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'''पुलेला गायत्री गोपीचंद''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pullela Gayatri Gopichand'', जन्म- [[4 मार्च]], [[2003]]) भारतीय [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी हैं। वे [[भारत]] के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच [[पुलेला गोपीचंद]] की बेटी हैं। अपने [[पिता]] के नक्शे कदम पर ही चलते हुए गायत्री गोपीचंद बैडमिंटन के क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। बर्मिघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित [[राष्ट्रमंडल खेल 2022]] में गायत्री गोपीचंद और [[त्रिशा जॉली]] की जोड़ी ने महिलाओं के डबल्स में देश के लिये कांस्य पदक जीता है।
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}}'''पुलेला गायत्री गोपीचंद''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pullela Gayatri Gopichand'', जन्म- [[4 मार्च]], [[2003]]) भारतीय [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी हैं। वे [[भारत]] के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच [[पुलेला गोपीचंद]] की बेटी हैं। अपने [[पिता]] के नक्शे कदम पर ही चलते हुए गायत्री गोपीचंद बैडमिंटन के क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। बर्मिघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित [[राष्ट्रमंडल खेल 2022]] में गायत्री गोपीचंद और [[त्रिशा जॉली]] की जोड़ी ने महिलाओं के डबल्स में देश के लिये कांस्य पदक जीता है।
 
==परिचय==
 
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गायत्री गोपीचंद का जन्म 4 मार्च, 2003 को [[आंध्र प्रदेश]] के [[हैदराबाद]] में [[पुलेला गोपीचंद]] और पीवीवी लक्ष्मी के घर हुआ। उनके पिता पुलेला गोपीचंद पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच हैं। जबकि उनकी मां पीवी लक्ष्मी भी पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं। गायत्री गोपीचंद के घर में खेल का माहौल होने के कारण उनको बैडमिंटन विरासत में मिली थी। जिसके बाद से गायत्री गोपीचंद ने अपने [[पिता]]-[[माता]] की तरह बैडमिंटन में ही अपना कॅरियर बनाने का फैसला किया। उनका एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम – विष्णु गोपीचंद है और वह भी एक शटलर है।<ref name="pp">{{cite web |url= https://biographybooks.in/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%A6/#:~:text=%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%A6%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%A1%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A4%A8,%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%B2%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%80%20%E0%A4%A5%E0%A5%80%E0%A5%A4|title=भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी हैं, गायत्री गोपीचंद|accessmonthday=09 सितंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=biographybooks.in |language=हिंदी}}</ref>
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गायत्री गोपीचंद का जन्म 4 मार्च, 2003 को [[आंध्र प्रदेश]] के [[हैदराबाद]] में [[पुलेला गोपीचंद]] और पी.वी. लक्ष्मी के घर हुआ। उनके पिता पुलेला गोपीचंद पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच हैं। जबकि उनकी मां पीवी लक्ष्मी भी पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं। गायत्री गोपीचंद के घर में खेल का माहौल होने के कारण उनको बैडमिंटन विरासत में मिली थी। जिसके बाद से गायत्री गोपीचंद ने अपने [[पिता]]-[[माता]] की तरह बैडमिंटन में ही अपना कॅरियर बनाने का फैसला किया। उनका एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम – विष्णु गोपीचंद है और वह भी एक शटलर है।<ref name="pp">{{cite web |url= https://biographybooks.in/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%A6/#:~:text=%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%A6%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%A1%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A4%A8,%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%B2%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%80%20%E0%A4%A5%E0%A5%80%E0%A5%A4|title=भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी हैं, गायत्री गोपीचंद|accessmonthday=09 सितंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=biographybooks.in |language=हिंदी}}</ref>
 
