"सौरव घोषाल": अवतरणों में अंतर
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*सौरव घोषाल ने एशियन गेम्स, 2006 दोहा में कांस्य पदक जीता था। | *सौरव घोषाल ने साल [[2018]] में [[ऑस्ट्रेलिया]] के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर मिश्रित युगल स्पर्धा में रजत पदक जीता था। | ||
*उन्होंने एशियन गेम्स, 2006 दोहा में कांस्य पदक जीता था। | |||
*[[अगस्त]] [[2006]] में [[भारत]] के [[राष्ट्रपति]] द्वारा उन्हें '[[अर्जुन पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया और इस तरह यह पुरस्कार पाने वाले देश के पहले स्क्वैश खिलाड़ी बन गए।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.outlookhindi.com/sport/general/sourav-ghoshal-reached-world-championship-quarter-finals-34949 |title=विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सौरव|accessmonthday=15 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=outlookhindi.com |language=हिंदी}}</ref> | *[[अगस्त]] [[2006]] में [[भारत]] के [[राष्ट्रपति]] द्वारा उन्हें '[[अर्जुन पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया और इस तरह यह पुरस्कार पाने वाले देश के पहले स्क्वैश खिलाड़ी बन गए।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.outlookhindi.com/sport/general/sourav-ghoshal-reached-world-championship-quarter-finals-34949 |title=विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सौरव|accessmonthday=15 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=outlookhindi.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
*सौरव घोषाल कई मामलों में अव्वल रहे हैं। वह पहले भारतीय हैं जो जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक पर थे। पहले खिलाड़ी हैं जिसने लगातार तीन साल जूनियर नेशनल चैंपियनशिप जीती और [[दिसंबर]] [[2006]] में दोहा एशियाई खेलो में स्क्वैश में पहला पदक जीता। | *सौरव घोषाल कई मामलों में अव्वल रहे हैं। वह पहले भारतीय हैं जो जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक पर थे। पहले खिलाड़ी हैं जिसने लगातार तीन साल जूनियर नेशनल चैंपियनशिप जीती और [[दिसंबर]] [[2006]] में दोहा एशियाई खेलो में स्क्वैश में पहला पदक जीता। | ||
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*साल [[2013]] में सौरव घोषाल विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी बन गए थे। | *साल [[2013]] में सौरव घोषाल विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी बन गए थे। | ||
*[[2014]] में उन्होंने इंचियोन में 17वें एशियाई खेलों में रजत पदक (व्यक्तिगत एकल) जीता। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी थे। वह फाइनल में कुवैत के अब्दुल्ला अल-मुजायेन से हार गये। हालांकि उनके नेतृत्व में भारतीय स्क्वैश टीम ने इंचियोन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। 88 मिनट चली इस भीषण भिड़ंत वाले फाइनल में उन्होंने जैसे तैसे वापसी करते हुए 6-11 11-7 11-6 12-14 11-9 से पूर्व विश्व नं-7 ओंग बेंग ही से जीत हासिल की और [[भारत]] को 2-0 की एक मजबूत बढ़त भी दिलाई। | *[[2014]] में उन्होंने इंचियोन में 17वें एशियाई खेलों में रजत पदक (व्यक्तिगत एकल) जीता। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी थे। वह फाइनल में कुवैत के अब्दुल्ला अल-मुजायेन से हार गये। हालांकि उनके नेतृत्व में भारतीय स्क्वैश टीम ने इंचियोन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। 88 मिनट चली इस भीषण भिड़ंत वाले फाइनल में उन्होंने जैसे तैसे वापसी करते हुए 6-11 11-7 11-6 12-14 11-9 से पूर्व विश्व नं-7 ओंग बेंग ही से जीत हासिल की और [[भारत]] को 2-0 की एक मजबूत बढ़त भी दिलाई। | ||
==राष्ट्रमंडल खेल 2022== | |||
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सौरव घोषाल ने 22वें [[राष्ट्रमंडल खेल 2022|राष्ट्रमंडल खेलों (2022)]] में कांस्य पदक पर कब्जा किया। उन्होंने विल्सट्रॉप के खिलाफ शुरुआत से ही दबदबा बनाया और [[इंग्लैंड]] के खिलाड़ी के पास उनके खेल का कोई जवाब नहीं था। विल्सट्रॉप ने पहले गेम में घोषाल को टक्कर देने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें अंक बनाने के अधिक मौके नहीं दिए। दूसरे गेम में तो विल्सट्रॉप की भूमिका सिर्फ एक दर्शक जैसी रही और मेजबान देश का खिलाड़ी पूरे गेम में सिर्फ एक ही अंक जुटा पाया। तीसरे गेम में भी स्थिति में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिला और घोषाल ने दबदबा कायम रखते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। | |||
राष्ट्रमंडल खेल 2022 में ही सौरव घोषाल और [[दीपिका पल्लीकल]] की शीर्ष भारतीय स्क्वॉश जोड़ी ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया। इस भारतीय जोड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में स्क्वॉश के मिश्रित डबल्स का कांस्य पदक अपने नाम किया। इस अनुभवी भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में [[ऑस्ट्रेलिया]] को 2-0 से हराया। दोनों का [[राष्ट्रमंडल खेल]] में ये लगातार दूसरा पदक था। भारतीय जोड़ी ने एकतरफा अंदाज में बिना ज्यादा परेशानी के जीत दर्ज की। लंबे समय से साथ खेल रही इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के लोबन डोना और कैमरन पिले की जोड़ी को बिल्कुल भी मैच में वापसी का मौका नहीं दिया और अपनी पकड़ को मजबूत रखते हुए सीधे गेमों में 11-8, 11-4 से शिकस्त दी। | |||
