आर्केंसैस

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आर्केसैस अमरीका के सयुंक्त राज्यों में से एक जो 33° उ. से 36° 30¢ उ. अ. तथा 89° 40¢ प. से 94° 42फ़ प. दे. के बीच में है। इसके उत्तर में मिसौरी, पूर्व में मिसीसिपी, दक्षिण में लूइसियाना तथा पश्चिम में टेक्सास और ओकलाहोमा हैं। इसका क्षेत्रफल 53,102 वर्ग मील है और 1971 में जनसंख्या 18,86,210 थी। यह मिसीसिपी की द्रोणी में स्थित है। इसको हम चार प्राकृतिक विभागों में बांट सकते हैं: दो ऊँचे पठार, एक नदी की घाटी तथा एक पहाड़ी विभाग। मेक्सिको की खाड़ी के प्रभाव से यहाँ की जलवायु दक्षिणी है। जाड़ा, वसंत, गर्मी तथा बरसात का निम्नतम ताप क्रमानुसार 4.6° ,61.3° , 78.8° तथा 61.2° रहता है। पूवौक्त ऋतुओं में औसत वर्षा क्रमानुसार 11.7¢¢ ,14.5¢¢ 10.5¢¢ और 10.2¢¢ होती है यहाँ वनस्पति तथा जंतु अधिकता से मिलते हैं। राज्य का 1/4 भागा जंगलों से ढका है। कृषि यहाँ का मुख्य उद्यम है तथा कपास मुख्य उपज। कपास के अतिरिक्त सोयाबीन, चावल तथा अंडों का भी उत्पादन होता है। 1970 में यहाँ के कुल पशुओं की संख्या 18,05,000 थी जिनमें 1,57,000 दुधारू गाएँ,8,000 भेंड़ और 2,88,000 सुअर हैं। कपास तथा कपास के बने पक्के माल का मूल्य कृषि की संपूर्ण उपज के मूल्य का लगभग आधा रहता है। यहाँ का चावल उद्योग भी विकसित हो रहा है। फलों के उत्पादन में भी इस राज्य का स्थान ऊँचा है। पशु उद्योग तथा दूध से बने पदार्थो के उद्योग पर अब अधिक ध्यान दिया जा रहा है। यहाँ का काष्ठ उद्योग भी महत्वपूर्ण है। खनिज उद्योग में पेट्रेलियम का स्थान 1940 तक सर्वोच्च रहा। इस राज्य में रेल तथा सड़क द्वारा यातायात से साधन सुविकसित हैं। दम चूल्हा बनाने का उद्योग यहाँ काफी विकसित है और इसके उत्पादन में इसका स्थान अमरीका में दूसरा हे।

आर्केंसैस कोलोरेडो राज्य में रॉकी पर्वतश्रेणियों (29° 20¢ उ.अ.-106° 5¢ प.दे.) से निकलकर 2,000 मील के प्रवाह के अनंतर मिसीसिपी-मिसौरी नदी में मिल जाती है। मिसीसिपी--मिसौरी प्रणाली में यह सबसे बड़ी नदी है। कैनियन नामक कंदर के कुछ ऊपर ही यह रॉकी पर्वत को छोड़ देती है। नदी के किनारे पर 1,300 मील तक बलुआ, चिकनी तथा दोमट मिट्टी पाई जाती है। गर्मी में इस नदी में भंयकर बाढ़ आ जाया करती है।

आर्केसैस नगर और मिसीसिपी राज्य की सीमा पर मिसीसिपी नदी के किनारे बसा है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 428 |

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