==प्रशिक्षण==
 
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गायत्री गोपीचंद की ट्रेनिंग उनके पिता द्वारा स्थापित ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी‘ में अपने पिता के संरक्षण में हुई। वह भी अन्य खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन की प्रैक्टिस किया करती हैं। उन्होंने बचपन से ही बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। पुलेला गोपीचंद अपनी बेटी गायत्री गोपीचंद को अन्य बच्चों की तरह ही ट्रेनिंग देते हैं। वह बेटी से भी कोर्ट पर जाने से पहले यही कहते हैं कि– 'बस अपना 100 प्रतिशत देना, हार भी जाए तो कोई बात नहीं।'
 
गायत्री गोपीचंद की ट्रेनिंग उनके पिता द्वारा स्थापित ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी‘ में अपने पिता के संरक्षण में हुई। वह भी अन्य खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन की प्रैक्टिस किया करती हैं। उन्होंने बचपन से ही बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। पुलेला गोपीचंद अपनी बेटी गायत्री गोपीचंद को अन्य बच्चों की तरह ही ट्रेनिंग देते हैं। वह बेटी से भी कोर्ट पर जाने से पहले यही कहते हैं कि– 'बस अपना 100 प्रतिशत देना, हार भी जाए तो कोई बात नहीं।'

06:27, 9 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण

गायत्री गोपीचंद
गायत्री गोपीचंद
पूरा नाम पुलेला गायत्री गोपीचंद
अन्य नाम गोप्स, गोपी (उपनाम)
जन्म 4 मार्च, 2003
जन्म भूमि हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
अभिभावक माता- पी.वी. लक्ष्मी

पिता- पुलेला गोपीचंद

कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र बैडमिंटन
प्रसिद्धि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल खेल 2022
कॉमनवेल्थ खेल बर्मिघम, 2022 - मिश्रित टीम - रजत पदक

बर्मिघम, 2022 - महिला डबल्स - कांस्य पदक

साउथ एशियन गेम्स काठमांडू, 2022 - महिला टीम - स्वर्ण पदक

काठमांडू, 2022 - महिला एकल - रजत पदक

लम्बाई 5 फुट 5 इंच
कोच पुलेला गोपीचंद
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पुलेला गायत्री गोपीचंद (अंग्रेज़ी: Pullela Gayatri Gopichand, जन्म- 4 मार्च, 2003) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वे भारत के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी हैं। अपने पिता के नक्शे कदम पर ही चलते हुए गायत्री गोपीचंद बैडमिंटन के क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 में गायत्री गोपीचंद और त्रिशा जॉली की जोड़ी ने महिलाओं के डबल्स में देश के लिये कांस्य पदक जीता है।

परिचय

गायत्री गोपीचंद का जन्म 4 मार्च, 2003 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद और पी.वी. लक्ष्मी के घर हुआ। उनके पिता पुलेला गोपीचंद पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच हैं। जबकि उनकी मां पीवी लक्ष्मी भी पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं। गायत्री गोपीचंद के घर में खेल का माहौल होने के कारण उनको बैडमिंटन विरासत में मिली थी। जिसके बाद से गायत्री गोपीचंद ने अपने पिता-माता की तरह बैडमिंटन में ही अपना कॅरियर बनाने का फैसला किया। उनका एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम – विष्णु गोपीचंद है और वह भी एक शटलर है।[1]

प्रशिक्षण

गायत्री गोपीचंद की ट्रेनिंग उनके पिता द्वारा स्थापित ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी‘ में अपने पिता के संरक्षण में हुई। वह भी अन्य खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन की प्रैक्टिस किया करती हैं। उन्होंने बचपन से ही बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। पुलेला गोपीचंद अपनी बेटी गायत्री गोपीचंद को अन्य बच्चों की तरह ही ट्रेनिंग देते हैं। वह बेटी से भी कोर्ट पर जाने से पहले यही कहते हैं कि– 'बस अपना 100 प्रतिशत देना, हार भी जाए तो कोई बात नहीं।'

