चतुर्भुज
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मुख्य लेख : विष्णु
- भगवान विष्णु का नाम चतुर्भुज भी है।
- चार भुजाधारी भगवान विष्णु के दाहिनी एवं ऊर्ध्व भुजा के क्रम से अस्त्र विशेष ग्रहण करने पर केशव आदि नाम होते हैं अर्थात, दाहिनी ओर का ऊपर का हाथ, दाहिनी ओर का नीचे का हाथ, बायीं ओर का ऊपर का हाथ और बायीं ओर का नीचे का हाथ- इस क्रम से चारों हाथों में शंख, चक्र आदि आयुधों को क्रम या व्यतिक्रमपूर्वक धारण करने पर भगवान की भिन्न-भिन्न संज्ञाएँ होती हैं। उन्हीं संज्ञाओं का निर्देश करते हुए यहाँ भगवान का पूजन बतलाया जाता है।
हिन्दी | चार भुजाओं वाला, (ज्यामिति में वह क्षेत्र) जिसमें चार भुजाएँ या कोण हों। जैसे–सम चतुर्भुज क्षेत्र,विष्णु। |
-व्याकरण | पुल्लिंग,विशेषण, संज्ञा,स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | जिसकी चार भुजाएँ हों जैसे- विष्णु |
-विशेष | ज्यामिति में, चार भुजाओं वाला क्षेत्र को चतुर्भुज कहा जाता है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | चतुर्भुजा, चतुष्कोण, चौक, चौकोन, चौखट, चौखटा, वेदास्त्र, चतुरस्त्र। |
संस्कृत | |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्य पुस्तकों में 'पुराणपुरुष' से लेकर 'मुदमर्दन' तक श्लोक नहीं है, अतः वहाँ केवल 39 ही नाम गिनाये गए हैं।