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'''डॉ. राष्ट्रबंधु''' (जन्म: 1933 - मृत्यु: 3 मार्च, 2015) बालसाहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। डॉ. राष्ट्रबंधु का वास्तविक नाम श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी था। इन्होंने बालसाहित्य के द्वारा न केवल बालमन में जगह बनाई बल्कि उनकी शिक्षा में भी महान योगदान दिया।  
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'''डॉ. राष्ट्रबंधु''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dr. Rashtrabandhu'', जन्म: [[1933]] - मृत्यु: [[3 मार्च]], [[2015]]) बाल साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। डॉ. राष्ट्रबंधु का वास्तविक नाम 'श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी' था। इन्होंने बालसाहित्य के द्वारा न केवल बालमन में जगह बनाई बल्कि उनकी शिक्षा में भी महान् योगदान दिया।  
==संक्षिप्त परिचय==
==संक्षिप्त परिचय==
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* डॉ. राष्ट्रबंधु का बचपन बेहद अभावों में बीता। पेट भरने के लिए उन्होंने बूट पालिश, मज़दूरी तक की।  
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* उन्हें हरिकृष्ण तैलंग, बालसाहित्य सम्मान समेत कई पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा गया था।
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==कृतियाँ==
==कृतियाँ==
* डॉ. राष्ट्रबंधु ने तपती रेत
* तपती रेत
* जयंतिया पर्व दिवस
* जयंतिया पर्व दिवस
* भारत की महान बेटियां
* भारत की महान् बेटियां
* 52 गांव इनाम में
* 52 गांव इनाम में
* ये महान कैसे बने
* ये महान् कैसे बने
* राजू के गीत
* राजू के गीत
* जादूघर से लगते बादल
* जादूघर से लगते बादल

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डॉ. राष्ट्रबंधु
डॉ. राष्ट्रबंधु
डॉ. राष्ट्रबंधु
पूरा नाम श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी
जन्म 1933
जन्म भूमि सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 3 मार्च, 2015 (उम्र- 82 वर्ष)
मृत्यु स्थान कानपुर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ तपती रेत, जयंतिया पर्व दिवस, जादूघर से लगते बादल, 52 गांव इनाम में आदि
भाषा हिन्दी
पुरस्कार-उपाधि हरिकृष्ण तैलंग स्मृति सम्मान
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

डॉ. राष्ट्रबंधु (अंग्रेज़ी: Dr. Rashtrabandhu, जन्म: 1933 - मृत्यु: 3 मार्च, 2015) बाल साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। डॉ. राष्ट्रबंधु का वास्तविक नाम 'श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी' था। इन्होंने बालसाहित्य के द्वारा न केवल बालमन में जगह बनाई बल्कि उनकी शिक्षा में भी महान् योगदान दिया।

संक्षिप्त परिचय

  • डॉ. राष्ट्रबंधु का जन्म सहारनपुर में वर्ष 1933 में हुआ और 1940 में उनका परिवार कानपुर में आकर बस गया।
  • डॉ. राष्ट्रबंधु का बचपन बेहद अभावों में बीता। पेट भरने के लिए उन्होंने बूट पालिश, मज़दूरी तक की।
  • बाल साहित्य में उनके कार्य के लिए 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें सम्मानित किया। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी उन्हें सम्मानित कर चुके थे।
  • उन्हें हरिकृष्ण तैलंग, बालसाहित्य सम्मान समेत कई पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा गया था।
  • 1950 में उकी पहली पुस्तक बाल भूषण प्रकाशित हुई।[1]

कृतियाँ

  • तपती रेत
  • जयंतिया पर्व दिवस
  • भारत की महान् बेटियां
  • 52 गांव इनाम में
  • ये महान् कैसे बने
  • राजू के गीत
  • जादूघर से लगते बादल
  • टेसूजी की भारत यात्रा

निधन

डॉ. राष्ट्रबंधु का 3 मार्च, 2015 मंगलवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बाल साहित्य के पितामह डॉ. राष्ट्रबंधु नहीं रहे (हिन्दी) नई दुनिया। अभिगमन तिथि: 7 मार्च, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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