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'''समरेश जंग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Samresh Jung'', जन्म- [[5 मई]], [[1970]], सिरमौर ज़िला, [[हिमाचल प्रदेश]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध निशानेबाज़ (शूटर) हैं। [[2006]] में मेलबर्न में होने वाले 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण, दो रजत तथा एक कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज़ समरेश जंग को इन खेलों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब भारत के किसी खिलाड़ी को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया हो। अत: उन्होंने यह पुरस्कार जीतकर एक नया इतिहास रच डाला। समरेश जंग ने द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशनश शूटिंग चैंपियनशिप में [[1997]] में दो स्वर्ण पदक जीते थे। [[2002]] के राष्ट्रमंडल खेलों में भी समरेश ने दो स्वर्ण पदक जीतकर सफलता प्राप्त की थी।<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.kaiseaurkya.com/samresh-jung-biography-in-hindi-language/|title=समरेश जंग का जीवन परिचय |accessmonthday=03 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language= हिन्दी}}</ref>
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'''समरेश जंग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Samresh Jung'', जन्म- [[5 मई]], [[1970]], [[सिरमौर ज़िला]], [[हिमाचल प्रदेश]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध निशानेबाज़ (शूटर) हैं। [[2006]] में मेलबर्न में होने वाले 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण, दो रजत तथा एक कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज़ समरेश जंग को इन खेलों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब भारत के किसी खिलाड़ी को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया हो। अत: उन्होंने यह पुरस्कार जीतकर एक नया इतिहास रच डाला। समरेश जंग ने द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशनश शूटिंग चैंपियनशिप में [[1997]] में दो स्वर्ण पदक जीते थे। [[2002]] के राष्ट्रमंडल खेलों में भी समरेश ने दो स्वर्ण पदक जीतकर सफलता प्राप्त की थी।<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.kaiseaurkya.com/samresh-jung-biography-in-hindi-language/|title=समरेश जंग का जीवन परिचय |accessmonthday=03 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language= हिन्दी}}</ref>
 
==परिचय==
 
==परिचय==
 
समरेश जंग का जन्म 5 मई, 1970 को [[हिमाचल प्रदेश]] के सिरमौर ज़िले में हरिपुर खोल नामक स्थान पर हुआ था। सरमेश जंग ने अपनी पहचान [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल शूटरों में से एक के रूप में बनाई है। उनका संबंध एक ऐसे [[परिवार]] से है, जहाँ निशानेबाज़ी का शौक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। अत: उनके लिए निशानेबाज़ी इस तरह सामान्य बात रही, जैसे किसी बत्तख के लिए पानी में तैरना।
 
समरेश जंग का जन्म 5 मई, 1970 को [[हिमाचल प्रदेश]] के सिरमौर ज़िले में हरिपुर खोल नामक स्थान पर हुआ था। सरमेश जंग ने अपनी पहचान [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल शूटरों में से एक के रूप में बनाई है। उनका संबंध एक ऐसे [[परिवार]] से है, जहाँ निशानेबाज़ी का शौक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। अत: उनके लिए निशानेबाज़ी इस तरह सामान्य बात रही, जैसे किसी बत्तख के लिए पानी में तैरना।
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समरेश सेंट्रल इण्डस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सी.आई.एस.एफ.) में इंस्पेक्टर के पद पर [[दिल्ली]] में रहते हैं। उन्होंने अपनी पहली पहचान तब बनाई, जब [[1997]] में दिल्ली में हुए द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशन (सैफ) शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने सफलता प्राप्त की। उन्होंने वहां दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक जीते। इसके पश्चात् उन्होंने पेयर्स स्पर्धा में सफलता अर्जित की। [[2002]] के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते। इसमें से एक पदक उन्होंने मैन्स फ्री पिस्टल पेयर्स में [[जसपाल राणा]] के साथ जीता तथा दूसरा पदक उन्होंने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल पेयर्स के ओपन इवेंट में जीता। यह भी पेयर्स स्पर्धा थी, इसमें भी उनके पार्टनर जसपाल राणा ही थे।
 
