कटिबन्ध से तात्पर्य है कि, प्रत्येक गोलार्द्ध को ताप के आधार पर कई भागों में बाँटा गया है, इन भागों को ही 'कटिबन्ध' कहते हैं। ये क्षेत्र विषुवत रेखा से दूरी के अनुसार बाँटे जाते हैं, क्योंकि पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य की किरणे कितनी लम्बवत गिरती हैं, यह उस स्थान की विषुवत रेखा से दूरी पर निर्भर करता है।
कटिबन्ध निम्न प्रकार के होते हैं-
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