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'''शंख घोष''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shankha Ghosh'', जन्म- [[5 फ़रवरी]], [[1932]]; मृत्यु- [[21 अप्रॅल]], [[2021]]) प्रसिद्ध बांग्ला कवि, आलोचक एवं शिक्षाविद थे। उन्हें वर्ष [[2016]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] और [[2011]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था।  
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==लेखन कार्य==
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==पुरस्कार व सम्मान==
 
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*[[ज्ञानपीठ सम्मान]] ([[2016]])

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शंख घोष
शंख घोष
पूरा नाम शंख घोष
जन्म 5 फ़रवरी, 1932
जन्म भूमि चाँदपुर, बांग्लादेश
मृत्यु 21 अप्रॅल, 2021
मृत्यु स्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल
पति/पत्नी प्रतिमा घोष
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र बांग्ला साहित्य तथा काव्य
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शंख घोष समकालीन बंगला कविता में एक श्रेष्ठ नाम होने के साथ ही वे अप्रतिम गद्यकार और आलोचक भी थे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

शंख घोष (अंग्रेज़ी: Shankha Ghosh, जन्म- 5 फ़रवरी, 1932; मृत्यु- 21 अप्रॅल, 2021) प्रसिद्ध बांग्ला कवि, आलोचक एवं शिक्षाविद थे। उन्हें वर्ष 2016 में ज्ञानपीठ पुरस्कार और 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

परिचय

शंख घोष का जन्म 5 फ़रवरी, 1932 को चाँदपुर, बांग्लादेश में हुआ था। उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाने वाला रचनाकार माना जाता है। शंख घोष ने बंगला साहित्य में कोलकाता विश्वविद्यालय से एम. ए. की उपाधि प्राप्त की। वह समकालीन बंगला कविता में एक श्रेष्ठ नाम होने के साथ ही वे अप्रतिम गद्यकार और आलोचक भी थे।

लेखन कार्य

बंगला साहित्य में अमूमन रचनात्मक लेखक और कवि ही आलोचक होता है। 60 से अधिक पुस्तकों के रचयिता शंख घोष अपनी अनूठी बिम्ब योजना, काल सापेक्ष कथ्य और कविता की अपनी विशिष्ट बनक के लिए अपार लोकप्रियता अर्जित कर चुके थे। वे जीवन भर विभिन्न शिक्षा प्रतिष्ठानों में अध्यापन करते रहे। 1992 में जादवपुर विश्वविद्यालय से सेवामुक्त होकर पूर्णकालिक लेखक के रूप में कार्य करते रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय, विश्वभारती विश्वविद्यालय और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, शिमला में भी अध्यापन किया।

पुरस्कार व सम्मान

मृत्यु

बंगाली कवि शंख घोष ने 21 अप्रॅल, 2021 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में अंतिम सांस ली।.वह 89 वर्ष के थे और जांच में कोविड-19 पॉजिट‍िव पाए गए थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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