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'''अर्जुन सिंह शेखावत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Arjun Singh Shekhawat'') [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। वर्ष [[2021]] में राजस्थान की तीन हस्तियों को '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया है, जिसमें एक पाली के डॉक्टर अर्जुन सिंह शेखावत भी हैं। 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखने वाले अर्जुन सिंह शेखावत पाली जिले से हैं।<br /> | [[चित्र:Arjun-Singh-Shekhawat.jpg|thumb|250px|अर्जुन सिंह शेखावत]] | ||
'''अर्जुन सिंह शेखावत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Arjun Singh Shekhawat'') [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध [[साहित्यकार]] हैं। वर्ष [[2021]] में राजस्थान की तीन हस्तियों को '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया है, जिसमें एक पाली के डॉक्टर अर्जुन सिंह शेखावत भी हैं। 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखने वाले अर्जुन सिंह शेखावत पाली जिले से हैं।<br /> | |||
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*अर्जुन सिंह शेखावत ने राजस्थानी मायड़ भाषा को सम्मान दिलाने में संघर्ष किया है। उन्होंने 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखा है। | *अर्जुन सिंह शेखावत ने राजस्थानी मायड़ भाषा को सम्मान दिलाने में संघर्ष किया है। उन्होंने 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखा है। | ||
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12:14, 27 मार्च 2021 के समय का अवतरण

अर्जुन सिंह शेखावत (अंग्रेज़ी: Arjun Singh Shekhawat) राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। वर्ष 2021 में राजस्थान की तीन हस्तियों को 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया है, जिसमें एक पाली के डॉक्टर अर्जुन सिंह शेखावत भी हैं। 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखने वाले अर्जुन सिंह शेखावत पाली जिले से हैं।
- अर्जुन सिंह शेखावत ने राजस्थानी मायड़ भाषा को सम्मान दिलाने में संघर्ष किया है। उन्होंने 50 से ज्यादा मायड़ भाषा में रचनाओं को लिखा है।
- शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में डॉ. अर्जुन सिंह शेखावत को 'पद्मश्री' के लिये चुना गया था।
- डॉक्टर शेखावत का नाम पूरे राजस्थान में सबसे ज्यादा राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने के लिए आता है। वह पिछले 30 सालों से राजस्थानी मायड़ भाषा को संविधान में शामिल कर इसे मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
- राजस्थानी भाषा और साहित्य को जीवन समर्पित करने वाले अर्जुन सिंह शेखावत ने अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद वे बी.डी.ओ. बने। इस बीच उनका साहित्य प्रेम बढ़ता गया।
- राजस्थानी भाषा, संस्कृति और आदिवासी जीवन पर लिखे साहित्य के कारण उन्हें 'पद्मश्री (2021)' से सम्मानित किया गया।
- अर्जुन सिंह शेखावत अब तक 22 पुस्तकें लिख चुके हैं और कई पुस्तकों का अनुवाद और संपादन किया है। इस तरह उनके साहित्य की संख्या 50 तक पहुंच गई।
- उन्हें अब तक अठारह पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने 'ट्राइबल क्लचर ऑफ गरासिया' पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद भी किया।
- 'भाखर रा भोमिया' उनकी चर्चित पुस्तक है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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