महासागरों के सन्निकट पाये जाने वाले सीमांत और अंतर्देशी सागरों को आसन्न सागर कहा जाता है।
- सामान्यत: इस प्रकार के सागर आकार में छोटे होते हैं, क्योंकि अनेत सीमांत और अंतर्देशी सागर पूर्णत: स्थल से घिरे होते हैं, इसी कारण इन सागरों का जल और धरातल निकट के स्थल खण्ड से प्रभावित रहता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भौगोलिक शब्दावली |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकिशन, जयपुर व नई दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 06 |