कटांगा प्रदेश

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कटांगा प्रदेश कांगो गणतंत्र का दक्षिणी प्रांत है। पहले इस प्रदेश का नाम 'एलिज़ाबेथविले' था। यह एक पठारी क्षेत्र है, जहाँ से मांगों नदी निकलती है। यहाँ की जलवायु दक्षिण अफ़्रीका के समान है। इस कारण यह मोटे अनाज और पशुपालन के लिए अच्छी है। कटांगा में ताम्रशोधक कारखाने भी हैं, जहाँ ताँबा साफ किया जाता है। यहाँ ताँबे का भण्डार काफ़ी अधिक है।[1]

इतिहास

कटांगा का पहले नाम 'एलिज़ाबेथविले' था, जिस नाम पर उस नगर की स्थापना 1910 ई. में हुई, जो यहाँ की राजधानी है। इसके उत्तर में कसाई और किबु प्रांत, दक्षिण और पूर्व में उत्तरी रोडेशिया और पश्चिम में अंगोला राज्य हैं। कटांगा एक पठारी भाग है, जहाँ से मांगों नदी निकलकर पश्चिम में अंध महासागर में गिरती है। इस पठार की औसत ऊँचाई 3,000 फुट है।

भौगोलिक दशाएँ

कांगों और जांबेजी नदी नदियों के जल विभाजक के रूप में यह पठारी भाग पैलियोज़ोइक चट्टानों द्वारा निर्मित है। काटांगा प्रांत का वर्तमान क्षेत्रफल 1,91,878 वर्ग मील है। यहाँ की जलवायु दक्षिण अफ़्रीका की तरह है, जिससे यहाँ की भौतिक परिस्थितियाँ मोटे अनाजों के उत्पादन और पशुपालन के लिए अनुकूल हैं। कांगों के अतिरिक्त बुकामा और लुआलाबा मुख्य नदियाँ हैं, जिनसे यातायात होता है।

आर्थिक महत्त्व

कटांगा विश्व का प्रमुख यूरेनियम उत्पादक क्षेत्र है, जहाँ चिंकोलोबी नामक खान से पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम निकाला जाता है। कटांगा तथा रोडेशिया के मध्य भाग में ताँबे का 11,50,00,000 टन से भी अधिक भंडार मौजूद है। इसके उत्पादन का महत्व विगत से, रेलों के निर्माण के कारण, अधिक बढ़ गया है। एलिज़ाबेथविले में ताम्र शोधक कारखाने हैं, जहाँ ताँबा साफ किया जाता है।[1]

औद्योगिक क्षेत्र

इसके अतिरिक्त ज़ेदोतविले, बुकाम और तेन्के मुख्य औद्योगिक नगर हैं। मोपरी झील के पास टिन का उत्पादन होता है। इनके अतिरिक्त पठारी ऊँची-नीची भूमि होने के कारण यहाँ जल विद्युत उत्पादन के लिए भी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं और चूट्स कार्नेट में पर्याप्त मात्रा में जल विद्युत पैदा की जाती है। रोडेशिमा एवं न्यासालैंड को भी यहाँ से विद्युत आपूर्ति की जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 कटांगा प्रदेश (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 फ़रवरी, 2014।

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