वर्ष की आयु में वैज्ञानिक डॉ. रामन की मृत्यु हुई। '''[[चंद्रशेखर वेंकट रामन|.... और पढ़ें]]''' | |||
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| style="border:1px solid #94f9c7;padding:10px; background:#f5fffa" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cef2e0; border:thin solid #a3bfb1">'''चयनित लेख'''</div> | | style="border:1px solid #94f9c7;padding:10px; background:#f5fffa" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cef2e0; border:thin solid #a3bfb1">'''चयनित लेख'''</div> | ||
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रंग]]'''</div> | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रंग]]'''</div> | ||
<div id="rollnone"> [[चित्र:Colour.jpg|right|100px|रंग बिरंगी पेन्सिल |link=रंग बिरंगी पेन्सिल ]] </div> | <div id="rollnone"> [[चित्र:Colour.jpg|right|100px|रंग बिरंगी पेन्सिल |link=रंग बिरंगी पेन्सिल]] </div> | ||
* | *रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। | ||
*रत्न अपनी '''चमक और अन्य भौतिक गुणों''' के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है। | *रत्न अपनी '''चमक और अन्य भौतिक गुणों''' के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है। | ||
*रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है। | *रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है। |
08:01, 5 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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