कुशवाहा कान्त
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कुशवाहा कान्त
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पूरा नाम | कुशवाहा कान्त |
जन्म | 9 दिसम्बर, 1918 |
जन्म भूमि | मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 29 फ़रवरी, 1952 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | उपन्यासकार, नाटककार |
मुख्य रचनाएँ | 'लाल रेखा', 'पारस', 'विद्रोही सुभाष', 'आहुति' आदि। |
प्रसिद्धि | उपन्यासकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | कुशवाहा कान्त भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। इनकी कृतियाँ 'कुँवर कान्ता प्रसाद' के नाम से प्रकाशित होती थीं। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
कुशवाहा कान्त (जन्म- 9 दिसम्बर, 1918, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 29 फ़रवरी, 1952) भारत के जाने-माने उपन्यासकार थे। इन्होंने 'महाकवि मोची' नाम से कई हास्य नाटकों तथा कविताओं का भी सृजन किया।[1]
- मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के 'महुवरिया' नामक मोहल्ले में जन्में कुशवाहा कान्त ने नौवीं कक्षा में ही ‘खून का प्यासा’ नामक जासूसी उपन्यास लिखा था।
- कुशवाहा कान्त की प्रमुख कृतियाँ निम्नलिखित हैं-
- लाल रेखा
- पपीहरा
- पारस
- परदेसी (दो भाग)
- विद्रोही सुभाष
- नागिन मद भरे नैयना
- आहुति
- अकेला
- बसेरा
- कुमकुम
- मंजिल
- नीलम पागल
- जलन
- लवंग
- निर्मोही
- अपना-पराया
- कुशवाहा कान्त की कृतियाँ 'कुँवर कान्ता प्रसाद' के नाम से प्रकाशित होती थीं।
- 'महाकवि मोची' नाम से अनेक हास्यों नाटकों तथा कविताओं का सृजन इन्होंने किया।
- 29 फ़रवरी, 1952 को कबीरचौरा के पास गुण्डों ने एक आक्रमण किया, जिसमें कुशवाहा कान्त का निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2014।
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