समरेश सेंट्रल इण्डस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सी.आई.एस.एफ.) में इंस्पेक्टर के पद पर [[दिल्ली]] में रहते हैं। उन्होंने अपनी पहली पहचान तब बनाई, जब [[1997]] में दिल्ली में हुए द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशन (सैफ) शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने सफलता प्राप्त की। उन्होंने वहां दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक जीते। इसके पश्चात् उन्होंने पेयर्स स्पर्धा में सफलता अर्जित की। [[2002]] के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते। इसमें से एक पदक उन्होंने मैन्स फ्री पिस्टल पेयर्स में [[जसपाल राणा]] के साथ जीता तथा दूसरा पदक उन्होंने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल पेयर्स के ओपन इवेंट में जीता। यह भी पेयर्स स्पर्धा थी, इसमें भी उनके पार्टनर जसपाल राणा ही थे।
 
==राष्ट्रमण्डल खेल-2006==
 
==राष्ट्रमण्डल खेल-2006==
इसके बाद अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर समरेश ठीक-ठाक प्रदर्शन करते रहे। पर उनके जीवन का खूबसूरत क्षण तब आया, जब [[2006]] के [[राष्ट्रमंडल खेल|राष्ट्रमंडल खेलों]] में वह 8 स्वर्ण पदक जीतने का स्वप्न लेकर पहुंचे। लेकिन पहली प्रतियोगिता में वह रजत पदक ही प्राप्त कर सके। उन्हें कुछ निराशा हुई, परन्तु अपने हौसले को बुलन्द करते हुए उन्होंने पाँच स्वर्ण पदकों पर कब्जा कर लिया। ये स्वर्ण पदक उन्हें 50 मीटर फ्री पिस्टल, (व्यक्तिगत स्पर्धा), 10 मीटर एयर पिस्टल (व्यक्तिगत व पेयर्स), 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल पेयर्स, 25 मीटर स्टैन्डर्ड पिस्टल पेयर्स प्रतियोगिताओं में प्राप्त हुए।<ref name="aa"/>
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इसके बाद अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर समरेश ठीक-ठाक प्रदर्शन करते रहे। पर उनके जीवन का खूबसूरत क्षण तब आया, जब [[2006]] के [[राष्ट्रमंडल खेल|राष्ट्रमंडल खेलों]] में वह 8 स्वर्ण पदक जीतने का स्वप्न लेकर पहुंचे। लेकिन पहली प्रतियोगिता में वह रजत पदक ही प्राप्त कर सके। उन्हें कुछ निराशा हुई, परन्तु अपने हौसले को बुलन्द करते हुए उन्होंने पाँच स्वर्ण पदकों पर क़ब्ज़ा कर लिया। ये स्वर्ण पदक उन्हें 50 मीटर फ्री पिस्टल, (व्यक्तिगत स्पर्धा), 10 मीटर एयर पिस्टल (व्यक्तिगत व पेयर्स), 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल पेयर्स, 25 मीटर स्टैन्डर्ड पिस्टल पेयर्स प्रतियोगिताओं में प्राप्त हुए।<ref name="aa"/>
  
 
लेकिन 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल (व्यक्तिगत स्पर्धा) तथा 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल ने समरेश की सबसे ज्यादा स्वर्ण जीतने की आशा को खत्म कर दिया। 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल स्पर्धा में ऐन वक्त पर उनकी पिस्तौल दगा दे गई। इस स्पर्धा के वक्त उनकी पिस्तौल जाम हो गई। समरेश अगर अपनी यह आखिरी स्पर्धा भी जीत जाते तो किसी एक राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा छह स्वर्ण जीतने के तैराक इयान थोर्प और सूसी ओ नील के रिकॉर्ड के बराबर पहुँच जाते। यद्यपि अभ्यास के वक्त भी समरेश की पिस्तौल में खराबी पाई गई थी, लेकिन उसे उसी वक्त दूर कर दिया गया था। इस अवसर पर समरेश का कहना था ”[[खेल]] में यह सब चलता रहता है। आप जीतने की उम्मीद नहीं कर सकते। मुझे सिर्फ इस बात का अफसोस है कि इन खेलों में अपने अभियान का अंत शानदार ढंग से नहीं कर सका।”
 