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09:27, 9 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
सौरव घोषाल
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पूरा नाम | सौरव घोषाल |
जन्म | 10 अगस्त, 1986 |
जन्म भूमि | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | स्क्वैश |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (2006) |
प्रसिद्धि | भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 5 फुट, 6 इंच |
कोच | एस. मनियम, मैल्कम विलस्ट्रोप, साइरस पोंछा |
अन्य जानकारी | साल 2013 में सौरव घोषाल विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी बन गए थे। |
अद्यतन | 14:57, 9 सितम्बर 2022 (IST)
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सौरव घोषाल (अंग्रेज़ी: Saurav Ghosal, जन्म- 10 अगस्त, 1986, कोलकाता, पश्चिम बंगाल) भारत के शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में 22वें राष्ट्रमंडल खेलों (2022) में पुरुषों की एकल स्क्वाश स्पर्धा में इतिहास रच दिया। वह राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वाश में एकल पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के जेम्स विलस्ट्रॉप को 3-0 से (11-6, 11-1, 11-4) से मात देकर कांस्य पदक पर कब्जा किया। इससे पहले सौरव घोषाल 2013 में इंग्लैंड के मैनचेस्टर में विश्व स्क्वैश चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। 2004 में वह इंग्लैंड के शेफ़ील्ड में फाइनल में मिस्र के एडेल एल सैड को हराकर ब्रिटिश जूनियर ओपन अंडर-19 स्क्वैश खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने। सौरव घोषाल अक्टूबर 2018 में वर्ल्ड नंबर-11 की करियर-उच्च विश्व रैंकिंग पर भी पहुंच गये थे।
कॅरियर
- सौरव घोषाल ने साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर मिश्रित युगल स्पर्धा में रजत पदक जीता था।
- उन्होंने एशियन गेम्स, 2006 दोहा में कांस्य पदक जीता था।
- अगस्त 2006 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया और इस तरह यह पुरस्कार पाने वाले देश के पहले स्क्वैश खिलाड़ी बन गए।[1]
- सौरव घोषाल कई मामलों में अव्वल रहे हैं। वह पहले भारतीय हैं जो जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक पर थे। पहले खिलाड़ी हैं जिसने लगातार तीन साल जूनियर नेशनल चैंपियनशिप जीती और दिसंबर 2006 में दोहा एशियाई खेलो में स्क्वैश में पहला पदक जीता।
- मई 2002 में उनका पहला प्रमुख खिताब जर्मन ओपन (अंडर-17) था और उन्होंने दो महीने बाद डच ओपन भी जीता।
- साल 2013 में सौरव घोषाल विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी बन गए थे।
- 2014 में उन्होंने इंचियोन में 17वें एशियाई खेलों में रजत पदक (व्यक्तिगत एकल) जीता। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी थे। वह फाइनल में कुवैत के अब्दुल्ला अल-मुजायेन से हार गये। हालांकि उनके नेतृत्व में भारतीय स्क्वैश टीम ने इंचियोन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। 88 मिनट चली इस भीषण भिड़ंत वाले फाइनल में उन्होंने जैसे तैसे वापसी करते हुए 6-11 11-7 11-6 12-14 11-9 से पूर्व विश्व नं-7 ओंग बेंग ही से जीत हासिल की और भारत को 2-0 की एक मजबूत बढ़त भी दिलाई।
राष्ट्रमंडल खेल 2022

सौरव घोषाल ने 22वें राष्ट्रमंडल खेलों (2022) में कांस्य पदक पर कब्जा किया। उन्होंने विल्सट्रॉप के खिलाफ शुरुआत से ही दबदबा बनाया और इंग्लैंड के खिलाड़ी के पास उनके खेल का कोई जवाब नहीं था। विल्सट्रॉप ने पहले गेम में घोषाल को टक्कर देने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें अंक बनाने के अधिक मौके नहीं दिए। दूसरे गेम में तो विल्सट्रॉप की भूमिका सिर्फ एक दर्शक जैसी रही और मेजबान देश का खिलाड़ी पूरे गेम में सिर्फ एक ही अंक जुटा पाया। तीसरे गेम में भी स्थिति में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिला और घोषाल ने दबदबा कायम रखते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया।
राष्ट्रमंडल खेल 2022 में ही सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल की शीर्ष भारतीय स्क्वॉश जोड़ी ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया। इस भारतीय जोड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में स्क्वॉश के मिश्रित डबल्स का कांस्य पदक अपने नाम किया। इस अनुभवी भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हराया। दोनों का राष्ट्रमंडल खेल में ये लगातार दूसरा पदक था। भारतीय जोड़ी ने एकतरफा अंदाज में बिना ज्यादा परेशानी के जीत दर्ज की। लंबे समय से साथ खेल रही इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के लोबन डोना और कैमरन पिले की जोड़ी को बिल्कुल भी मैच में वापसी का मौका नहीं दिया और अपनी पकड़ को मजबूत रखते हुए सीधे गेमों में 11-8, 11-4 से शिकस्त दी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सौरव (हिंदी) outlookhindi.com। अभिगमन तिथि: 15 सितम्बर, 2021।
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