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*[[पंजाब]] में [[शिवालिक पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] से जुड़े हुए मैदान ऊपरी भाग में स्थित नदियों के जाल को '''चोस''' कहते हैं।  
 
 
*इन चोस द्वारा काफ़ी अपरदन किया गया है, जिसके कारण यहाँ काफ़ी खड्डों का निर्माण हो गया है।  
 
*इन चोस द्वारा काफ़ी अपरदन किया गया है, जिसके कारण यहाँ काफ़ी खड्डों का निर्माण हो गया है।  
 
*प्रत्येक बाढ़ के बाद चोस द्वारा जमा की गयी वालुका राशि व्यवस्थित एवं पुनव्र्यवस्थ्ज्ञित होती रहती है तथा नदियों के कगार के अधिक अस्थायी होने के कारण उनका मार्ग भी हमेशा परिवर्तित होता रहता है।  
 
*प्रत्येक बाढ़ के बाद चोस द्वारा जमा की गयी वालुका राशि व्यवस्थित एवं पुनव्र्यवस्थ्ज्ञित होती रहती है तथा नदियों के कगार के अधिक अस्थायी होने के कारण उनका मार्ग भी हमेशा परिवर्तित होता रहता है।  
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07:40, 30 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

चोस पंजाब में शिवालिक पहाड़ियों से जुड़े हुए मैदान ऊपरी भाग में स्थित नदियों के जाल को कहते हैं।

  • इन चोस द्वारा काफ़ी अपरदन किया गया है, जिसके कारण यहाँ काफ़ी खड्डों का निर्माण हो गया है।
  • प्रत्येक बाढ़ के बाद चोस द्वारा जमा की गयी वालुका राशि व्यवस्थित एवं पुनव्र्यवस्थ्ज्ञित होती रहती है तथा नदियों के कगार के अधिक अस्थायी होने के कारण उनका मार्ग भी हमेशा परिवर्तित होता रहता है।
  • चोस अपनदन के स्पष्ट उदाहरण होशियारपुर में पाये जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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