लेकिन 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल (व्यक्तिगत स्पर्धा) तथा 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल ने समरेश की सबसे ज्यादा स्वर्ण जीतने की आशा को खत्म कर दिया। 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल स्पर्धा में ऐन वक्त पर उनकी पिस्तौल दगा दे गई। इस स्पर्धा के वक्त उनकी पिस्तौल जाम हो गई। समरेश अगर अपनी यह आखिरी स्पर्धा भी जीत जाते तो किसी एक राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा छह स्वर्ण जीतने के तैराक इयान थोर्प और सूसी ओ नील के रिकॉर्ड के बराबर पहुँच जाते। यद्यपि अभ्यास के वक्त भी समरेश की पिस्तौल में खराबी पाई गई थी, लेकिन उसे उसी वक्त दूर कर दिया गया था। इस अवसर पर समरेश का कहना था ”[[खेल]] में यह सब चलता रहता है। आप जीतने की उम्मीद नहीं कर सकते। मुझे सिर्फ इस बात का अफसोस है कि इन खेलों में अपने अभियान का अंत शानदार ढंग से नहीं कर सका।”
 
;सम्मान व पुरस्कार
 
;सम्मान व पुरस्कार
खेलों के अंत में समरेश जंग को ‘डेविड डिक्सन अवॉर्ड’ क्लोजिंग सेरेमनी के वक्त प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के द्वारा उन्हें 18वें राष्ट्रमंडल खेलों का सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज घोषित किया गया। 2002 में समरेश को ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया।
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खेलों के अंत में समरेश जंग को ‘डेविड डिक्सन अवॉर्ड’ क्लोजिंग सेरेमनी के वक्त प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के द्वारा उन्हें 18वें राष्ट्रमंडल खेलों का सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज घोषित किया गया। [[2002]] में समरेश को ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया।
 
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समरेश जंग
समरेश जंग
पूरा नाम समरेश जंग
जन्म 5 मई, 1970
जन्म भूमि सिरमौर ज़िला, हिमाचल प्रदेश
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र निशानेबाज़ (शूटर)
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार’, (2002), 'सैफ खेल' (1997), ‘के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों’ (2002)
प्रसिद्धि भारतीय निशानेबाज़
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी सरमेश जंग ने अपनी पहचान भारत के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल शूटरों में से एक के रूप में बनाई है। 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण के अतिरिक्त उन्होंने 50 मीटर पिस्टल पेयर्स में रजत तथा 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता।

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समरेश जंग (अंग्रेज़ी: Samresh Jung, जन्म- 5 मई, 1970, सिरमौर ज़िला, हिमाचल प्रदेश) भारत के प्रसिद्ध निशानेबाज़ (शूटर) हैं। 2006 में मेलबर्न में होने वाले 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण, दो रजत तथा एक कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज़ समरेश जंग को इन खेलों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब भारत के किसी खिलाड़ी को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया हो। अत: उन्होंने यह पुरस्कार जीतकर एक नया इतिहास रच डाला। समरेश जंग ने द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशनश शूटिंग चैंपियनशिप में 1997 में दो स्वर्ण पदक जीते थे। 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी समरेश ने दो स्वर्ण पदक जीतकर सफलता प्राप्त की थी।[1]

परिचय

समरेश जंग का जन्म 5 मई, 1970 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले में हरिपुर खोल नामक स्थान पर हुआ था। सरमेश जंग ने अपनी पहचान भारत के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल शूटरों में से एक के रूप में बनाई है। उनका संबंध एक ऐसे परिवार से है, जहाँ निशानेबाज़ी का शौक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। अत: उनके लिए निशानेबाज़ी इस तरह सामान्य बात रही, जैसे किसी बत्तख के लिए पानी में तैरना।

