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दामोदर पण्डित

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दामोदर पण्डित भारत में हिन्दी के प्रथम वैयाकरणाचार्य माने जाते थे। ये बनारस के निवासी थे। दामोदर पण्डित ने गद्य में 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' की रचना की थी।

  • इनके द्वारा रचित 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' हिन्दी व्याकरण का पहला ग्रंथ है। इसका रचना काल बारहवीं शती पूर्वार्द्ध का माना जाता है।
  • 'प्राकृत पैगलम्' दामोदर पण्डित द्वारा रचित एक काव्य ग्रन्थ है, जो काशी के राजकुमारों को बाज़ार की भाषा सिखलाने के लिए रची गई थी।
  • काशिकेय के मतानुसार काशीश्वर राना की प्रशंसा इसी काव्य का अंश है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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