कोला प्रायद्वीप

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कोला प्रायद्वीप आर्कटिक रेखा से उत्तर में स्थित है। यह प्रायद्वीप तीन तरफ़ से समुद्र से घिरा हुआ है। कोला प्रायद्वीप रूस के सुदूर पश्चिमोत्तरी भाग में स्थित है। यद्यपि बहुत अधिक उत्तर में स्थित होने के कारण यह प्रायद्वीप काफ़ी सर्द होना चाहिए, किंतु गल्फ़ स्ट्रीम नामक गर्म समुद्री प्रवाह के निकट से गुज़रने के कारण यहाँ सर्दियों में तापमान उतना कम नहीं हो पाता, जितना की होना चाहिए।

भौगोलिक तथ्य

रूस के मूरमान्स्क ओब्लास्त नामक संघीय खंड का अधिकतर भूभाग कोला प्रायद्वीप पर ही स्थित है। उत्तर में बारेन्त्स सागर और पूर्व व दक्षिण-पूर्व में श्वेत सागर से यह प्रायद्वीप घिरा हुआ है, अर्थात् इसके तीन ओर विशाल जलराशि है। यहाँ ज़मीन और बारेन्त्स सागर में तापमान के अंतर के कारण अक्सर शक्तिशाली हवाएँ भी चलती रहती हैं। गर्मियों में तापमान काफ़ी कम रहता है, जबकि जुलाई के महीने का औसत तापमान केवल +11 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। कोला प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में टुण्ड्रा प्रदेश का विस्तार है, जहाँ ज़मीन के नीचे सदैव जमा हुआ पर्माफ़्रोस्ट किसी बड़े वृक्ष को जड़ें जमाने ही नहीं देता। इस क्षेत्र में मात्र घास व झाड़ ही नज़र आते हैं।

इतिहास

कोला प्रायद्वीप पर 7000 ई. पू. से ही मानव उपस्थिति के प्रमाण दृष्टिगोचर होते हैं। किंतु 1000 ई. तक यहाँ केवल सामी लोग निवास करते थे। इसके पश्चात12वीं सदी में नोवगोरोद क्षेत्र से रूसी लोग यहाँ आकर बस गये, जिनकी बाद के समय में विशेष पहचान बन गई। इन्हें 'पोमोर' कहा जाने लगा, जिसका रूसी भाषा में अर्थ होता है- 'समुद्री लोग'। यह क्षेत्र धीरे-धीरे नोवगोरोद गणतंत्र का हिस्सा बन गया। वर्ष 1471 में मोस्को महा-ड्यूक राज्य ने इस पर अधिकार जमाया, लेकिन यहाँ पर रूसी आते रहे। यहाँ आने वाले नये रूसियों ने स्थानीय सामी व पोमोर लोगों को अपने अधीन मेहनत-मज़दूरी करने पर मजबूर कर दिया।

16वीं सदी तक रूसी त्सार-राज्य और डेनमार्क-नॉर्वे राजशाही के बीच कोला प्रायद्वीप को लेकर अनबन शुरू हो गई। इस कारण से रूसियों ने यहाँ अपनी उपस्थिति और भी मज़बूत कर ली। पूर्व से कोमी लोग और नेनेत्स लोग भी यहाँ आकर बसने लगे, क्योंकि उनकी मातृभूमियों में उनके रेनडियर के झुंडों में महामारी फैलने लगी थी। रूसी, कोमी और नेनेत्स के दबाव से सामी लोग उत्तर की ओर प्रस्थान करने लगे। वर्ष 1916 में 'रोमानोव-ना-मूरमान' शहर की स्थापना हुई, जिसे मूरमान्स्क कहा गया। कोला प्रायद्वीप पर सोवियत संघ के ज़माने में आबादी का काफ़ी विस्तार हुआ। अधिकतर लोग समुद्र तट और रेलमार्ग के किनारे ही आकर बसे।

अर्थव्यवस्था

निकल उत्पादन यहाँ का एक मुख्य कारोबार था। फ़ौजी परमाणु हथियारों और निकल कारख़ानों के प्रदूषण से पर्यावरण को काफ़ी हानि हुई। 1991 में सोवियत संघ के टूटने पर यहाँ की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी।

जनसंख्या

1989 से 2002 के बीच मूरमान्स्क ओब्लास्त के एक-चौथाई लोग कोला प्रायद्वीप से अन्यत्र प्रस्थान कर गए। वर्ष 2002 से 2010 के बीच कोला प्रायद्वीप की आबादी एक लाख और कम हो गई, फिर भी यह क्षेत्र अभी भी उत्तरी रूस का सबसे अधिक शहरी और औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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