कैलाशचंद्र देव वृहस्पति शास्त्रीय संगीत, संस्कृत, फ़ारसी, उर्दू, ब्रजभाषा के प्रकांड-पंडित थे।
- वृहस्पत्ति अनेक वर्षों तक आकाशवाणी के संगीत सलाहकार थे।
- इन्होंने रामपुर दरबार से गायकी का अध्ययन आरंभ करके आपने ‘संगीत रत्नाकर’ आदि ग्रंथों की सुन्दर व्याख्या हिन्दी में लिखी।
- अंतिम दिनों में वे ‘नाट्यशास्त्र’ पर शोध-कार्य कर रहे थे।
- भारतीय भाषा परिषद्, कलकत्ता में इस विषय पर उन्होंने सव्याख्या संगीतमय भाषण प्रस्तुत किया था।
- कैलाशचंद्र देव ने सोवियत रूस की भी यात्रा की।
- सुलोचना यजुर्वेदी से आपने विवाह किया था।
- इनके शोधपूर्ण ग्रंथ अप्रकाशित हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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