कॅरियर

वर्ष 2017 में गायत्री गोपीचंद जब 14 वर्ष की थी, तब उन्होंने अंडर-19 का राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया था। इसके पहले उनकी मां ने भी 16 वर्ष की उम्र में यह खिताब जीता था। गायत्री, पीबीएल के पांचवें सीजन में भी शामिल हुई थी। वह पीबीएल में शामिल होने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थीं। अपने इस डेब्यु मैच में गायत्री का सामना पी. वी. सिंधु से हुआ था। इसके बाद गायत्री गोपीचंद को वर्ष 2018 में आयोजित एशियाई खेलों में भारतीय टीम में चुना गया था।

गायत्री गोपीचंद ने वर्ष 2019 मे आयोजित ‘दक्षिण एशियाई खेलों’ भाग लिया था जिसमें वह स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रही थीं। गायत्री ने एकल वर्ग में भी रजत पदक जीता था। वह बीड्ब्ल्यूएफ़ के वर्ल्ड टूर महिला युगल के फाइनल में पहुंची और उपविजेता रहीं। वर्ष 2021 में बेंगलुरु में आयोजित ‘इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज–2021 बैडमिंटन टूर्नामेंट’ में गायत्री गोपीचंद ने शानदार जीत दर्ज की थी जबकि वह इसके मिक्स डबल में रनर अप रही थीं। मार्च 2022 में गायत्री गोपीचंद ‘ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप’ के सेमीफाइनल में पहुंची थीं। इसके बाद से वे सुर्खियों में बनी हुई हैं। जबकि 21 साल पहले उनके पिता पुलेला गोपीचंद ने ‘ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप’ का खिताब जीता था, तो वहीं गायत्री ने भी इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। गायत्री गोपीचंद ‘ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप’ के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली युगल खिलाड़ी बन गई हैं।[1]

हालांकि गायत्री गोपीचंद और त्रिशा जॉली कि यह जोड़ी चीन की शु जियान झांग और यु झेंग से सीधे गेम में हार गई। इसके बावजूद इन दोनों युवा शटलरों ने इतिहास रच दिया। अपने सफ़र में दोनों ने ओलंपिक चैंपियन जोड़ी और विश्व कप की विजेता जोड़ी को हराया। गायत्री ने त्रिशा के साथ एक साल पहले ही जोड़ी बनाकर खेलना शुरू किया था। गायत्री गोपीचंद और त्रिशा जॉली की जोड़ी ने साल की शुरुआत ‘उड़ीसा ओपन’ खिताब के साथ की थी। यह जोड़ी ‘सैयद मोदी टूर्नामेंट’ के फाइनल में भी पहुंची थी।

उपलब्धियाँ

  • वर्ष 2017 में 14 वर्ष की उम्र में गायत्री गोपीचंद ने अंडर-19 का राष्ट्रीय खिताब जीता था।
  • वर्ष 2018 में 15 वर्ष की उम्र में एशियन गेम्स में भारतीय टीम में जगह बनाई।
  • वर्ष 2019 में ‘साउथ एशियन गेम्स’ में टीम इवेंट में गोल्ड और सिंगल्स कैटेगरी में सिल्वर जीता।
  • गायत्री गोपीचंद पीबीएल के पांचवें सीजन में शामिल हुई थीं। वह पीबीएल में शामिल होने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।
  • मार्च 2022 में गायत्री गोपीचंद अपनी साथी खिलाड़ी त्रिशा जॉली के साथ मिलकर ‘ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप’ के युगल के सेमीफाइनल में पहुंचीं।
  • वह वर्ल्ड टूर में एक टाइटल और इंटरनेशनल चैलेंजर सीरीज में एक टाइटल जीत चुकी हैं। जबकि वर्ल्ड टूर में एक बार रनर अप और इंटरनेशनल चैलेंजर सीरीज में चार बार रनर अप रहीं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी हैं, गायत्री गोपीचंद (हिंदी) biographybooks.in। अभिगमन तिथि: 09 सितंबर, 2021।

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