सफलताएँ

समरेश सेंट्रल इण्डस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सी.आई.एस.एफ.) में इंस्पेक्टर के पद पर दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने अपनी पहली पहचान तब बनाई, जब 1997 में दिल्ली में हुए द्वितीय साउथ एशियन फैडरेशन (सैफ) शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने सफलता प्राप्त की। उन्होंने वहां दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक जीते। इसके पश्चात् उन्होंने पेयर्स स्पर्धा में सफलता अर्जित की। 2002 के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते। इसमें से एक पदक उन्होंने मैन्स फ्री पिस्टल पेयर्स में जसपाल राणा के साथ जीता तथा दूसरा पदक उन्होंने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल पेयर्स के ओपन इवेंट में जीता। यह भी पेयर्स स्पर्धा थी, इसमें भी उनके पार्टनर जसपाल राणा ही थे।

राष्ट्रमण्डल खेल-2006

इसके बाद अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर समरेश ठीक-ठाक प्रदर्शन करते रहे। पर उनके जीवन का खूबसूरत क्षण तब आया, जब 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में वह 8 स्वर्ण पदक जीतने का स्वप्न लेकर पहुंचे। लेकिन पहली प्रतियोगिता में वह रजत पदक ही प्राप्त कर सके। उन्हें कुछ निराशा हुई, परन्तु अपने हौसले को बुलन्द करते हुए उन्होंने पाँच स्वर्ण पदकों पर क़ब्ज़ा कर लिया। ये स्वर्ण पदक उन्हें 50 मीटर फ्री पिस्टल, (व्यक्तिगत स्पर्धा), 10 मीटर एयर पिस्टल (व्यक्तिगत व पेयर्स), 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल पेयर्स, 25 मीटर स्टैन्डर्ड पिस्टल पेयर्स प्रतियोगिताओं में प्राप्त हुए।[1]

लेकिन 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल (व्यक्तिगत स्पर्धा) तथा 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल ने समरेश की सबसे ज्यादा स्वर्ण जीतने की आशा को खत्म कर दिया। 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल स्पर्धा में ऐन वक्त पर उनकी पिस्तौल दगा दे गई। इस स्पर्धा के वक्त उनकी पिस्तौल जाम हो गई। समरेश अगर अपनी यह आखिरी स्पर्धा भी जीत जाते तो किसी एक राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा छह स्वर्ण जीतने के तैराक इयान थोर्प और सूसी ओ नील के रिकॉर्ड के बराबर पहुँच जाते। यद्यपि अभ्यास के वक्त भी समरेश की पिस्तौल में खराबी पाई गई थी, लेकिन उसे उसी वक्त दूर कर दिया गया था। इस अवसर पर समरेश का कहना था ”खेल में यह सब चलता रहता है। आप जीतने की उम्मीद नहीं कर सकते। मुझे सिर्फ इस बात का अफसोस है कि इन खेलों में अपने अभियान का अंत शानदार ढंग से नहीं कर सका।”

सम्मान व पुरस्कार

खेलों के अंत में समरेश जंग को ‘डेविड डिक्सन अवॉर्ड’ क्लोजिंग सेरेमनी के वक्त प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के द्वारा उन्हें 18वें राष्ट्रमंडल खेलों का सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज घोषित किया गया। 2002 में समरेश को ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

उपलब्धियाँ

भारतीय शूटर समरेश जंग की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं[1]-

  1. 1997 के सैफ खेलों में दिल्ली में उन्होने दो स्वर्ण एक रजत तथा एक कांस्य पदक जीते।
  2. 2002 के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में समरेश ने दो स्वर्ण पदक तथा तीन रजत पदक जीते।
  3. 2002 में समरेश को ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
  4. 2004 के सैफ खेलों में समरेश ने 25 मीटर स्टैडर्ड पिस्टल प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
  5. 2005 में पांचवीं राष्ट्रमंडल शूटिंग चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक 2 रजत पदक व एक कांस्य पदक जीते।
  6. 2005 के राष्ट्रीय खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
  7. 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में समरेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण पदक जीते।
  8. 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘डेविड डिक्सन अवॉर्ड’ प्रदान किया गया।
  9. 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण के अतिरिक्त उन्होंने 50 मीटर पिस्टल पेयर्स में रजत तथा 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 समरेश जंग का जीवन परिचय (हिन्दी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 03 सितम्बर, 2016।

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